यदि आपका बच्चा हर काम को लास्ट मोमेंट पर पूरा करने का आदि हो चुका है तो एक जिम्मेदार परेंट्स होने के नाते आपको ध्यान देने की आवश्यकता क्योंकि यह आदत आपके बच्चे के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। अपने स्कूल के लिए अक्सर लेट हो जाना, क्लास में देर से होमवर्क चेक कराना और ख़ुद का बचाव करने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाना, ये बच्चों के खराब टाइम मैंनेजमेंट की पहचान हैं, जो धीरे- धीरे बच्चों की आदत बन जाती है, और कॉलेज और जॉब के समय उनके लिए परेशानी का कारण बनती है। अगर आप भी अपने बच्चों में ऐसी ही आदतें देख रहीं हैं, तो इन टिप्स की मदद से आप उनको सही टाइम मैंनेजमेंट सिखाकर एक जिम्मेदार इंसान बना सकती हैं।
टाइम मैंनेजमेंट मॉडल बनें
एक बच्चा घऱ में अपने परेंट्स को ओब्ज़र्व करता है और यदि आप अपने कामों को देर-सबेर निपटाती हैं तो ध्यान दीजिए आपका बच्चा आपको ओब्ज़र्व कर रहा है इसलिए कोशिश कीजिये कि आप अपने सभी कामों को समय पर या समय से पहले ख़त्म करें ताकि वह आपसे सीख लेकर इस आदत को अपनाए। आप अपने बच्चे के रॉल मॉडल हैं इसलिए उनके सामने किसी भी काम को कल-कल कहकर मत टालिए।
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अपने बच्चे का शेड्यूल ओब्ज़र्व करें
बच्चे को अपने तरीके से उसके कामों की प्रायॉरिटी तय करने दें। इस बात की समझ पैदा करें कि उसका कौन सा समय ज़्यादा प्रोडक्टिव है। वह दिन के कौन से घंटों में कम समय में अधिक काम कर पा रहा है। जब बच्चा खुद ही यह तय करेगा तो निश्चित रूप से परिणाम अधिक सकारात्मक होगा जो आपके बच्चे में सही तरीके से टाइम मैनेज करने की आदत का विकास करता है।Parenting Tips: इस तरह प्यार से समझाएंगी तो आपका चंचल और शरारती बच्चा भी रहेगा खुश
सही समय पर काम शुरु करने की आदत
क्लास 9th और10th में बच्चों को अक़्सर स्कूल के फ़ाइल वर्क और अनेक तरह के प्रॉजेक्ट वर्क करने पड़ते हैं जिनको वो कुछ समय तक टालते रहते हैं। लास्ट डे पर हड़बड़ी में काम समाप्त करने की कोशिश करते हैं और स्ट्रेस लेने लगते हैं।अपने बच्चों को ऐसी परिस्थिति से बचाने के लिए उनको सही समय पर काम स्टार्ट करने की सलाह दें ताकि वह सब्मिसन डेट के पहले अपना काम तसल्ली में निपटाकर मेंटली रिलैक्स रहे।
एक बात को बार-बार दोहराने से बचें
आपका बच्चों को एक ही काम के लिए बार-बार टोकना उनको इरिटेट कर सकता है। ऐसा करने से बचें उसको ज़िम्मेदार बनाने के लिए उसके रूटीन के बारे में उससे जानकारी लें। यदि आपको लगता है कि उसके रूटीन में कुछ कमी है तो आप अपने बच्चे को बदलाव की सलाह दें और बताए कि आपकी बात मानने से उसको क्या फायेदा मिलेगा और अपनी फायदे की बात आपके बच्चे को अच्छे से समझ आ सकती है।
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लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित करें
अपने बच्चे की पसंद को पहचाने और उसको अपने लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करें। उसको बताए कि उसको अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए डेली कितने घंटे पढ़ाई करनी होगी और किस प्रोफ़ेशन के लिए किन बातों को ध्यान में रखना होगा।हो सकता है कि अपने अनुभव बांटने से उसको अपनी मंज़िल पाने में आसानी हो जाए।
Image Credit: (india.com,desitoys,mid-day)
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