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why chauk is made in main door

सुबह-सुबह घर के मुख्य द्वार पर चौक क्यों बनाया जाता है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का एक-एक कोना का महत्वपूर्ण स्थान होता है, तभी तो सालों से घर के मुख्य द्वार पर चौक बनाने की परंपरा रही है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-02-08, 15:42 IST

आप सभी ने हिंदू घरों के मुख्य द्वार पर आटे का चौक या रंगोली बनी हुई जरूर देखी होगी। उत्तर और मध्य भारत की तुलना में घर के सामने या मुख्य द्वार पर रंगोली या चौक बनाने की परंपरा या नियम दक्षिण भारत में ज्यादा देखने को मिलती है। हिंदू धर्म के छोटे से लेकर बड़े हर अनुष्ठान में चौक का विशेष महत्व है। एक तरह से देख जाए तो बिना चौक के पूजा और अनुष्ठान अधूरी है। बहुत से लोगों को लगता है कि चौक सजावट के लिए बनाया जाता है, तो वहीं ज्यादातर लोगों को इसके पीछे का कारण और महत्व नहीं पता होता है, इसलिए आज हम आपको चौक का महत्व और इसे बनाने का कारण बताएंगे।

मुख्य द्वार की सफाई कर बनाएं चौक

why is chauk made at home main door

रोजाना सुबह उठ कर घर के मुख्य द्वार का झाडू कर साफ पानी से छींटे लगाएं या धो लें। फिर दरवाजे के दोनों तरफ चावल के आटे में हल्दी मिलाकर या साधारण आटे से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। यदि आपको दूसरा फूल डिजाइन बनाने आता है तो आप वह भी बना सकते हैं, नहीं तो छाप की मदद से माता लक्ष्मी की चरण पादुका बना सकते हैं। चौक बनाने के बाद दीया भी जलाएं इससे माता लक्ष्मी अपने भक्तों से प्रसन्न होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। 

मुख्य द्वार पर चौक बनाने से क्या होता है?

why is chauk made at home

  • घर के मुख्य द्वार पर चौक बनाने को शुभता का प्रतीक माना गया है। 
  • रोज सुबह घर के मुख्य द्वार की सफाई कर चौक बनाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर (घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के उपाय) होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। 
  • मुख्य द्वार पर चौक बनाने को लेकर लोक मान्यता है कि सुबह-सुबह देवता और माता लक्ष्मी भ्रमण करते हुए सभी के घर को देखते हुए जाते हैं। ऐसे में यदि किसी के घर का मुख्य दरवाजा साफ-सुथरा हो और उसमें चौक बना हुआ है तो देवता प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
  • हिंदू धर्म में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान चौक के बिना अधूरा है, चौक का निर्माण देवी-देवताओं के सम्मान में बनाया जाता है।
  • देवउठनी एकादशी हो या मार्गशीर्ष मास का गुरुवार पूजा इन दोनों पर्वों पर चावल आटे के घोल से चौक बनाकर माता लक्ष्मी और भगवान नारायण का स्वागत सत्कार किया जाता है।
  • चौक बनाने के बाद रोजाना उस जगह सुबह और शाम दीप भी जलाना चाहिए, इससे देवी देवता अपनी कृपा बनाए रखते हैं। चौक और दीप की रौशनी से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में प्रवेश करती हैं।

 

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Image Credit: kolam_mypassion, utsavseries0.0

 

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