Monkey Boon: बंदरों ने क्यों मांगा था श्री राम से ऐसा वरदान?

आपने बंदर देखे होंगे और उन्हें एक्सीडेंट या बिजली की तार के झटके से मरते हुए भी देखा होगा लेकिन आपने कभी किसी बंदर की नेचुरल डेथ नहीं देखी होगी या किसी बंदर को तपस्या करते नहीं देखा होगा। ऐसा क्यों आइये जानते हैं। 

monkey boon story
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Shri Ram Ne Bandaro Ko Kya Vardan Diya Tha: रामायण से जुड़ा एक रोचक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

यह किस्सा श्री राम और वानरों से संबंधित है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि वानरों को श्री राम से वरदान प्राप्त है।

यह वरदान बंदरों की मृत्यु से जुड़ा है जो आज भी फलित होता है। इस वरदान को श्री राम ने युद्ध के बाद वानरों को दिया था।

वानरों का रामायण युद्ध में महत्व

shri ram and monkey sena

  • रामयण काल में रावण से युद्ध के दौरान वानर सेना ने अहम भूमिका निभाई थी।
  • श्री राम के मार्गदर्शन में वानर सेना ने रावण की मायावी सेना को परास्त किया था।
  • वानर राज सुग्रीव ने भी कई भयंकर राक्षसों का वध कर श्री राम (श्री राम की मृत्यु का रहस्य) की सहायता की थी।
  • वहीं, हनुमान जी ने तो सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं कठिन कार्यों को किया था।
  • माता सीता की खोज, रावण पुत्र का वध, लंका दहन आदि में हनुमान जी का योगदान था।
  • हनुमान जी की सहायता से वानर सेना ने मात्र पांच दिन में सेतु का निर्माण किया था।
  • इसी सेतु के कारण श्री राम की वानर सेना रावण की लंका पर चढ़ाई कर पाई थी।
  • ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि रामायण का युद्ध वानर सेना के बिना संभव न था।

श्री राम ने वानरों को दिए थे दो वरदान

shri ram and monkey sena in ramayan

  • कथा के अनुसार, युद्ध में विजय होने के बाद श्री राम वनार सेना के साथ लौट रहे थे।
  • श्री राम ने लौटते समय वानरों को वरदान देने की इच्छा जताई और कुछ मांगने को कहा।
  • तब वानरों का प्रतिनिधित्व करते हुए हनुमान जी (कौन थीं हनुमान जी की 3 पत्नियां) ने श्री राम से दो वरदान मांगे थे।
  • पहले वरदान यह था कि वानरों को जब भी मृत्यु आए तो उन्हें पता चल जाए।
  • ऐसा इसलिए ताकि मृत्यु से पूर्व वह तपस्या कर श्री राम भक्ति में लीन हो जाएं।
  • मृत्यु के समय उनके मुख पर राम नाम हो जिससे वह राम चरणों में स्थान पाएं।
  • वहीं, दूसरा वरदान यह था कि उनकी स्वाभाविक मौत कोई मनुष्य न देख सके।
  • श्री राम ने खुशी-खुशी हनुमान जी समेत सभी वानरों को यह वरदान दिया।
  • तब से आज तक कोई भी मनुष्य वानरों की नेचुरल डेथ नहीं देख पाता है।
  • भले ही आप बंदर को किसी दुर्घटना में मरते हुए देख लें।
  • मगर किसी भी वानर की स्वाभाविक मौत देखना मनुष्यों के वर्जित है।

आपने भी अगर किसी बंदर को स्वाभाविक मौत मरते नहीं देखा है तो यहां आप कारन जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: pinterest, freepik

  • कथा के अनुसार, युद्ध में विजय होने के बाद श्री राम वनार सेना के साथ लौट रहे थे।
  • श्री राम ने लौटते समय वानरों को वरदान देने की इच्छा जताई और कुछ मांगने को कहा।
  • तब वानरों का प्रतिनिधित्व करते हुए हनुमान जी (कौन थीं हनुमान जी की 3 पत्नियां) ने श्री राम से दो वरदान मांगे थे।
  • पहले वरदान यह था कि वानरों को जब भी मृत्यु आए तो उन्हें पता चल जाए।
  • ऐसा इसलिए ताकि मृत्यु से पूर्व वह तपस्या कर श्री राम भक्ति में लीन हो जाएं।
  • मृत्यु के समय उनके मुख पर राम नाम हो जिससे वह राम चरणों में स्थान पाएं।
  • वहीं, दूसरा वरदान यह था कि उनकी स्वाभाविक मौत कोई मनुष्य न देख सके।
  • श्री राम ने खुशी-खुशी हनुमान जी समेत सभी वानरों को यह वरदान दिया।
  • तब से आज तक कोई भी मनुष्य वानरों की नेचुरल डेथ नहीं देख पाता है।
  • भले ही आप बंदर को किसी दुर्घटना में मरते हुए देख लें।
  • मगर किसी भी वानर की स्वाभाविक मौत देखना मनुष्यों के वर्जित है।

आपने भी अगर किसी बंदर को स्वाभाविक मौत मरते नहीं देखा है तो यहां आप कारन जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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FAQ

  • श्री राम की सेना में कितने वानर थे?

    श्री राम की सेना में 10,00,000 से ज्यादा वानर थे।
  • वानर सेना के राजा कौन थे?

    वानर सेना के राजा सुग्रीव थे जिन्होंने श्री राम के लिए अपनी सेना को युद्ध हेतु तैयार किया था।