
आप सभी ने हिंदू घरों के मुख्य द्वार पर आटे का चौक या रंगोली बनी हुई जरूर देखी होगी। उत्तर और मध्य भारत की तुलना में घर के सामने या मुख्य द्वार पर रंगोली या चौक बनाने की परंपरा या नियम दक्षिण भारत में ज्यादा देखने को मिलती है। हिंदू धर्म के छोटे से लेकर बड़े हर अनुष्ठान में चौक का विशेष महत्व है। एक तरह से देख जाए तो बिना चौक के पूजा और अनुष्ठान अधूरी है। बहुत से लोगों को लगता है कि चौक सजावट के लिए बनाया जाता है, तो वहीं ज्यादातर लोगों को इसके पीछे का कारण और महत्व नहीं पता होता है, इसलिए आज हम आपको चौक का महत्व और इसे बनाने का कारण बताएंगे।

रोजाना सुबह उठ कर घर के मुख्य द्वार का झाडू कर साफ पानी से छींटे लगाएं या धो लें। फिर दरवाजे के दोनों तरफ चावल के आटे में हल्दी मिलाकर या साधारण आटे से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। यदि आपको दूसरा फूल डिजाइन बनाने आता है तो आप वह भी बना सकते हैं, नहीं तो छाप की मदद से माता लक्ष्मी की चरण पादुका बना सकते हैं। चौक बनाने के बाद दीया भी जलाएं इससे माता लक्ष्मी अपने भक्तों से प्रसन्न होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

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Image Credit: kolam_mypassion, utsavseries0.0
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