Shab-E-Qadr Ki Namaz Ka Tarika: इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस्लाम धर्म में इस मुबारक महीने को बहुत ही पाक और खास माना जाता है क्योंकि इस महीने में हर मुस्लिम रोज़े रखता है, पांच वक्त की नमाज़ के साथ-साथ तरावीह भी पढ़ता है और अल्लाह की खूब इबादत करता है। रोज़ा रखने के साथ-साथ शब-ए-कद्र की रातों का भी काफी महत्व है।
ॉइस दौरान पूरी रात अल्लाह की इबादत की जाती है और दिल से दुआ मांगी जाती है। कहा जाता है कि जो भी दुआएं मांगी जाती हैं, वो हमेशा कबूल होती हैं। मगर कई लोगों को इस बात का इल्म ही नहीं है कि आखिर शब-ए-कद्र क्या होता है और इस दौरान क्या करना होता है।
अगर आप भी इसी लिस्ट में शामिल हैं तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि शब-ए-कद्र किसे कहते हैं।
इस्लाम में शब-ए-कद्र बहुत ही पाक रातों में से एक मानी जाती है, जिसे लैलातुल कद्र के नाम से भी जाता है। इसे अंग्रेजी में नाइट ऑफ डिक्री, नाइट ऑफ पावर, नाइट ऑफ वैल्यू भी कहा जाता है। मुस्लिम ग्रंथ के अनुसार इस रात कुरान की आयतों को दुनिया पर जिब्रील नाम के फरिशते के जरिए पैगम्बर मुहम्मदपर नाज़िल होना शुरू हुआ था।
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आप शब ए कद्र के दिन नफील नमाज अदा कर सकते हैं। इसका तरीका नॉर्मल नमाज़ की तरह होता है, लेकिन नियत करते वक्त हमें नफील नमाज़ कहना पढ़ता है। हालांकि, बहुत से उम्र में दराज़ी और अपने गुनाहों की माफी की दुआ भी मांगते हैं और दो नफील नमाज़ अदा करते हैं।
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रमज़ान के महीने में शब-ए-कद्र की रात आती है, जिसे हज़ार महीने की रात से बेहतर समझा जाता है। इस दौरान की जाने वाली हर इबादत का दोगुना सवाब मिलता है। अगर सच्चे दिल से अपने गुनाह की माफी मांगी जाती है, तो अल्लाह माफ कर देता है। (दुनिया की सबसे पुरानी मस्जिद)
बता दें कि इस दौरान तमाम मुस्लिम पूरी रात जागते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। कुरान पढ़ते हैं, नफ्ल नमाज़ अदा करते हैं और सहरी खाकर रोजा रखकर अपनी इबादत पूरी करते हैं।
शब-ए-कद्र की रात रमज़ान के आखिरी के दस दिनों में आती है, जिसमें पांच रातों को शामिल किया गया है जैसे- 21, 23, 25, 27, 29 की रात। कहा जाता है कि इन पांच रातों में से किसी एक दिन शब-ए-कद्र की रात आती है, जिसकी कई निशानियां कुरान में बयान की कई हैं।
जिस दिन शब-ए-कद्र की रात होगी उस रात बहुत रोशनी होगी और आसमान चांद से चमक रहा होगा। इस रात न तो ज्यादा गर्मी और न ज्यादा ठंड होगी मतलब मौसम खुशनुमा होगा।
अल्लाहुम्मा इंनका अफुव्वुन तुहिब्बुल अफवा फ’अफु अन्नी
Allahumma innaka afuwwun tuhibbul afwa fa’Afu anni
इसका मतलब होता है कि ए अल्लाह तू माफ करने वाला है और बेशक तू माफ करना पसंद करता है..हमारे तमाम गुनाह तो माफ फरमा।
सबकी इबादत करने का तरीका अलग-अलग होता है। मगर इस रात कुरान शरीफ की तिलावत, नफ्ल नमाज़ (सालातुलतस्बीह, तहज्जुद की नमाज़) को पढ़ना चाहिए। साथ ही, इस्लामिक दुआ की कसरत से तिलावत कर अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए।
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कुरान के अनुसार अल्लाह सबको माफ कर देगा लेकिन 4 लोग ऐसे हैं जिनकी बख़्शिश नहीं होती, लेकिन वो लोग कौन हैं? आइए जानते हैं।
हमें उम्मीद है कि आपको ये तमाम जानकारी समझ में आ गई होगी। अगर आपको कोई और दुआ पूछनी है, तो हमें नीचे कमेंट करके बताएं।
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