Pre-marriage advice for girls:भारतीय समाज में बेटी जैसे-जैसे बड़ी होने लगती है, वैसे-वैसे मां उसे किचन और घर के काम सीखाना शुरू कर देती है। वहीं, जब उसकी शादी तय हो जाती है तो मां सोचती है कि बेटी को रोटी गोल बनाना सिखा दिया, सास-ससुर और पति का सम्मान करना समझा दिया, तो उसकी जिंदगी खुशहाल हो जाएगी। लेकिन, असल में जिंदगी इन सबसे ज्यादा होती है और जिंदगी को खुशहाल बनाने में गोल रोटी काम शायद ही आती है।
अगर आप चाहती हैं कि आपकी बेटी शादी के बाद खुशहाल रहे और मुश्किल समय आने पर परेशान न हो जाए तो उसे रोटी गोल बनाना नहीं, बल्कि जीवन की वो 7 बातें बताएं जो उसे आत्मसम्मान से रहने और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करे। आइए, यहां जानते हैं कि माता-पिता को शादी से पहले बेटी को कौन-कौन सी बातें बतानी और सिखानी चाहिए।
शादी से पहले बेटी को सिखाएं ये 7 बातें
शादी के बाद ऐसा अक्सर होता है कि नए घर में बेटी अकेला महसूस करती है। ऐसे में अगर आप शादी से पहले उसे कुछ बातें बता और सिखा देंगी तो उसे खुशहाल और मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद कर पाएंगी।
फाइनेंस का रखे ध्यान
अगर बेटी जॉब या बिजनेस करती है, तो उसे फाइनेंस मैनेज करने की सीख दें। साथ ही समझाएं कि अपनी कमाई को मैनेज करने के लिए किसी दूसरे पर निर्भर न हो। क्योंकि, पैसा सिर्फ जरूरतें पूरी नहीं करता है, बल्कि मुसीबत के समय सबसे पहले काम आता है। ऐसे में बेटी को शादी से पहले पैसों की प्लानिंग, सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट के बेसिक के बारे में बताएं और सिखाएं।
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रिश्तों में बराबरी
बेटी को रिश्तों में बराबरी की अहमियत समझाएं। उसे सिर्फ किचन में गोल रोटी बनाने और पति की सेवा के बारे में नहीं बताएं। बल्कि, समझाएं कि शादी में दोनों पार्टनर बराबर होते हैं। ऐसे में फैसले लेने से लेकर घर में काम या करियर प्लानिंग में बराबर की हिस्सेदारी उसकी भी होनी चाहिए।
खुद के लिए निकाले वक्त
परिवार और पति को वक्त देना रिश्तों में मिठास घोलता है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन, अपने लिए भी वक्त निकाले। उसे समझाएं कि अपनी हॉबीज, दोस्तों और मेंटल हेल्थ के लिए समय निकालना जरूरी है। क्योंकि, यही सब चीजें जीवन में खुशहाली लाती हैं।
न कहने की हिम्मत दें
हर बात में समझौता करना ठीक नहीं होता है। ऐसे में अपनी बेटी को सिखाएं कि अगर कोई चीज उसके लिए करना संभव नहीं है या वह चीज उसके आत्मसम्मान के आगे आ रही है तो उसके लिए साफ-साफ 'ना' कहे। हालांकि, ना किस तरह कहा जा रहा है, रिश्ते में यह भी जरूरी है।
खुद पर भरोसा रखे
बेटी को समझाएं और सिखाएं कि जितना भी मुश्किल समय आ जाए वह हार नहीं माने। खुद पर भरोसा रखकर अपनी कोशिश जारी रखे।
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बातों को दिल में न रखे
बातों को दिल में रखकर उन्हें सोचते रहना सेहत के लिए खराब हो सकता है। ऐसे में बेटी को समझाएं कि वह छोटी-बड़ी बातें शेयर करना सीखे। वह अपने पति, परिवार या दोस्तों से चीजें शेयर कर सकती है और कई बार बात कर लेने से बड़ी से बड़ी परेशानी खत्म हो जाती है। इसके साथ ही आप बेटी को बता सकती हैं कि घर-परिवार संभालना जरूरी है, लेकिन सुपरवुमेन बनने की जरूरत नहीं है। अगर कोई काम नहीं हो पाता है तो मदद मांगे। वहीं, जीवन है और इसमें गलतियां भी होंगी, तो उन्हें दिल पर न ले।
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