आज कल का दौर अकेलेपन का दौर है और इस अकेलेपन शायद ही कोई मदद करने आता है। जिसके कारण ही रेप और छेड़छाड़ की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। आए दिन कई सारी रिपोर्ट महिलाओं के साथ होने वाले रेप के बारे में आती हैं। पिछले दिनों दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें यह बात सामने आई थी कि इस साल हर दिन दिल्ली में 5 महिलाओं का रेप हुआ है।
हाल ही में आया सर्वेक्षण
हाल ही में गैर-सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रेन' द्वारा कराए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई है जिसेक अनुसार, भारत में हर 3 में से 1 किशोरी सार्वजनिक जगहों पर यौन उत्पीड़न को लेकर चिंतित रहती है। वहीं, 5 में से 1 किशोरी को बलात्कार व शारीरिक उत्पीड़न का डर रहता है। सर्वेक्षण में 6 राज्यों के करीब 4000 किशोर, किशोरियों व 800 अभिभावकों को शामिल किया गया। मतलब की आधे से अधिक लड़कियां और महिलाएं रेप और छेड़छाड़ के डर के साये में जी रही हैं। और ऐसा हो भी क्यों नहीं... आखिर में हर कोई हर जगह पर इस तरह से घूरता है कि सिवाए डरने के अलावा कोई चारा नहीं होता है।
लेकिन ऐसा ना करें।
चीजें डरने से सॉल्व नहीं होगी। उल्टा आपको घूरने वाला और आपका पीछा करने वाले का मनोबल ही बढ़ेगा। ऐसें स्टॉकिंग और पीछा किए जाने के दौरान कुछ जरूरी कदम उठायेँ।
क्या होती है स्टॉकिंग?
नॉर्मली लड़कियां घूरने और पीछा करने को स्टॉकिंग समझती हैं जिसे कई बार हल्के में ले लेती हैं। चीजों को इस तरह से हल्के में लेना ही उन पर भारी पड़ता है और वे किसी बड़ी घटना की शिकार हो जाती हैं। स्टॉकिंग में एक व्यक्ति द्वारा एकतरफा प्यार या जुनून में लगातार किसी लड़की का पीछा करना उस घूरना और प्यार के ठुकराने पर खुद को या लड़की को मारने की धमकी देना, उस पर एसिड से हमला करना, आदि अपराधें स्टॉकिंग की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामले में आप बिना किसी झिझक के कानून व पुलिस की मदद ले सकती हैं।
ऑनलाइन भी होने लगी है स्टॉकिंग
आजकल स्टॉकिंग ऑनलाइन भी होनेलगी है जिसके कारण फेसबुक ने अपने एक एम्लॉय तक को जॉब से निकाल दिया। यदि कोई इंटरनेट, सोशल मीडिया या फिर मेल द्वारा आपको अभद्र व अश्लील संदेश भेजता है। इतना ही नहीं अगर कोई सोशल ग्रुप में आपकी छवि खराब करने के लिए आपके वॉल पर अभद्र व अश्लील पोस्ट डालता है तो यह सब साइबर स्टॉकिंग क्राइम के अंतर्गत आता है। ऐसे अपराधी के खिलाफ भी आपको तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील मोनिका अरोड़ा कहती हैं कि स्टॉकिंग को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लना चाहिए। इसकी शिकायत तुरंत पुलिस से करनी चाहिए और कानून की मदद लेनी चाहिए।
क्या करें
- तुरंत पुलिस को बताएं- अगर आपका कोई पीछा कर रहा है या आपको घूर रहा है तो तुरंत पुलिस को सूचित करेँ। यदि समय रहते ऐसे व्यक्ति को पुलिस के हवाले न किया जाए तो इनके हौसले बढ़ते जाते हैं और वो कोई भी बड़ा अपराध कर सकता है। घबराएं नहीं और छोटी सी छोटी डिटेल्स पुलिस को बताएं।
- सबूत का भरोसा ना करें- यदि आपको उस अपराधी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल रहे हैं तो भी चुपचाप ना बैठें। आप केवल अपना पीछा करने की शिकायत पुलिस में करें। इससे आपको शुरुआती सुरक्षा मिल जाएगी।
- मैसेजेस और मेल इकट्ठे करें- अगर स्टॉकर आपको मेल या मैसेज भेजक धमकी देता है और परेशान करता है तो इन्हें सबूत की तरह इस्तेमाल करें।

लें कानून की मदद
महिलाओं की सुरक्षा हमारे देश में आपराधिक कानून, भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत सुनिश्चित की गई है। और निर्भया कांड के बाद मौजूदा कानून की खामियों को 2013 में कुछ विशेष सुधार किए गए हैं। आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 2013 के अंतर्गत किसी महिला का पीछा करना, प्राइवेट जगहों पर महिला को छिपकर देखना या इंटरनेट व सोशल मीडिया के जरिए महिला को परेशान करना यानी साइबर स्टॉकिंग आदि एक्ट 354 डी के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आते हैं। इस एक्ट के प्रावधान के अनुसार कोई अपराधी साबित होता है तो उसे 3 साल की सजा व जुर्माना हो सकता है। वहीं अगर वह व्यक्ति इस अपराध में दोबारा दोषी पाया जाता है तो उसे 5 साल तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।
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तो इन कानूनों का इस्तेमाल कीजिए और खुद को सुरक्षित रखिए।
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