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Mahabharat Katha: कौन था आधे धड़ वाला जरासंध जिसने रचा था श्री कृष्ण की मृत्यु का षड्यंत्र

महाभारत में कई रहस्यमयी पात्रों का उल्लेख मिलता है। इन्हीं में से एक है जरासंध जिसका व्यक्तित्व जितना रहस्यों से भरा है उतना ही उसका जन्म भी रहस्यमयी है। आइये जानते हैं महाभारत के जरासंध के बारे में।  
Editorial
Updated:- 2023-06-15, 14:36 IST

Kaun Tha Shri Krishna Ka Sabse Shatru Jarasandh: महाभारत में कई ऐसे पात्र हैं जो अपने आप में एक रहस्य हैं। इन्हीं में से एक है जरासंध। 

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं कौन था आधे धड़ वाला श्री कृष्ण का भयंकर शत्रु जरासंध।

कौन था जरासंध?

  • महाभारत के अनुसार, जरासंध बृहद्रथ नाम के राजा का पुत्र था। जरासंध मगध साम्राज्य का सर्वशक्तिशाली शासक था। 
  • जरासंध जितना बड़ा शिव भक्त था वह उतना ही तांत्रिक क्रियाओं में लीन भी रहता था।
  • जारासंध ने चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए 100 राजाओं को बंधी बनाया था ताकि वह उनकी बलि दे सके। 

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कैसे बने जरासंध और श्री कृष्ण शत्रु? 

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  • भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था। श्री कृष्ण (श्री कृष्ण और भक्त सुरथ की कथा) के मामा कंस का रिश्ते में ससुर था जरासंध। 
  • जब श्री कृष्ण ने कंस का वध कर मथुरा को उससे मुक्त कराया था। तब जरासंध ने मथुरा पर आक्रमण कर दिया था। 
  • उसने श्री कृष्ण की मृत्यु का एक-दो बार नहीं बल्कि 18 बार षड्यंत्र रचा था। 
  • मथुरा को जरासंध के क्रोध से बचाने के लिए श्री कृष्ण मथुरा त्याग कर द्वारका में जा बसे।  

कैसे श्री कृष्ण ने खोला जरासंध के जन्म का भेद?

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  • जब महाभारत का युद्ध लड़ा जाना था तब श्री कृष्ण ने पांडवों को जरासंध के प्रति आगाह किया था।
  • श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि जरासंध कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि वह तंत्र विद्या से जन्मा बालक है।
  • जरासंध के पिता बृहद्रथ को एक ऋषि ने सेब देकर उन्हें अपनी पत्नी को खिलाने के लिए कहा था।  
  • दरअसल, ऋषि ने अपने तपोबल से उस सेब को पुत्र प्राप्ति के लिए दिव्या शक्तियों से भर दिया था।  
  • बृहद्रथ ने उस सेब को अपनी दोनों पत्नियों को खिलाया जिससे दोनों रानियों द्वारा आधे-आधे बच्चे जन्में। 
  • बृहद्रथ ने तो बच्चों के उन आधे-आधे धड़ों को जंगल में फेंक दिया लेकिन जरा नाम की राक्षसी ने उन अंशों को उठाया।  
  • ज़रा नाम की राक्षसी ने उन अंशों को अपनी तांत्रिक माया से जोड़कर पूर्ण बालक का रूप दिया।  
  • चूंकि जरा से उन अंशों की संधि हुई थी इसलिए उस बालक का नाम जरासंध पड़ा। 
  • जरा ने जरासंध को वरदान भी दिया था कि उसके शरीर के कोई भी टुकड़े नहीं कर पाएगा।
  • अगर किसी ने टुकड़े कर भी दिए और अगर वह एक ही दिशा में हुए तो पुनः जुड़ जाएंगे। 

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श्री कृष्ण ने कैसे रची जरासंध की मृत्यु?

  • श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले भीम (भीम की चार पत्नियों के नाम) की सहायता से उसे मल्युद्ध के लिए ललकारा।
  • फिर अखाड़े में भीम और जरासंध का भीषण युद्ध करवाया। श्री कृष्ण ने लीला रचाना शुरू किया।
  • उन्होंने भीम को जरासंध के शरीर के दो टुकड़े कर विपरीत दिशाओं में फेंकने को कहा।
  • इसके बाद जरासंध की मृत्यु हो गई और उसके पुत्र को श्री कृष्ण ने राज्य जा नया राजा बनाया। 

 

ऐसी थी जरासंध की शख्सियत। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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