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त्योहारों के सीजन में अगर आप भी दरवाजे पर लगाती हैं आम और अशोक के पत्तों की तोरण, तो इसे बदलने का शुभ समय भी जानें

घर को सजाने के लिए आप सभी मुख्य द्वार पर तोरण लगाती होंगी, लेकिन क्या आप जानती हैं कि इसे शुभ समय पर लगाने के साथ इसे बदलना भी जरूरी होता है। आइए आपको बताते हैं आम और अशोक के पत्तों के तोरण को कब बदलना चाहिए। 
Editorial
Updated:- 2025-10-10, 17:49 IST

त्योहारों का मौसम हर घर में खुशी और सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है। त्योहार शुरू होने के काफी दिनों पहले से ही घरों की सजावट शुरू हो जाती है। लोग पूजा-पाठ की तैयारियां भी करते हैं और घर के कोने-कोने को सजाते हैं। घर की सजावट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाना। तोरण आमतौर पर अशोक या आम के पत्तों से बनाया जाता है और ये सकारात्मक ऊर्जा को घर के भीतर आकर्षित करता है। तोरण किसी भी घर की शुभता का प्रतीक भी मानी जाती है। खासकर आम और अशोक के पत्तों की तोरण को समृद्धि का प्रतीक कहा जाता है। आमतौर पर लोग घरों में तोरण लगाकर भूल जाते हैं और इसके पत्ते सूखने के बाद भी ये मुख्य द्वार पर लगी रहती है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि तोरण लगाने का सही समय क्या है और इसे हटाना कब चाहिए? तोरण लगाने के कितने दिन बाद इसे बदलना जरूरी होता है, जिससे इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न हो। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें तोरण को हटाने के नियम के बारे में विस्तार से।

तोरण लगाने का महत्व

भारतीय संस्कृति में दरवाजे पर तोरण लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। यह न केवल घर को सुंदर बनती है, बल्कि बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से भी घर को बचाती है। तोरण के लिए आम और अशोक के पत्ते विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। आम का पेड़ समृद्धि और जीवन की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, जबकि अशोक का पेड़ शांति और सौहार्द का प्रतीक होता। इसी वजह से इन्हीं दो पत्तों की तोरण मुख्य रूप से घर के लिए बनाई जाती है।

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तोरण को बदलना क्यों है जरूरी

त्योहारों के समय आम और अशोक की तोरण लगाने के कुछ दिनों के बाद ही इसके पत्ते सूख जाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि इस तरह की तोरण से घर की सकारात्मक ऊर्जा कम हो सकती है। इसलिए ज्योतिष एक्सपर्ट बताते हैं कि सूखे पत्तों को समय-समय पर बदलते रहना जरूरी है। दरवाजे पर लगा नया तोरण न केवल दिखने में सुंदर लगता है, बल्कि ऊर्जा का प्रवाह भी अच्छा बनाए रखता है।

तोरण बदलने का शुभ समय क्या होता है

ज्योतिष के अनुसार, तोरण बदलने का सबसे शुभ समय त्योहारी सीजन की शुरुआत से ठीक पहले या पूर्णिमा और अमावस्या के दिन माना जाता है। सुबह के समय सूर्य की रोशनी में तोरण बदलना विशेष रूप से शुभ होता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और परिवार के सभी सदस्य स्वास्थ्य, संपत्ति और सुख-शांति में वृद्धि का अनुभव करते हैं। यही नहीं आपको इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि तोरण लगाने के दो हफ्ते बाद इसे बदल देना चाहिए, क्योंकि आम या अशोक की पत्तियां लगभग दो हफ्ते तक हरी रहती हैं, लेकिन इसके तुरंत बाद जैसे ही पत्तियां सूख जाएं आपको तोरण हटाकर इसकी जगह नया तोरण लगा देना चाहिए।

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तोरण लगाने का सही तरीका क्या होता है

  • जब भी आप दरवाजे पर तोरण लगाएं दरवाजे के ऊपर या दरवाजे के सामने साफ और सुव्यवस्थित स्थान चुनें। 
  • हमेशा तोरण के लिए ताजे आम और अशोक के पत्ते लें। पुराने या सूखे पत्तों का इस्तेमाल आप भूलकर भी न करें।
  • दरवाजे के आकार के अनुसार तोरण की लंबाई और चौड़ाई तय करें। आम के पत्तों की संख्या 7,11, 21 या 51 की संख्या में रखें।

घर के मुख्य द्वार को सजाने और उसमें सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए तोरण लगाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सही दिशा में लगे तोरण से धन लाभ, मानसिक शांति और पारिवारिक सौहार्द बढ़ता है। वहीं, यदि इसके पत्ते समय रहते बदल दिए जाते हैं तो ऊर्जा का सही संतुलन बना रहता है।

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