
शादी किसी भी लड़की के लिए एक खूबसूरत ख्वाब होता है, जो जब हकीकत में बदलता है तो उसे उसकी दुनिया रोशनी से भरी महसूस होती है। यहां हम यह बिल्कुल नहीं कह रहे हैं कि शादी ही किसी लड़की की जिंदगी का गोल होना चाहिए या शादी के बिना उनकी जिंदगी पूरी नहीं होती है, लेकिन यह जरूर है कि शादी के दिन का ख्वाब कहीं न कहीं हर लड़की बुनती है। हाथों में चूड़ा, पति के नाम की मेहंदी, सोलह श्रंगार, खूबसूरत सा जोड़ा और नई जिंदगी की राह तकती दुल्हन...अपने हमसफर का इंतजार करती उसकी आंखें, लेकिन जरा सोचिए अगर यह इंतजार पूरा ही न हो तो। अगर कोई लड़की दुल्हन बने, अपनी आने वाली जिंदगी के खूबसूरत सपने आंखों में लिए अपने पति का इंतजार करे लेकिन बारात ही न आए या बारात आकर बिना शादी के लौट जाए तो उसके दिल पर क्या बीतती होगी? ऐसे ही दो मामले पिछले कुछ दिनों में सामने आए हैं और वजह बनी दहेज की मांग। कहीं 20 लाख कैश तो कहीं थार की डिमांड पूरी ना होने के चलते बारात नहीं आई। चलिए, आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला?

यह घटना 1 नवंबर की है। यूपी के सहारनपुर के दौलतपुर गांव में शादी से ठीक पहले दूल्हे पक्ष की तरफ से थार कार की मांग रख दी गई। दूल्हे पक्ष की तरफ से साफ शब्दों में कह दिया गया कि अगर थार नहीं, तो बारात नहीं। बता दें कि दोनों की सगाई इसी साल मई में हुई थी और 1 नवंबर को शादी होना तय हुआ था। लड़की वालों की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई थी और बारात का इंतजार था, लेकिन शादी से ठीक पहले लड़के के चाचा ने फोन करके कहा कि अगर लड़के वालों को थार चाहिए और अगर थार नहीं मिली, तो बारात नहीं आएगी। बता दें कि लड़की पक्ष की ओर से बुलेट देने की तैयारी थी, लेकिन लड़के वाले अपनी बात पर अड़ गए और आखिर में बारात नहीं आई और दहेज की मांग ने एक लड़की और उसके परिवार की खुशियों को मातम में बदल लिया।
ऐसा ही एक मामला हाल ही में यूपी के मेरठ से सामने आया है। यहां शादी के दिन दूल्हे के परिवार की ओर से लड़की पक्ष को फोन किया गया कि बारात तभी आएगी, जब 20 लाख रुपये कैश दिया जाएगा। लड़की वालों ने लड़के वालों को समझाने और मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन लड़के के पिता ने उनकी एक न सुनी और आखिर में शादी तोड़ दी।

कभी दहेज की मांग को चलते कभी शादी टूट जाती है...कभी बाराते लौट जाती हैं...कभी बेटियों को जिंदा जला जिया जाता है तो कभी बेटियां खुद इस प्रताड़ना से तंग आकर अपनी जान ले लेती हैं और पीछे छोड़ जाती हैं कई सवाल, वो सवाल जो हर लड़की के मन में कौंधते हैं, लेकिन पूछे नहीं जाते। मैं एक लड़की होने के नाते वो सवाल पूछना चाहती हूं। मैं पूछना चाहती हूं कि आखिर क्यों मेरी शादी के लिए मेरे परिवार को पैसा-गाड़ी और न जाने क्या-क्या देने की जरूरत है? क्यों शादी के दिन मेरे पिता को झुककर सबसे मिलने की जरूरत है? क्यों शादी में क्या दिया जाएगा, कितना खर्चा किया जाएगा, इसे लेकर मेरे परिवार पर दबाव बनाया जाता है? अपनी दुनिया छोड़कर एक नया घर बसाने जा रही लड़की को सम्मान, सुरक्षा और प्यार का वादा मिलना चाहिए या दहेज के तराजू पर तोली जाती जिंदगी?
आज के वक्त में भी ये मामले सवाल खड़े करते हैं कि आखिर कब तक हमारे देश में बेटियों की खुशियां दहेज की बेड़ियों में बंधी रहेंगी? क्या दहेज की इस भूख का कोई अंत नहीं है? आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें कमेंट बॉक्स में लिख कर बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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