घर की छत या बालकनी में हरे-भरे और फूलों से भरे पौधों को देखकर दिल बाग-बाग हो जाता है। यही वजह है कि लोग घर में तरह-तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले पेड़ और पौधे लगाते हैं। अगर आप भी सुंदर और खुशबूदार फूल वाले पौधों की शौकीन हैं, तो घर की छत या बालकनी में चंपा का पौधा लगा सकती हैं।
चंपा के पौधे को अंग्रेजी में प्लूमेरिया भी कहा जाता है। इस पौधे को ज्यादा केयर की जरूरत नहीं होती है और इसे बहुत ही आसानी से कटिंग से भी लगाया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग जब चंपा को कटिंग से लगाते हैं, तो उनका पौधा ठीक से ग्रो नहीं कर पाता है और खराब हो जाता है। अगर आपका भी चंपा का पौधा कटिंग से नहीं लग पा रहा है, तो हो सकता है आप कोई गलती कर रही हो।
इस तरह से लगाएं चंपा के पौधे की कटिंग
चंपा कटिंग से लगाते समय कई लोग एक कॉमन गलती कर बैठते हैं, जिसकी वजह से पौधा ठीक से ग्रो नहीं कर पाता है। यह कॉमन गलती है चंपा के पौधे की कटिंग को डायरेक्ट मिट्टी में लगाना। जी हां, चंपा के पौधे की कटिंग को डायरेक्ट मिट्टी में लगाने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि, जब चंपा की कटिंग काटी जाती है, तब उसमें दुधनुमा लिक्विड निकलता है जिसकी वजह से पौधे की जड़ में फंगस लग सकती है। फंगस की वजह से ही पौधा ठीक से ग्रो नहीं कर पाता है या फिर खराब हो जाता है।
ऐसे में जब भी चंपा की कटिंग लेकर आएं, तो उसे 8 से 10 दिनों के लिए छाया वाली जगह पर सूखने के लिए रख दें। 8 से 10 दिन बाद जब चंपा की कटिंग से निकलने वाला दूध सूख जाए, तब इसे मिट्टी में लगाएं।
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इन टिप्स की मदद से भी लगा सकती हैं चंपा का पौधा
फंगस से बचाएं
चंपा की कटिंग को मिट्टी में लगाने के लिए आप 8 से 10 दिन का इंतजार नहीं कर सकती हैं, तो इसे फंगस से बचाने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकती हैं। जी हां, एलोवेरा में ऐसे गुण होते हैं, जो चंपा की जड़ में फंगस लगने से बचा सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको एलोवेरा की एक पत्ती लेनी है और उससे निकलने वाले जेल को चंपा की कटिंग की जड़ पर अच्छी तरह से लगा देना है। एलोवेरा का जेल लगाने के बाद आप चंपा की कटिंग मिट्टी में लगा सकती हैं।
चंपा की कटिंग को फंगस से बचाने के लिए आप हल्दी का लेप, लकड़ी का जला कोयला या फंगस पेस्टिसाइड की मदद भी ले सकती हैं।
मिट्टी की क्वालिटी
चंपा का पौधा लगाने के लिए बहुत ज्यादा रेतीली मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। चंपा की कटिंग को लगाने के लिए गार्डन सॉयल काफी हो सकती है। ऐसे में जब भी चंपा की कटिंग लगाएं, तो मिट्टी में कोकोपिट, रेत या फर्टिलाइजर न डालें।
रूट्स सेटलिंग
चंपा का पौधा कटिंग से लगाते समय ज्यादातर लोग पत्तियों की कटिंग नहीं करते हैं, जिसकी वजह से रूट सेटलिंग नहीं हो पाती है। ऐसे में जब भी कटिंग लगाएं, तो पत्तियों की काट दें। ऐसा करने से कटिंग से रुट्स जल्दी ग्रो हो सकती हैं और पौधा भी मिट्टी में आसानी से जम पाता है।
पानी की मात्रा
चंपा के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में जब भी इसकी कटिंग लगाएं, तो ज्यादा पानी न दें। बस इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी में मॉइश्चर बना रहे। (पौधों में किस तरह डालें पानी?)
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सूरज की रौशनी
चंपा की कटिंग लगाने के बाद इसे सेमी शेड एरिया में रखना फायदेमंद माना जाता है। पूरी तरह से शेड में रखने पर पौधा ठीक से ग्रो नहीं कर पाता है, वहीं ज्यादा धूप की वजह से भी प्लांट खराब हो सकता है। आप चंपा की कटिंग को गमले में लगाने के बाद किसी बड़े पौधे या पेड़ की छाया में भी रख सकती हैं।
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Image Credit: Freepik
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