बथुआ एक पौष्टिक और स्वादिष्ट साग है, जो सर्दियों में उगाया जाता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। ज्यादातर सर्दी के मौसम में बाजारों में हरी सब्जियां मिलनी शुरू हो जाती हैं। सर्दी के समय में ही पालक, चौराई, मेथी, बथुआ और सरसों के साग मिलते हैं। वैसे तो हर सब्जी का अपना एक अलग स्वाद होता है, लेकिन बथुआ साग की बात ही अलग होती है। अगर आप अपने किचन गार्डन में बथुआ उगाना चाहते हैं, तो यहां कुछ टिप्पणियां दी गई हैं:
असल में बथुआ के साग में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। बथुआ न सिर्फ पाचन की प्रक्रिया को बढ़ाता है बल्कि कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि बथुआ की अधिक पैदावार के लिए इन खादों का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही ये भी जान लें कि इसके कटाई का सही समय क्या होता है।
बथुआ को अच्छी तरह से बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से भरपूर खाद की जरूरत होती है। इसके बाद उसे मिट्टी में अच्छे से मिला दें। ऐसा करने से आपको बथुआ की बेहतर पैदावार मिलेगी जिससे किसानों को फायदा होगा।
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गोबर की खाद या कम्पोस्ट, यह सबसे अच्छी खाद है जो बथुआ को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है। यह एक उत्कृष्ट खाद है जो मिट्टी को पोषण प्रदान करती है और पौधों की जड़ों को मजबूत बनाती है। केंचुआ खाद, यह एक प्राकृतिक और जैविक खाद है जो मिट्टी की उर्वरता और जल धारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। खाद को मिट्टी में मिलाने से पहले उसे अच्छी तरह से गलना जरूरी है।
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बथुआ को नियमित तौर पर पानी देने की जरूरत होती है, खासकर जब मौसम नम हो। मिट्टी को नम रखें, लेकिन गीली न करें। सुबह या शाम को पानी देना सबसे अच्छा होता है।
बथुआ की कटाई बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद की जा सकती है। पत्तियों को काटने के लिए एक तेज चाकू का इस्तेमाल करें। कटाई करते समय, पौधे के आधार से लगभग 5 सेंटीमीटर ऊपर से पत्तियों को काटें। आप नियमित तौर पर कटाई कर सकते हैं, इससे पौधे की नई वृद्धि होगी।
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बथुआ की खेती रबी सीजन में की जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि इसमें शीतलहर सहन करने की क्षमता होती है। साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में बथुआ की खेती अप्रैल महीने में की जाती है। इसके अलावा बथुआ की खेती किसी भी मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। ध्यान रखें कि बथुआ को अच्छी धूप वाली जगह पर उगाएं। मिट्टी को अच्छी तरह से सूखा होना चाहिए। बथुआ को बीज या रोपाई से उगाया जा सकता है। बथुआ को कीटों और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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