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heritage site in anandpur sahib heritage trail

आनंदपुर साहिब में विरासत का नया स्वरूप: विरासती मार्ग और भाई जैता जी स्मारक बने सिख इतिहास की धरोहर

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार दो ऐतिहासिक परियोजनाओं विरासती मार्ग और शहीद बाबा जीवन सिंह (भाई जैता जी) स्मारक को तेजी से विकसित कर रही है। इसके पीछे का उद्देश्य राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान देना है।
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Updated:- 2025-12-12, 17:19 IST

श्री आनंदपुर साहिब, जहां 1699 में दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, एक बार फिर पंजाब की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाई देने के केंद्र में है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार दो ऐतिहासिक परियोजनाओं विरासती मार्ग और शहीद बाबा जीवन सिंह (भाई जैता जी) स्मारक को तेजी से विकसित कर रही है, जिनका उद्देश्य राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान देना है।

25 करोड़ की लागत में बन रहा मार्ग

heritage site in anandpur sahib heritage trail

करीब 25 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा 580 मीटर लंबा विरासती मार्ग तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक जाने वाले रास्ते को सफेद संगमरमर और कलात्मक सजावट से सुसज्जित करेगा। इस मार्ग में ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाती पेंटिंगें और पारंपरिक स्थापत्य शैलियों का ऐसा समन्वय होगा, जो श्रद्धालुओं को खालसा पंथ की गौरवशाली यात्रा का प्रत्यक्ष अनुभव कराएगा। मुख्यमंत्री मान का कहना है कि यह प्रोजेक्ट आनंदपुर साहिब को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर और अधिक स्थापित करेगा।

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5 मॉर्डन गैलरी का किया जाएगा निर्माण

Punjab religious tourism

इसके साथ ही लगभग 29 करोड़ रुपये की लागत से बना भाई जैता जी स्मारक लोगों को समर्पित कर दिया गया है। पांच आधुनिक गैलरियों वाला यह स्मारक भाई जैता जी के अद्वितीय साहस और गुरु तेग बहादुर जी की शहादत से जुड़े प्रसंगों को भावनात्मक और तकनीकी रूप में प्रस्तुत करता है। स्मारक का सबसे मार्मिक हिस्सा वह दृश्य है जिसमें भाई जैता जी गुरु तेग बहादुर जी का पवित्र सिर दिल्ली से आनंदपुर साहिब तक लाने का अतुलनीय बलिदान निभाते हैं—जिसके लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें “रंगरेटा गुरु का बेटा” की सम्मानित उपाधि दी।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आनंदपुर साहिब की धरती सिख इतिहास की आत्मा है और इन परियोजनाओं से पंजाब आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक विरासत सौंप रहा है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सिख संस्कृति की महिमा और इतिहास आने वाले समय में और अधिक गरिमा के साथ स्थायित्व प्राप्त करे।

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