Shri Krishna: जब अपने भक्त का कटा सिर हाथ में लिए बैठे रहे थे श्री कृष्ण

आज हम आपको श्री कृष्ण और उनके बहकत से जुड़ी बड़ी ही रोचक कथा बताने जा रहे हैं जिसके तहत एक बार श्री कृष्ण अपने भक्त सूरत का कटा हुआ सिर अपने गोद में लेकर बैठे रहे थे।   

Gaveshna Sharma
shri krishna and surath

Shri Krishna Aur Surath Ki Katha: ग्रथों में भगवान और उनके भक्तों से जुड़े कई किस्से और कथाएं वर्णित हैं। उन्हीं में से एक है श्री कृष्ण और भक्त सुरथ की कथा। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं कि आखिर कैसे शिर कृष्ण के सामने ही हुआ उनके प्रिय भक्त सुरथ का वध और क्यों श्री कृष्ण सुरथ का शीश अपने गोद में लेकर बैठे रहे।

  • यह कथा महाभारत काल की है जब कृष्ण दर्शन को व्याकुल उनके भक्त सुरथ ने अर्जुन से युद्ध करना तक स्वीकार कर लिया था। हालांकि श्री कृष्ण (श्री कृष्ण के आगे क्यों लगता है श्री) ने इस युद्ध को रोकने का बहुत प्रयास किया था लेकिन सुरथ की भक्ति के आगे श्री कृष्ण भी हार मान गए थे।
  • दरअसल हुआ यूं कि महाभारत युद्ध के बाद जब युद्धिष्ठिर ने अश्वमेध यज्ञ करने के बाद यज्ञ का घोड़ा भ्रमण के लिए छोड़ा तब चंपकपुरी के राजा हंसध्वज और उनके बेटे सुरथ ने श्री कृष्ण के दर्शनों की लालसा से अश्वमेध के घोड़े को पकड़ लिया।
shri krishna and surath katha
  • पिता और पुत्र दोनों ही श्री कृष्ण के परम भक्त थे और उन्हीं के हाथों से संसार का त्याग करा चाहते थे। इसी कारण से घोड़े को पकड़ने के बाद उन्होंने युद्ध की ललकार पांडवों के कानों तक पहुंचाई जिसे सुन अर्जुन अपनी विशाल सेना समेत युद्ध के लिए निकल पड़े।
  • जब युद्ध के मैदान में श्री कृष्ण ने अर्जुन और सुरथ को आमने सामने देखा तो वह विचलित हो गए। हालांकि यह एक भगवान का अपने भक्त की इच्छा पूर्ण करने का तरीका था। श्री कृष्ण को अर्जुन के साथ देख सुरथ अत्यंत भावुक हो गए।
shri krishna and surath katha in hindi
  • श्री कृष्ण ने भी अपने भक्त के हाव-भाव और उसकी भक्ति पहचान ली है और अर्जुन को युद्ध से लेकर लौटने लगे। अर्जुन को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है और क्यों कृष्ण उन्हें सुरथ से युद्ध नहीं करने देना चाह रहे हैं।
  • वहीँ, दूसरी ओर सुरथ ने जैसे ही कृष्ण को लौटते देखा वह समझ गए कि ऐसे तो उनका उद्धार श्री कृष्ण के हाथों संभव नहीं लिहाजा उन्होंने अर्जुन का बहुत देर तक और बहुत दूर तक पीछा किया आर अर्जुन को युद्ध के लिए ललकारा।
shri krishna and surath story
  • श्री कृष्ण ने सुरथ को आशीर्वाद दिया और युद्ध भूमि में अपने भक्त का शीश काफी समय तक गोद में लेकर बैठे रहे फिर अर्जुन के टोकने पर उन्होंने अपने भक्त के शीश को सम्मान सहित उनके राज महल पुनः भेजा दिया।

ये थी श्री कृष्ण और उनके भक्त सुरथ की कथा। तो अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Wikipedia, Pinterest

Disclaimer