herzindagi
why do we take resolution before puja or fast sankalp kyu liya jata hai

पूजा या व्रत से पहले क्यों लिया जाता है संकल्प ?

शास्त्रों में पूजा-पाठ करने के नियम और विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। आइए इस लेख में जानते हैं कि पूजा या व्रत से पहले संकल्प लेने का महत्व क्या है? 
Editorial
Updated:- 2024-12-06, 15:00 IST

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि यह भक्तों के आस्था का प्रतीक है। पूजा के माध्यम से भक्त ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करता है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करता है। वहीं पूजा-पाठ करने के दौरान कई नियमों के बारे में भी बताया गया है। आपको बता दें, पूजा और व्रत करने से पहले नियम और उसके बाद के नियम भी बेहद मायने रखते हैं। शास्त्र में बताया गया है कि पूजा-पाठ का आरंभ सबसे पहले संकल्प लेने के साथ होता है। अगर आप भी कोई व्रत या पूजा-पाठ करते हैं, तो इससे पहले संकल्प जरूर लेते हैं। अब ऐसे में सवाल है कि पूजा या व्रत करने से पहले संकल्प लेना क्यों जरूरी माना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

पूजा-पाठ में संकल्प लेने का क्या अर्थ है?

Sankalp

पूजा-पाठ में संकल्प लेने का अर्थ है कि अपने ईष्टदेव या आराध्य को साक्षी मानकर संकल्प लेना है कि हम जिस मनोकामना के लिए पूजा या व्रत कर रहे हैं, तो पूजा को पूर्ण करें।

इसे जरूर पढ़ें - Hindu Beliefs: स्नान के बाद ही क्यों करनी चाहिए पूजा?

पूजा-पाठ में संकल्प कैसे लेते हैं?

अगर आप पूजा-पाठ से पहले संकल्प लेने जा रहे हैं, तो इसमें सबसे पहले हाथ में जल, अक्षत और फूल लेकर भगवान गणेश का ध्यान करें। क्यों कि भगवान श्री गणेश अग्नि, पृथ्वी, जल, वायु और आकाश के अधिपति हैं। इस तरह आप संकल्प लेकर पूजा का आरंभ कर सकते हैं। अगर आप बिना संकल्प लिए पूजा कर रहे हैं, तो इससे पूजा-पाठ में विघ्न आने लग जाते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पूजा और व्रत करने से पहले आपने कोई भी संकल्प लिया है,तो उसे व्रत और पूजा करने के बाद जरूर पूरी करें। सकंल्प को अधूरान छोड़ें।

इसे जरूर पढ़ें -  क्या बिना स्नान के पूजा करना ठीक है? जानें क्या कहता है शास्त्र

पूजा-पाठ से पहले संकल्प न लेने से क्या होगा?

puja sankalp

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजा-पाठ और व्रत से पहले अगर संकल्प न लिया जाए, तो वह अधूरी मानी जाती है और इससे जातकों को शुभ परिणाम नहीं मिलते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग बिना संकल्प के पूजा या व्रत करते हैं, तो उनके पूजा का पूरा फल देवराज इंद्र को प्राप्त होता गै। इसलिए अगर आप सामान्य पूजा या धार्मिक अनुष्ठान करने जा रहे हैं, तो इससे पहले संकल्प अवश्य लें।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- HerZindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।