बच्चों को प्यार में कितना करना चाहिए पैंपर? जान लें एक्सपर्ट से

आप बच्चों को ज्यादा पैंपर करते हैं? बच्चों पर पैंपरिंग का क्या प्रभाव पड़ता है? आप कैसे पैंपरिंग को कम कर सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं इस लेख के माध्यम से... 
Pampering for your little ones

आज के समय में परवरिश की परिभाषा बदल गई है। अब बच्चों को डांटा कम जाता है और उन्हें प्यार ज्यादा किया जाता है। वहीं उनकी हर फरमाइशें भी पूरी की जाती हैं। ऐसे में कब प्यार में पैंपरिंग बढ़ जाती है, उन्हें पता ही नहीं चलता। प्यार में ज्यादा पैंपरिंग होने से बच्चों के भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में माता-पिता को पता होना चाहिए कि वे कहीं प्यार में ज्यादा पैंपरिंग तो नहीं कर रहे हैं। इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि बच्चों को ज्यादा पैंपरिंग करने से क्या होता है और पैपरिंग की लिमिट क्या है? जानते हैं कोच और हीलर, लाइफ अल्केमिस्ट, साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी तुगनैत (Dr. Chandni Tugnait) से...

क्या होता है पैंपरिंग करना?

  • माता-पिता बच्चे की हर बात मानते हैं। उनकी जरूरतों से लेकर गैर जरूरी बातों पर भी ध्यान देते हैं और गलत बातों के लिए टोकते भी नहीं हैं तो इसका मतलब है कि आप जरूरत से ज्यादा पैंपर कर रहे हैं।

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  • माता पिता बच्चों की हर जीद्द को पूरा करते हैं और उसे कभी ना नहीं बोलते। ये आदत भी बच्चों को बिगाड़ सकती है।
  • छोटी सी उम्र में ही बच्चों के हाथ में पैसे दे देना और उनसे यह कहना कि तुम्हारा जो मन करे वो खरीद लेना, यह भी ओवर पैंपरिंग का ही हिस्सा होता है।

बच्चों पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव

बता दें कि जब बच्चों को ओवर पैंपरिंग किया जाता है तो इसके कारण बच्चों की पर्सनैलिटी ओवर डिमांडिंग हो जाती है और उसका रूड बिहेवियर माता पिता को परेशान करने लगता है।

इससे अलग ऐसे बच्चों को कभी भी ना सुनने की आदत की नहीं होती है। वहीं अगर किसी रिलेशिनशिप में या ऑफिस में No शब्द को या रिजेक्शन को नहीं सुन पाते हैं और डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।

ज्यादा पैंपर क्यों करते हैं माता-पिता?

  • माता-पिता अपने बच्चों को वो जिंदगी देना चाहते हैं जो उन्हें कभी नहीं मिली, जिससे उनके बच्चों को कोई भी इच्छा ना मारनी पड़े।

kids care tips in hindi

  • कई बार माता-पिता अपने बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते हैं, इसलिए वे उनकी मांगें पूरी करके अपना गिल्ट छिपाते हैं।
  • पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए सही निर्णय नहीं ले पाते, जिसके कारण भी हर मांग पूरी करने लगते हैं।
  • माता-पिता को लगता है कि अगर वे बच्चों की मांगें पूरी नहीं करेंगे, तो बच्चे गुस्सा हो सकते हैं।
  • कई बार पति-पत्नी चाहते हैं कि वे बच्चों को न डांटें, इस कारण भी वे उनकी हर मांग पूरी करने लगते हैं।

करें ये बदलाव

  • आप बच्चों की हर बात न मानें। उन्हें नहीं बोलना भी सीखें।
  • आप अपने बच्चों को प्यार दें लेकिन उन्हें अनुशासित भी करें।
  • अपने बच्चों के हाथों में पैसे देने से पहले सोचें और उनसे हिसाब भी लें।

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Image Credit- Freepik

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