herzindagi
What special about Laylatul Qadr

Shab-E-Qadr 2024: जानिए क्या होती है 'शब-ए-कद्र' की रात? इस्लाम में रमजान के महीने में इसे क्यों मानते हैं खास

शब-ए-कद्र की रात पर मुस्लिम समुदाय की मान्यता के मुताबिक, कुरान की आयतें पहली बार दुनिया में जिब्रील फरिश्ते के जरिए पैगंबर मुहम्मद पर उतारी गई थी।
Editorial
Updated:- 2024-04-04, 20:29 IST

शब-ए-कद्र को अरबी भाषा में‎ लैलातुल कद्र भी कहा जाता है। इस्लाम धर्म में रमजान के महीने की एक खास रात है। इसे "मुकद्दर की रात" या "भाग्य की रात" भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि शब-ए-कद्र हजारों महीनों से बेहतर है।

शब-ए-कद्र की रात पर मुस्लिम समुदाय की मान्यता के मुताबिक, कुरान की आयतें पहली बार दुनिया में जिब्रील फरिश्ते के जरिए पैगंबर मुहम्मद पर उतारी गई थी। शब-ए-कद्र को अंग्रेजी में नाइट ऑफ डिक्री, नाइट ऑफ पावर और नाइट ऑफ वैल्यू भी कहा जाता है।

What is so special about Laylatul Qadr ()

मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक शब-ए-कद्र

रमजान के पवित्र महीने में मुसलमानों के लिए सबसे खास रातों में से एक शब-ए-कद्र की रात होती है। यह अल्लाह की रहमत और बरकत की रात है। मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक, इस रात में अल्लाह की इबादत करने के साथ अपने गुनाहों की तौबा करते हैं और माना जाता है कि उनकी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।

रमजान के महीने की आखिरी दस रातों की विषम संख्या (Odd Number) वाली रातों में से कोई एक रात लैलातुल कद्र की रात होती है। रमजान माह की 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं, और 29वीं रात में से 27वीं रात को लैलातुल कद्र की रात माना जाता है। 27वीं रात पर ज्यादा जोर दिया जाता है। साल 2024 में भारत में 6 अप्रैल को लैलातुल कद्र की रात होगी।

शब-ए-कद्र की रात में रोजेदारों को अल्लाह की इबादत, जिक्रो-अजकार, दुआ, कुरान की तिलावत करते हैं। इस रात ज्यादातर लोग अपने और साथ ही अपने बुज़ुर्गों वालिदैन के गुनाहों की भी अल्लाह से माफी मांगते हैं। 

इसे भी पढ़ें: Shab-E-Qadr Ki Namaz Ka Tarika or Dua: आखिर क्यों बनाई जाती है शब-ए-कद्र? जानें दुआ और महत्व

शब-ए-कद्र की रात क्यों खास होती है

  • रमजान के महीने में हर रात तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है।
  • रात की आखिरी नमाज तहज्जुद की नमाज भी पढ़ी जाती है।
  • कुरान शरीफ की तिलावत और हदीस की आयतें, पारा और नफ्ल नमाज पढ़ी जाती है।  
  • इस रात में अल्लाह से दुआ करना और माफी मांगना बेहद खास माना जाता है।

यह विडियो भी देखें

shab e qadar

शब-ए-कद्र की रात मुसलमानों के लिए एक बहुत ही खास रात होती है, क्योंकि इसमें इस्लाम मानने वाले लोग अल्लाह के करीब जाने का प्रयास करते हैं। कुछ लोग इस रात जकात यानी दान भी करते हैं। वे गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और जरूरत की वस्तुएं दान करते हैं। वहीं, कुछ लोग अपने घरों और मस्जिदों को सजाते हैं। वे रंगीन रोशनी, फूल और सजावटी सामान का इस्तेमाल करते हैं।

इसे भी पढ़ें: Ramadan Special: रोज़े रखने के साथ-साथ करें ये काम, मिलेगा दोगुना सवाब

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-

Image credit: Freepik

 

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।