Hibiscus Plant Care Tips: बरसात के मौसम में गुड़हल के पौधे पर नई-नई कलियां और फूल खिल सकते हैं। लेकिन आपने इस दौरान खास ध्यान नहीं रखा, तो पेड़ पर खिले फूल भी गिरने लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में इस पौधे पर फूल खिलना बाकी दिनों से कम हो जाते हैं। अब ऐसे में अगर आप मिट्टी की गुड़ाई और छंटाई कर देते हैं, जो पौधे में नई-नई पत्तियां आना शुरू हो जाती है। बारिश में इस पौधे पर कीड़े लगने, कलियां खराब होने और फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में गार्डनिंग के शौकीन लोग अक्सर परेशान हो जाते हैं कि अपने गुड़हल के पौधे को फूलों से लहलहाता हुआ कैसे रखें। इस दौरान अमूमन लोग सोचते हैं कि अब महंगे केमिकल फर्टिलाइजर या ढेरों तरह की खाद खरीदने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन आपको बता दें कि आप घर के रसोई में मौजूद कुछ जरूरी चीज और गोबर से तैयार जादुई देसी नुस्खे से इसे हरा-भरा और स्वस्थ रख सकती हैं। यह तरीका न केवल पूरी तरह से नेचुरल है बल्कि आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ेगा। चलिए इस लेख में जानिए कि पौधे में नई कलियां और फूल कैसे पाएं।
गुड़हल पौधे के लिए खाद कैसे बनाएं?
गुड़हल के पौधे में डालने के लिए आलू के छिलके, गोबर,नीम खली और लकड़ी की राख से खाद बनाकर तैयार कर सकती हैं। इस खाद में मौजूद सभी चीजें प्राकृतिक है। ऐसे में इसका पौधे पर किसी भी प्रकार का कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा। बता दें कि आलू के छिलके में पोटेशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते है, जो पौधे में फूलों की उपज को बढ़ाते है। साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाने का काम करता है, जिससे पौधे की जड़ें मजबूत होती है। वहीं नीम खली और लकड़ी की राख पौधे में कीटों के प्रकोप को खत्म करता है।
बारिश के दौरान पौधे पर कीटों, मिलीबग और रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में वह उसे बचाने का काम करता है। वहीं गाय या भैंस के गोबर से तैयार खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते है जो गुड़हल के पौधे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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कैसे करें गुड़हल के पौधे में खाद का इस्तेमाल?
सबसे पहले एक बर्तन, बाल्की या डलिया लें। इसके बाद आलू के छिलके सुखाकर उनका बारीक पाउडर बना लें। अब इसमें आलू के छिलके का पाउडर, एक मुट्टी नीम खली, एक मुट्टी गोबर की खाद और एक मुट्टी लकड़ी की राख डालकर अच्छे से मिक्स करें। अब इस मिश्रण को गुड़हल के पौधे में 2 मुट्ठी डालकर फैलाएं। बची हुई खाद को स्टोर करके रख लें। इसका उपयोग महीने में 3-4 बार पौधे में कर सकते है। ऐसा करने से पौधे को सभी जरूरी पोषण प्राप्त होंगे, जिससे पौधे में कलियां और नए फूल खिल सकते हैं।
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