भारत में विक्टिम ब्लेमिंग की बात तो आपने बहुत ज्यादा सुनी होगी, लेकिन विक्टिम कॉम्प्लेक्स भी एक चीज है जिसके शिकार अब दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। विक्टिम कॉम्प्लेक्स नाम सुनकर शायद आपको थोड़ा अजीब लगे, लेकिन सही मायने में ये बहुत ही चिंताजनक ट्रेंड है जो ना सिर्फ रिलेशनशिप के लिए खतरा बन सकता है बल्कि ये प्रोफेशनल लाइफ को भी तबाह कर सकता है। समस्या सिर्फ इतनी सी है कि एक व्यक्ति ये सोचने लगता है कि पूरी दुनिया उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी है।
हम इस समस्या के बारे में अधिकतर मजाक करते हैं, 'अरे वो तो हमेशा रोती ही रहती है' जैसी बातें करते हैं, लेकिन जिस व्यक्ति के साथ ये हो रहा है उसके लिए भी ये काफी मुश्किल बात है। तो चलिए आज हम विक्टिम कॉम्प्लेक्स के बारे में ही विस्तार से बात करते हैं।
क्या है ये विक्टिम कॉम्प्लेक्स?
विक्टिम कॉम्प्लेक्स असल मायने में विक्टिम होने से बिल्कुल अलग है। इस कॉम्प्लेक्स में लड़की ये समझने लगती है कि उसके साथ गलत हो रहा है। हालांकि, ये सिर्फ लड़कियों के लिए नहीं बल्कि लड़कों के लिए भी होता है। असल मायने में ये दिक्कत होती भी है या नहीं इसके बारे में कुछ भी नहीं पता, लेकिन विक्टिम कॉम्प्लेक्स एक बहुत बड़ी दिक्कत है।
किसी को डेट करते समय अगर इस तरह का कॉम्प्लेक्स मन में आ जाए तो समस्या और बढ़ जाती है।
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'मेरे साथ ही ऐसा क्यों...' वाली फीलिंग है विक्टिम कॉम्प्लेक्स
दुनिया में आपके साथ इतना गलत नहीं हो रहा है जितना गलत आपको एहसास होने लगता है। हमेशा ये फीलिंग मन में आ जाती है कि 'मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है', बेचारी वाली फिलिंग आपके लिए सही नहीं है। (खुद को नेगेटिव थॉट्स से कैसे निकालें)
यहां आपके आस पास अपने आप ही नेगेटिविटी फैलती रहती है और ट्रॉमा ज्यादा हो जाता है। विक्टिम कॉम्प्लेक्स बहुत ही ज्यादा परेशान करने वाली चीज है।
क्या है विक्टिम कॉम्प्लेक्स की परेशानी?
अगर हम रिलेशनशिप के एंगल से देखें तो विक्टिम कॉम्प्लेक्स काफी ज्यादा परेशानी वाली स्थिति पैदा कर सकता है। विक्टिम कॉम्प्लेक्स के कारण कुछ चीजें रोजाना होती हैं।
- हर बात सिर्फ विक्टिम कॉम्प्लेक्स वाले इंसान के कारण होती है।
- अगर कोई एक चीज गलत हो जाती है तो हमेशा ही उसे याद रखा जाता है और मन में वो बात कचोटती रहती है। ऐसे में बार-बार एक ही चीज का रोना रोया जाता है।
- हर बार निगेटिव चीजों पर ध्यान दिया जाता है। पॉजिटिव चीजों की बात नहीं की जाती है।
- कौन किस चीज के लिए जिम्मेदार है उसपर बहुत ज्यादा फोकस किया जाता है और पर्सनल रिश्ते इसके कारण खराब कर दिए जाते हैं।
- अपनी गलती मानने की जगह हमेशा किसी और पर ब्लेम डाला जाता है।
- किसी एक चीज पर अड़ जाना गलत होता है।
- किसी एक चीज का जजमेंट बहुत ज्यादा होता है। वो हर चीज को जज करते हैं।
- कोई चीज जो बहुत आसानी से हल हो सकती है उसे करने के लिए वो बहुत दूर दराज का रास्ता चुनते हैं।
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विक्टिम कॉम्प्लेक्स को कैसे दूर करें?
इसका सिर्फ एक ही रास्ता है कि आप पॉजिटिव चीजों को देखने की कोशिश करें। नेगेटिव चीजें अगर सोचेंगे और देखेंगे तो ये गलत होगा। देखिए बेचारी बनने में कोई भलाई नहीं है और ऐसा नहीं है कि पूरी दुनिया आपके साथ कुछ गलत ही कर रही है। ये आपको समझना होगा कि चीजों को देखने के कई तरीके हो सकते हैं और अगर आप थोड़ी सी भी समस्या से परेशान हैं तो उसे खींचकर बढ़ाने की जगह आप उसे खत्म करने की कोशिश भी कर सकती हैं। (मेंटल हेल्थ से जुड़े मिथक)
हमेशा बेचारी बनना और केऑस क्रिएट करना अच्छा नहीं है। ये एक सीरियस समस्या है जिसके लिए आप एक्सपर्ट की सलाह भी ले सकती हैं। एक बात को समझिए कि इस तरह के नेचर में किसी की गलती नहीं निकाली जा सकती है इसलिए अगर कोई आपके आस-पास ऐसा कर रहा है तो उसे ब्लेम करने की जगह उसे समझिए और शांति से उसकी गलती समझाइए।
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