केंद्र सरकार ने 8वां वेतन आयोग गठित करने की घोषणा कर दी है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 8वां वेतन आयोग 2026 तक लागू कर दिया जाएगा, जिसके बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में तगड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है। सैलरी और पेंशन में इजाफा फिटमेंट फैक्टर के आधार पर तय किया जाएगा। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर यह फिटमेंट फैक्टर क्या है और इसका सैलरी में बढ़ोतरी से क्या कनेक्शन होता है।
8वें वेतन आयोग में कितनी सैलरी और पेंशन बढ़ सकती है, यह समझने के लिए जरूरी है कि आप पहले फिटमेंट फैक्टर के बारे में जान लें। क्योंकि, अगर फिटमेंट फैक्टर कम होगा तो सैलरी में बढ़ोतरी भी कम होगी। वहीं, फिटमेंट फैक्टर के ज्यादा होने पर सैलरी भी ज्यादा बढ़ेगी। आइए, यहां जानते हैं कि फिटमेंट फैक्टर क्या है और इसका किस तरह से सैलरी बढ़ोतरी में कनेक्शन होता है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक फॉर्मूला है, जिसके आधार पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी निर्धारित की जाती है। इस फॉर्मूला का इस्तेमाल वेतन पुनरीक्षण यानी पे रिवीजन के दौरान बेसिक सैलरी को नए यानी रिवाइजड पे स्केल में एडजस्ट करने के लिए किया जाता है। आम भाषा में कहें तो फिटमेंट फैक्टर यह तय करता है कि सैलरी में कितनी परसेंट बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर वेतन आयोग की सिफारिशों पर फिटमेंट फैक्टर में बदलाव करती हैं।
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फिटमेंट फैक्टर को आप 7वें वेतन आयोग के उदाहरण के साथ भी समझ सकते हैं। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। इसका मतलब है किसी भी केंद्र सरकार के कर्मचारी की पुरानी सैलरी को इस नंबर से गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। जैसे- अगर किसी कर्मचारी की पुरानी बेसिक सैलरी 20 हजार रुपये थी, तो नए फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से वह 20,000 X 2.57= 51,400 रुपये हो जाएगी। लेकिन, ध्यान रहे कि यह बेसिक सैलरी से कैलकुलेट किया जाता है।
कैसे तय किया जाता है फिटमेंट फैक्टर?
पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर तय करते समय सरकार, देश की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर, कर्मचारियों की जरूरत जैसी चीजों को ध्यान में रखा जाता है। साथ ही वर्तमान की सैलरी, पेंशन और भत्तों को भी कंपेयर किया जाता है, इसी के बाद फिटमेंट फैक्टर तय किया जाता है।
अब तक कितना रहा है फिटमेंट फैक्टर?
8वें वेतन आयोग से पहले 7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर तय किया गया था। जिसके बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 14 परसेंट का इजाफा आया था और पेंशन में भी तगड़ी वृद्धि देखने को मिली थी। 6वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 तय किया गया था। हालांकि, अभी तक 8वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर तय नहीं किया गया है। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैटक्टर 1.90 के आस-पास रह सकता है।
अगर आपकी सैलरी 50 हजार रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 1.90 के आस-पास तय होता है। तो आपकी नई बेसिक सैलरी 50,000X 1.90 = 95,000 हो सकती है। बता दें, इसके बाद DA यानी महंगाई भत्ता भी जुड़ता है।
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कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7वां वेतन आयोग की समय सीमा दिसंबर 2025 तक है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी के बाद 8वां वेतन आयोग लागू किया जा सकता है। हालांकि, केंद्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई ऑफिशियल डेट अनाउंस नहीं की गई है। लेकिन, बता दें 8वां वेतन आयोग लागू करने से पहले केंद्र सरकार की तरफ से इसके अध्यक्ष और सदस्यों के नाम घोषित किए जाएंगे। यही आयोग सभी सिफारिशों को देखेगा और फिर फैसला करेगा।
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Image Credit: Freepik
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