30 की उम्र कुछ ऐसी होती है जिससे लोग कतराते हैं। उम्र के इस पड़ाव को आधे लोग बुढ़ापा ही मानने लगते हैं। वैसे तो ये मिड लाइफ नहीं होती, लेकिन 29 तक सब कुछ अच्छा लगता है और 30 आते ही मिड लाइफ क्राइसिस होने लगती है। कई लोग इस डर को कम करने के लिए कई तरह की चेक लिस्ट बनाते हैं। 30 के होने से पहले ये कर लेंगे, वो कर लेंगे, यहां घूम आएंगे, वहां घूम आएंगे कुछ तो अलग करके दिखाएंगे। पर क्या आपको लगता है कि वाकई जिंदगी में कुछ बदलता है?
मैं अपने पर्सनल एक्सपीरियंस से बता सकती हूं कि ऐसा कुछ नहीं होता है। आपका 30वां जन्मदिन बस एक तारीख होती है जो आती है और निकल जाती है। पर अगर आप तीस की हो चुकी हैं या होने वाली हैं तो आपको इन चीज़ों के बारे में जान लेना चाहिए। ये मेरा पर्सनल एक्सपीरियंस है जो मैंने फील किया है।
घर वालों को ये लगता है कि अब इसकी शादी कर देनी चाहिए, दोस्तों की शादी हो रही होती है और कुछ के तो बच्चे भी हो रहे होते हैं। रिश्तेदारों की जिंदगी का सबसे बड़ा काम ये होता है कि आपकी शादी क्यों नहीं हुई इसे पूछा जाए और आपके लिए रिश्ते बताए जाएं। कई लड़कियों को इस दौरान बहुत ज्यादा एंग्जाइटी होने लगती है और कुछ पर तो लड़के ढूंढने का टॉर्चर और अरेंज मैरिज के लिए लड़कों से मिलने की परेशानी होती है। पर ये नॉर्मल है जो हर लड़की को आजकल झेलना पड़ता है। यकीन मानिए ये बिल्कुल नॉर्मल है और आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
इस दौरान खुद को गलत ना समझें। आप में कोई कमी नहीं बल्कि ये दिक्कत समाज की है जो आपको बार-बार फोर्स कर रहा है।
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अब इसे या तो आप आराम से समझ सकती हैं या फिर पैसे-पैसे की बचत करने के बाद भी अपने खाली अकाउंट को देखकर समझ सकती हैं। आपके फाइनेंस की जिम्मेदारी कोई और नहीं लेगा और भले ही आपकी शादी हो चुकी है या फिर नहीं, लेकिन आपको खुद ही इसे लेकर मेहनत करनी होगी। शादी होना या ना होना ये सब कुछ किसी भी हालत में फाइनेंस की जिम्मेदारी को कम नहीं करता। अगर आप फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट नहीं हैं तो आपके लिए आगे चलकर काफी दिक्कत हो सकती है।(फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बनने के टिप्स)
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हो सकता है मेरे इस स्टेटमेंट से कई लोग नाराज़ हो जाएं, लेकिन ये उम्र ऐसी है जब आपको इमोशनल अटैचमेंट कम करने चाहिए ना कि बढ़ाने चाहिए। मैं जानती हूं कि इस समय आपको किसी ना किसी की जरूरत महसूस होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप इमोशनल अटैचमेंट बढ़ा लें। इस दौरान अगर किसी से इमोशनल अटैचमेंट हुआ और आपको धोखा मिला तो तकलीफ ज्यादा और कई दिनों तक रहती है। इस दौरान आपको अपनी कंपनी एन्जॉय करना सीखना होगा।
सोशल मीडिया में जो कुछ भी दिखता है वो सही हो ये जरूरी नहीं है। सोशल मीडिया आपको एंग्जाइटी दे सकता है और ये मैं पर्सनल एक्सपीरियंस से कह सकती हूं कि जो कुछ भी दिखता है वो सही नहीं होता है। लोग दिखावे में ज्यादा यकीन करते हैं, लेकिन 30 के बाद आपको ये फीलिंग आती है कि शायद आप में कोई कमी है जो सही लड़का नहीं मिल रहा, आपकी नई नौकरी नहीं मिल रही, कोई अच्छा काम आपके साथ हुआ ही नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया से थोड़ा सा दूर रहें।
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ऐसा लगता है जैसे 30 के होते ही शरीर ये बताने लगता है कि आप बूढ़ी हो रही हैं। आपको हैंग ओवर ज्यादा होता है, आपको कई जगहों पर दर्द ज्यादा होता है, आपको परेशानी भी ज्यादा होने लगती है और इम्यूनिटी वीक हो जाती है। ये बहुत ही आम है और नहीं आपके साथ कुछ अनोखा नहीं हो रहा है। मॉडर्न मेडिसिन का विकास होने से पहले लोग 30 पार होते ही कई बीमारियों के शिकार हो जाते थे और ये आपके शरीर का तरीका है आपको बताने का कि बॉस अब फिटनेस पर ध्यान देने का वक्त आ गया है।
30 सिर्फ एक उम्र है जिसके बारे में आपको ज्यादा ध्यान नहीं देना है। आपको खुद पर ध्यान देना है। अगर आप अपना ख्याल नहीं रखेंगी तो कोई आपका ख्याल नहीं रखेगा। और हां, एज इज जस्ट ए नंबर लेडीज।
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