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UNESCO chose Diwali as intangible cultural heritage

यूनेस्को ने Diwali को घोषित किया अमूर्त विश्व धरोहर, यहां देखें और कौन से पर्व इस लिस्ट में शामिल

UNESCO Intangible Cultural Heritage List 2025: रोशनी का पर्व दिवाली, यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक सूची में शामिल हो गया है। इस लिस्ट में शामिल होने का अर्थ यह त्योहार न केवल भारतीय परंपरा बल्कि मानवता सभ्यता की अनमोल विरासत है। चलिए जानते हैं और कौन से पर्व इस सूची में शामिल-
Editorial
Updated:- 2025-12-11, 15:56 IST

कार्तिक मास की अमावस्या को मनाए जाने वाला दिवाली का पर्व वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुका है। बता दें कि यूनेस्को ने दिवाली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल कर ये साबित कर दिया है। यूनेस्को का यह फैसला दिखाता है कि भारतीय सांस्कृतिक समय, भाषा और सीमाओं से कहीं अधिक प्रभावशााली है। हालांकि इस त्योहार से पहले कई प्राचीन परंपराएं जैसे कुंभ मेला, योग, रामलीला, नवरोज, बौद्धा चैत्य नृत्य, यूनेस्कों की सूची में जगह बना चुके हैं। आज के इस लेख में हम बताने जा रहे हैं त्योहार के नाम और जुडने का साल बताने जा रहे हैं।

दिवाली पर्व क्यों यूनेस्को लिस्ट में हुआ शामिल?

Diwali UNESCO heritage

किसी त्योहार या चीज को खास स्थान मिलने के पीछे कई तथ्य शामिल होते हैं। इसी प्रकार यूनेस्को लिस्ट में दिवाली अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की जगह मिलने का भी कारण है। बता दें कि दीपों का त्योहार दिवाली धर्म और सीमाओं से ऊपर उठकर जीवन में प्रकाश, आशा और सकारात्मकता का संदेश देता है। यह त्योहार भारत के हर प्रदेश में अलग-अलग रूपों जैसे दीपावली, दीपोत्सव, काली पूजा, बालिप्रतिपदा या गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है, पर इसके पीछे का उद्देश्य एक ही रहता है और वह है एकता, उजाला और खुशहाली।

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अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची का क्या है महत्व?

Indian intangible cultural heritage

अगला सवाल आता है कि अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की लिस्ट में त्योहार का शामिल होने के पीछे का महत्व क्या है? बता दें कि इस लिस्ट में पर्व का शामिल होना किसी भी परंपरा के लिए बड़ी उपलब्धि है। संस्कृति केवल इमारतों या स्मारकों तक सीमित नहीं होता है बल्कि वह उत्सव, रीति-रिवाज, लोककला और नृत्य भी होता है, जो पीढ़ियों को आपस में जोड़ता है। दिवाली का इस लिस्ट में शामिल होने का अर्थ परंपरा का संरक्षण और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार होना है।

दिवाली से पहले कौन से त्योहार इस लिस्ट में हो चुके हैं शामिल?

unesco intangible cultural heritage list 2025

दिवाली त्योहार से पहले इस लिस्ट में भारत की और 16 प्रमुख विश्व धरोहर परंपराएं शामिल हैं। नीचे देखें नाम-

  • कुंभ मेला- 2017
  • रामलीला परंपरा-2008
  • योग-2016
  • नवरोज त्योहार-2016
  • कुदियाट्टम-2008
  • कालबेलिया नृत्य (राजस्थान)-2010
  • चौह-2010
  • बौद्ध चैत्य नृत्य-2012
  • वैद्यकीय परंपराएं (आयुर्वेदिक ज्ञान)
  • रंजीतगढ़ ढोल कल्चर
  • गरबा (गुजरात)-2023
  • सांइत (लोक नाट्य परंपरा)
  • मुदियेट्टू (केरल)
  • छऊ मुखोटा कला
  • दुर्गा पूजा उत्सव (कोलकाता)-2021

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Image credit-Freepik

 

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