जिस सुपरमार्केट में आप जाकर सामान खरीदते हैं और हर बार जरूरत से ज्यादा शॉपिंग भी कर लेते हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि जब आप सुपरमार्केट में एंटर होते हैं, तो दरवाजे पर ही आपको शॉपिंग कार्ट या ट्रॉली दिखाई देती है और इसे लेकर आप शॉपिंग करना शुरू कर देते हैं। जो भी आप शॉपिंग करते हैं उस सामान को आप ट्रॉली में ड्रॉप करते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शॉपिंग ट्रॉली जालीदार ही क्यों होती है और इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है?
अगर आपको लगता है कि केवल स्टाइल की वजह से शॉपिंग ट्रॉली को जालीदार बनाया जाता है, तो आप गलत हैं। यह डिजायन दशकों से बनाई जाती रही है। आइए हम इस आर्टिकल में जानते हैं कि आखिर क्यों सुपरमार्केट ट्रॉली को जालीदार ही बनाया जाता है?
हवा का बहाव और साफ-सफाई
क्या आपने कभी सोचा है कि सुपरमार्केट की ट्रॉली पूरी तरह से बंद क्यों नहीं होती है? इसकी वजह है हवा का बहाव और ट्रॉली को आसानी से साफ करना। दरअसल, ग्राहक अधिकतर दूध के पैकेट, सब्जियां, आइसक्रीम जैसे गीले और जल्दी खराब होने वाले प्रोडक्ट्स खरीदते हैं। इन चीजों को वह ट्रॉली में डालते हैं और कभी-कभी ट्रॉली में ये गिर भी जाते हैं। अगर ट्रॉली पूरी तरह से बंद होगी तो उसमें दूध या लिक्विड गिरने से बैक्टीरिया पैदा हो सकते हैं। इसलिए जालीदार ट्रॉली की वजह से इसके अंदर गिरा लिक्विड या पानी तुरंत बाहर निकल जाता है। ट्रॉली जल्दी सूख जाती है और नमी जमा नहीं होती है। ट्रॉली को साफ करना आसान हो जाता है।
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चोरी से बचाव
सुपरमार्केट में इस्तेमाल होने वाली शॉपिंग ट्रॉली को जालीदार बनाए जाने का कारण सामान को चोरी से बचाना भी है। अगर ट्रॉली पूरी तरह से बंद रहेगी, तो कुछ लोग बड़ी आसानी से छोटी चीजों को छिपाकर बिना पेमेंट किए घर ले जा सकते हैं। लेकिन, जालीदार ट्रॉली की वजह से कोई भी सामान छिपा नहीं सकते हैं और उसमें सारा सामान सामने ही दिखाई देता है।
हल्की भी और मजबूत भी
सुपरमार्केट में शॉपिंग ट्रॉली को ऐसा डिजायन किया जाता है, जो हल्की और मजबूत हो। शॉपिंग ट्रॉली को स्टेनलेस स्टील से बनाया जाता है और नीचे से उसका ढांचा जालीदार होता है। जब आप ट्रॉली में ढेर सारा सामान रखते हैं, तब भी आप उसे आसानी से खिसका सकते हैं। आपको बता दें कि शॉपिंग ट्रॉली 100 से 150 किलो तक का वजन आसानी से उठा सकती है।
सामान साफ-साफ दिखे
शॉपिंग ट्रॉली को जालीदार इसलिए बनाया जाता है, ताकि उसमें रखा सामान चारों तरफ से साफ-साफ दिखाई दे। बिलिंग काउंटर में स्टाफ को तुरंत दिख जाता है कि ट्रॉली के अंदर क्या-क्या है। वहीं, कस्टमर्स को भी याद रहता है कि उन्होंने क्या-क्या खरीद लिया है। जालीदार ट्रॉली की वजह से किसी भी आइटम के मिस हो जाने या बिलिंग से छूटने की संभावना कम हो जाती है।
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जगह बचाने वाली डिजाइन
आपने देखा होगा कि सुपरमार्केट के बाहर ट्रॉलियां एक के अंदर एक सही तरीके से लगी होती हैं, जिसे नेस्टिंग डिजाइन कहा जाता है। जालीदार डिजायन की वह से ट्रॉली आराम से एक-दूसरे में फिलकर अंदर चली जाती हैं। एक सीधी लाइन में 50 से 100 ट्रॉली तक रखी जा सकती हैं। ऐसा करने से स्पेस बचता है।
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