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Veda Bol: पूरे दिन में जुबान पर इस समय बैठती है मां सरस्वती, बोलने से पहले रखें ध्यान

अक्सर घर के बड़े बुजुर्ग सोच समझ कर बोलने की सलाह देते हैं। इसके पीछे का धार्मिक कारण यह माना जाता है कि मां सरस्वती दिन में एक बार जुबान पर बैठती हैं और उनके बैठने से बोली गई बात सच हो जाती है। 
Editorial
Updated:- 2023-07-04, 13:01 IST

Is Samay Zuban Par Baithti Hain Maa Saraswati: मां सरस्वती को हिन्दू धर्म में ज्ञान और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। 

मां सरस्वती को लेकर यह मान्यता है कि वह दिन में एक बार जुबान पर बैठती हैं और उस समय व्यक्ति द्वारा बोली गई बात सच हो जाती है।

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ. राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं कि किस समय मां सरस्वती मुख में स्थिर होती हैं। 

साथ ही, यह भी जानेंगे कि इस बात को लेकर ग्रंथों में क्या मान्यताएं हैं और कितनी सच्चाई है मां सरस्वती के मुख पर बैठने वाली बात में। 

कब बैठती हैं मां सरस्वती मुख पर? 

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  • वेद-शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त का समय बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त का ही वो समय होता है जब मां सरस्वती व्यक्ति के मुख पर अवश्य स्थिर होती हैं। 
  • इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में सुबह उठते ही भगवान का नाम लेने के लिए कहा जाता है।  

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  • इसके अलावा, ऐसा भी माना जाता है कि मां सरस्वती पुण्य समय में भी मुख पर बैठती हैं। 
  • यानी कि जब भी कोई व्यक्ति कोई नेक काम करता है तो वह समय पुण्य समय कहलाता है।
  • इसी पुण्य समय में मां सरस्वती (मां सारस्वती के मंत्र) व्यक्ति के मुख पर बैठती हैं और बोली गई बात को सच करती हैं।
  • यही कारण है कि घर के बड़े हमेशा अच्छा बोलने और सोचने के लिए हमें कहते रहते हैं।  

क्या है ग्रंथों में बताया गया साक्ष्य? 

maa saraswati sits on tongue in hindi

  • पौराणिक ग्रंथों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि मां सरस्वती के मुख पर बैठने वाली बात सच है।
  • इस बात का प्रमाण रामायण काल में कुंभकरण के साथ हुई एक रहस्यमयी घटना से जुड़ा हुआ है।  
  • एक बार रावण अपने भाई विभीषण और कुंभकरण के साथ ब्रह्मा जी (कैसा हुआ ब्रह्मा का जन्म) की घोर तपस्या कर रहा था।
  • ब्रह्म देव जब तपस्या से प्रसन्न होकर तीनों भाइयों के सामने प्रकट हुए तब सभी देवता घबरा गए।

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  • देवताओं ने माता सरस्वती से प्रार्थना की कि वह बिना देरी किये कुंभकरण के मुख पर बैठ जाएं।
  • कुंभकरण के मुख पर बैठकर उसके बोल बदल दें और उसे मन चाहा वरदान पाने से रोक लें। 
  • हुआ भी ऐसा ही, जब कुंभकरण ने वरदान मांगा तब उसने बल और शक्ति क्र बदले निद्रा कहा।
  • तब ब्रह्म देव ने कुंभकरण को 6 माह तक सोने और 6 माह तक जागने का वरदान प्रदान किया। 
  • इस घटना यह सिद्ध होता है कि धार्मिक स्तर पर मां सरस्वती के मुख पर बैठने वाली बात सत्य है। 

 

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