प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने के नाम पर हो रही है ठगी, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

इन दिनों प्रॉपर्टी खरीदना सपने की तरह हो गया है। वहीं, आजकल रियल स्टेट स्कैम्स काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में इस ठगी से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।   
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जब इंसान कमाता है, तो वह जिंदगी में रोटी, कपड़ा और मकान की चाह रखता है। आजकल के महंगाई के दौर में मकान खरीदना केवल सपने जैसा हो गया है। इन दिनों प्रॉपर्टी के दाम आसमान छू रहे हैं और अब इसे खरीदना आसान काम नहीं रह गया है। प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के समय रजिस्ट्री, खतौनी, नक्शा, एनओसी, टाइटल डीड, सेल डीड, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट,यूटिलिटी सर्टिफिकेट, पजेशन लेटर और बेनामा जैसे कई सारे डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है। वहीं, आजकल इन्हीं डॉक्यूमेंट्स को लेकर प्रॉपर्टी के मामलों में कई फ्रॉड के सामने आ रहे हैं।

रियल स्टेट लेन-देन में प्रॉपर्टी धोखाधड़ी एक बड़ी समस्या बन गई है। अगर आप इस ठगी से बचना चाहते हैं, तो आपको पहले धोखाधड़ी का तरीका समझना होगा और इससे बचने के तरीकों के बारे में भी जानना होगा।

रियल स्टेट धोखाधड़ी

आजकल फ्रॉड डेवलपर्स रियल स्टेट एजेंट होने का दिखावा करते हैं और कस्टमर्स को बताते हैं कि वे देश के सबसे बड़े रियल स्टेट ब्रांड्स में से एक हैं। फिर, वे कस्टमर्स से कहते हैं कि इस प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने से आपको 100% रिटर्न(ROI) मिलेगा। इसके लिए, कई बार स्कैमर्स अट्रैक्टिव वेबसाइट्स भी बनाते हैं, जिस पर आपको प्रॉपर्टी सस्ती दिखाई देती हैं। इन वेबसाइट्स को बनाने का उद्देश्य ग्राहकों को वेबसाइट पर दिखाई जा रही प्रॉपर्टी के प्रति आकर्षित करना और उनसे ऑनलाइन सारी डिटेल्स मांगना होता है, ताकि कस्टमर आपसे डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करें और प्रॉपर्टी पर जाए बिना वह इसे खरीदने के लिए राजी हो जाएं।

वहीं, जब कस्टमर धोखेबाजों से कहता है कि वह साइट पर जाना चाहता है, तो अक्सर उनसे कहा जाता है कि साइट अंडर कंस्ट्रक्शन है, सारी बुकिंग हो चुकी हैं और केवल कुछ ही स्लॉट बचे हुए हैं। इस तरह से ठग आपको प्रॉपर्टी को ऑनलाइन खरीदने के लिए उकसाते हैं।

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टाइटल फ्रॉड

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यह फ्रॉड तब होता है, जब किसी प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स को जाली बनाया जाता है। कई बार स्कैमर्स अपने नाम से प्रॉपर्टी के ओनरशिप के नकली डॉक्यूमेंट्स बनवा लेते हैं और प्रॉपर्टी को बेचने का फ्रॉड करते हैं। इसके अलावा, कई बार वे ऐसी प्रॉपर्टी को बेचने की कोशिश करते हैं, जो ऐसी जमीन पर बनाई जा रही है, जहां पर कानूनी तौर पर विवाद चल रहा हो।

ऐसे में आपको हमेशा टाइटल डीड को वेरिफाई करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सेलर का नाम ऑफिशियल रिकॉर्ड्स से मेल खाता है या नहीं। प्रॉपर्टी पर किसी भी फाइनेंशियल या लीगल क्लेम की जांच के लिए Encumbrance Certificate (EC) सर्टिफिकेट लेना चाहिए।

रिटर्न घोटाला

कई बार फ्रॉड डेवलपर्स इन्वेस्टर्स को प्रॉपर्टी खरीदने के समय, उस पर सुनिश्चित रिटर्न के वादे के साथ लुभाते हैं। वहीं, जब ग्राहक उनकी बातों में आकर प्रॉपर्टी खरीद लेता है, तो बाद में ठग अपनी बात से पीछे हट जाते हैं। कई बार उनके द्वारा दिए गए गारंटीड रिटर्न चेक बाउंस भी हो जाते हैं।

ऐसे में, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि लीगल एग्रीमेंट में सुनिश्चित रिटर्न क्लॉज शामिल हो और दोनों पक्षों के सिग्नेचर हों।

बुकिंग को रद्द करने के लिए कहना

कई बार ठग प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने के बाद, खरीदारों को बुकिंग रद्द करने के लिए मजबूर करते हैं ताकि वे हाई रेट्स पर दुबारा प्रॉपर्टी को बेच सकें। ऐसे में, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि सेल एग्रीमेंट में खरीद और रद्दीकरण नीति की शर्तें स्पष्ट रूप से लिखी हुई हो। इसके अलावा, अगर आपसे कैंसिलेशन की मांग की जा रही है, तो आप डेवलपर के खिलाफ केस दर्ज करवा सकते हैं।

प्रोजेक्ट में देरी का बहाना

यह सबसे आम रियल स्टेट घोटालों में से एक है, जिसमें डेवलपर प्रॉपर्टी खरीदते समय ग्राहक को एक निश्चित टाइम पीरियड के भीतर सौंपने का वादा करता है, लेकिन आखिर में कस्टमर को विश्वासघात का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, आपको समय-समय पर डेवलपर से प्रोजेक्ट के स्टेट्स के बारे में जानते रहना चाहिए। अगर वह प्रोजेक्ट में देरी की बात कहता है, तो आपके पास डेवलपर के खिलाफ केस दर्ज करने का विकल्प होता है।

किराए पर ठगी

आजकल प्रॉपर्टी से ज्यादा लोग अपार्टमेंट खरीदना आसान समझ रहे हैं। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में 5 मिलियन से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीदार ठगी का शिकार हुए हैं, क्योंकि उन्हें ऑनलाइन झूठे विज्ञापन दिखाकर अट्रैक्ट किया गया था। ऐसे में, आपको हमेशा पोर्टल की जांच करनी चाहिए और फेक विज्ञापनों से सावधान रहना चाहिए।

अप्रूव्ड प्लान में मामूली बदलाव

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कुछ फ्रॉड डेवलपर्स कस्टमर्स को गुमराह करने के लिए अप्रूव्ड प्लान में मामूली बदलाव कर देते हैं। अगर उनके द्वारा किए गए बदलाव Civic Authority द्वारा अनुमोदित नहीं होते हैं, तो उस प्रॉपर्टी का Demolition हो सकता है। ऐसे में, आप संपत्ति खरीदार धोखाधड़ी गतिविधियों के संचालन के लिए प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

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नकद लेन-देन करने को कहना

कई बार फ्रॉड डेवलपर्स कस्टमर से नकद लेन-देन करने के लिए कहते हैं। ऐसा करने पर कोई ऑडिट ट्रेस नहीं होता है। इसलिए, आपको हमेशा बैंकिंग के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने के लिए लेन-देन करना चाहिए।

डॉक्यूमेंट्स देने में बहाने बनाना

अक्सर फ्रॉड डेवलेपर्स प्रॉपर्टी बेचते समय रजिस्ट्री, खतौनी, नक्शा, NOC, टाइटल डीड, एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट और बेनामा जैसे जरूरी दस्तावेजों को दिखाने से मना करते हैं। ऐसे में आपको सावधान हो जाना चाहिए और किसी भरोसेमंद रियल स्टेट वकील के जरिए सभी डॉक्यूमेंट्स का कानूनी सत्यापन करवाना चाहिए।

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Image Credit - freepik


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