गर्मियों के मौसम में फ्रिज के ठंडे पानी की जगह, मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि घड़ा, प्राकृतिक रूप से पानी को ठंडा रखता है और उसमें मिट्टी की सौंधी खुशबू भी भर देता है। यही वजह है कि फ्रिज की अपेक्षा मटके का ठंडा पानी का स्वाद बेहद अलग लगता है। पर आज हम बात कर रहे हैं- एक पुरानी परंपरा की। क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब घर में नया घड़ा आता है, तो अक्सर बड़े-बुजुर्ग उसमें पानी भरने से पहले घी और चीनी लगाने की सलाह देते हैं? दरअसल,यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसके पीछे कई कारण हैं। यह सिर्फ एक मामूली सी परंपरा नहीं है, बल्कि नए घड़े में पानी रखने से पहले घी-चीनी लगाने का वैज्ञानिक या पारंपरिक कारण भी है। कहते हैं ऐसा करने से आपका पानी और भी शुद्ध और स्वादिष्ट बन जाता है। तो आइए जानते हैं नए घड़े में घी और चीनी लगाने के पीछे के रहस्य के बारे में जान लेते हैं।
नए घड़े में पानी रखने से पहले क्यों लगाते हैं घी और चीनी?
मिट्टी के घड़े में छोटे-छोटे अदृश्य छिद्र होते हैं, जिनसे पानी धीरे-धीरे बाहर रिसता रहता है और सतह पर वाष्पीकृत होता है। इस वाष्पीकरण की प्रक्रिया से घड़े के अंदर का पानी ठंडा रहता है। जब घड़े के अंदरूनी सतह पर घी और चीनी का लेप लगाया जाता है, तो यह मिश्रण इन सूक्ष्म छिद्रों को आंशिक रूप से बंद कर देता है। इससे पानी का वाष्पीकरण नियंत्रित होता है, जिससे पानी अधिक समय तक ठंडा रहता है और उसकी ठंडक बनी रहती है। यह घड़े की पानी को ठंडा रखने की क्षमता को बढ़ा देता है।
मिट्टी के कणों को जमने से रोकना और पानी को साफ करना
नए मिट्टी के घड़े में अक्सर मिट्टी के महीन कण मौजूद होते हैं जो पानी में घुल सकते हैं, जिससे पानी थोड़ा मटमैला या मिट्टी जैसा स्वाद दे सकता है। घी की चिकनाई और चीनी की चिपचिपाहट मिट्टी के इन ढीले कणों को घड़े की सतह पर जमा करने में मदद करती है, जिससे वे पानी में नहीं घुलते। इससे पानी साफ और स्वाद में शुद्ध रहता है।
घड़े को मजबूत बनाना और लीकेज रोकना
नए घड़े को पहली बार पानी भरने पर उसमें मौजूद मिट्टी के कण पानी सोखकर फूलते हैं। अगर यह प्रक्रिया धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से न हो, तो घड़े में दरारें आ सकती हैं या वह टूट सकता है। घी और चीनी का मिश्रण घड़े की सतह पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है। यह परत मिट्टी के छिद्रों को धीरे-धीरे पानी सोखने में मदद करती है, जिससे घड़ा मजबूत होता है और लीकेज की संभावना कम हो जाती है। यह घड़े की उम्र भी बढ़ाता है।
मिट्टी के कच्चेपन की गंध को दूर करना
नए मिट्टी के बर्तन से कभी-कभी एक कच्ची मिट्टी की तेज गंध आती है, जो पानी के स्वाद को प्रभावित कर सकती है। घी की हल्की सुगंध और चीनी की मिठास उस कच्ची मिट्टी की गंध को बेअसर करने में मदद करती है, जिससे पानी का स्वाद अधिक सुखद और तटस्थ रहता है।
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शुभता और पवित्रता का प्रतीक
भारतीय संस्कृति में घी और चीनी दोनों को ही पवित्र और शुभ माना जाता है। किसी भी नए बर्तन को पहली बार इस्तेमाल करने से पहले उसे शुद्ध करना और शुभ बनाना एक पुरानी परंपरा है। घी और चीनी का उपयोग इसी शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, जिससे यह विश्वास किया जाता है कि घड़े का पानी पीने वाले के लिए स्वास्थ्य और खुशहाली लाएगा।
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नए घड़ें में कैसे लगाएं घी और चीनी?
- एक चम्मच घी और एक चम्मच चीनी लें।
- इन दोनों को अच्छी तरह मिलाकर एक पेस्ट बना लें।
- इस पेस्ट को नए घड़े के अंदरूनी हिस्से पर अच्छी तरह लगा दें। सुनिश्चित करें कि पूरा अंदरूनी हिस्सा कवर हो जाए।
- इसे कुछ घंटों के लिए यानी कम से कम 3-4 घंटे या रात भर सूखने दें।
- सूखने के बाद, घड़े को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें ताकि अतिरिक्त घी-चीनी निकल जाए।
- अब आप इसमें पीने का पानी भर सकते हैं।
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