बाजार नियामक सेबी (Securities and Exchange Board of India) डीमैट खातों को निष्क्रिय घोषित करने की समयसीमा बढ़ाने की तैयारी में है। नए प्रस्ताव के तहत अब 12 महीने तक डीमैट खाते में किसी तरह जून का लेनदेन न होने पर उसे निष्क्रिय माना जाएगा। पहले यह समय अवधि छह माह थी। इस कदम से निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी।
बताया जा रहा है कि डीमैट खातों की डोरमेंसी (निष्क्रियता) पर सेबी के नए नियम जल्द लागू हो सकते हैं। सभी एक्सचेंज और डिपॉजिटरीज में एक समान नियम लागू होंगे। मौजूदा नियमों के मुताबिक शेयर बाजार में सक्रिय डीमैट खाता या एक्टिव इन्वेस्ट उसे माना जाता है, जो साल भर में कम से कम एक बार शेयर खरीदने या बेचने के लिए सौदा मिलता है।
क्या होता है डिमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटी को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।
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ऐसे मामलों में माना जाएगा सक्रिय:
नए प्रस्ताव के मुताबिक, 12 माह तक शेयर की खरीद-बिक्री न होने पर डीमैट खाता निष्क्रिय माना जाएगा। हालांकि, म्यूचुअल फंड एसआईपी, राइट्स इश्यू आदि की अर्जी दी गई, तो खाता सक्रिय माना जाएगा। बोनस, स्टॉक स्प्लिट आदि मान्य नहीं होंगे।
नए सुरक्षा मानक आएंगे:
सेबी के प्रस्ताव में डीमैट खातों को अधिक । सुरक्षित बनाने के लिए भी नए उपाय होंगे। निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए नए पैमाने लागू हो सकते हैं। साथ ही इन खातों में रखे शेयरों की बिक्री के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति अनिवार्य होगी। प्राप्त अर्जी का दो बार सत्यापन किया जाएगा। महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए खुलने वाले डीमैट खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2018 में महिलाओं की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी तक थी, जो अब बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच गई है।
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रिपोर्ट के मुताबिक 75 फीसदी निवेशक सक्रिय नहीं
सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में डीमैट खातों की संख्या तो रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन सक्रिय ट्रेडर्स के आंकड़ों में गिरावट देखी जा रही है। आंकड़े के मुताबिक, पिछले साल तक देश में सक्रिय डीमैट खातों का आंकड़ा 3.5 करोड़ के करीब था, जो इस साल मार्च के अंत में घटकर 3.19 करोड़ रह गया। वहीं, अगस्त में सिर्फ 3.15 सक्रिय खाते ही बचे थे। यानी कुल डीमैट खातों में 75 फीसद से ज्यादा सक्रिय नहीं हैं।
ऐसे ले सकते हैं डीमैट अकाउंट की सुविधा?
आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वयं और इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में किसी बैंक से ले सकते हैं, जिसके साथ आप डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। स्टॉकब्रोकर और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन है। आप उनके साथ भी डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
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