माता-पिता बनना हर किसी के लिए गर्व की बात होती है। खासतौर पर एक महिला के लिए मां बनने से बड़ी खुशी और कुछ नहीं हो सकती। मगर यह खुश कई नई चुनौतियां भी ले कर आती है, जिसका सामना हर माता-पिता को साथ में करना होता है। कई बार इन चुनौतियों से लड़ते-लड़ते माता-पिता आपस में ही लड़ बैठते हैं। बच्चे की जिम्मेदारी और जीवन में हो रहे नए बदलाव के कारण माता-पिता को अपने लिए वक्त ही नहीं मिलता। इससे वे स्ट्रेस में आ जाते हैं और अलग-अलग मुद्दों पर लड़ते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन सी चुनौतियां हैं जो नए नवेले पेरेंट्स को लड़ने पर मजबूर करती है और इन चुनौंतियों से वे कैसे निपट सकते हैं।
बच्चा होने के बाद माता-पिता का पूरा अटेंशन बच्चे की देखभाल पर होता है। ऐसे में कई बार उन्हें आपस में वक्त बिताने को नहीं मिलता। खासतौर पर मां का बच्चे के ज्यादा काम करने होते हैं इसलिए वह अपने पार्टनर को पहले जैसा वक्त नहीं दे पाती है। ऐसे में कई बार पार्टनर समय न देने पर वाइफ से नाराज हो जाता है। अपने पार्टनर की नाराजगी दूर करने के लिए सबसे अच्छी बात है कि आप उन्हें बच्चे से जुड़े काम में शामिल करें। इस तरह आपके पार्टनर को बच्चे से जुड़ने और आपके साथ वक्त बिताने का समय भी मिल जाता है।
बेबी होने के बाद हार्मोनल बदलाव और बढ़ी हुई जिम्मेदारियों का दबाव महिलाओं को स्ट्रेस में ले आता है। ऐसे में बात-बात पर महिलाएं चिड़चिड़ा जाती हैं। कई बार वे अपने पार्टनर की बातों को मिसइंटरप्रिटेट भी कर जाती हैं और छोटी-छोटी बातों पर इमोशनल भी हो जाती हैं। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो परेशान होने की जगह खुद पर थोड़ा कंट्रोल करें। कोशिश करने पर आप चीजों को आसानी से समझ सकेंगी और अपने पार्टनर से आपका झगड़ा भी नहीं होगा।
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बेबी भले ही छोटा होता है मगर उसके काम पूरे दिन खत्म नहीं होते। खासतौर पर मां को पूरे टाइम बच्चे के काम के लिए जूझना पड़ता है। ऐसे में बच्चे को फीड कराने से लेकर उसकी नैपी बदलने तक सारे काम कर-कर के मां थक जाती हैं। कई बार पार्टनर भी बच्चे के काम करने में आना कानी करते हैं। मगर, इसके लिए फाइट करना सही नहीं है। उन्हें बच्चे के काम सौंपना आपकी ही जिम्मेदारी है। आपको अपने पार्टनर से यह बात स्पष्ट करनी होगी कि वह भी बच्चे के कुछ काम में आपका हाथ बटाएं। शरुआत में आप पार्टनर को ज्यादा काम न सौंपे। मगर धीरे-धीरे उन्हें बच्चे का हर वो काम करना सिखा दें, जो आप करती हैं ताकि आपको कभी जरूरत पड़े तो आपके हसबैंड आपकी हैल्प कर सकते हैं।
बेबी जब छोटा होता है तो मां को उस पर पूरा फोकस करना होता है। पहले की तरह पति के साथ घूमना फिरना और दोस्तों से मिलना भी आसान नहीं रह जाता। कई बार सोशल लाइफ को लेकर हसबैंड वाइफ में झगड़ा होता है। कई बार ऐसा भी होता है कि वाइफ को लगता है कि बेबी होने के बाद वह बंध गई है जबकी हसबैंड अभी आजादी से जी रहे हैं। इन सब को लेकर पति-पत्नी में झगड़े भी होते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि बच्चे के साथ भी सोशल हुआ जा सकता है। बच्चे को सेफटी के साथ अगर बाहर ले जाया जाए तो आप दोनों सोशल लाइफ का मजा ले सकते हैं।
बच्चे के सोने के रुटीन के हिसाब से माता-पिता की नींद भी कभी-कभी पूरी नहीं हो पाती। इस बात को लेकर भी दोनों में चिड़चिड़ाहट होती है। ऐसे में आपको बच्चे के सोने के रुटीन को सही करना होगा। एक बार बच्चे का स्लीपिंग रुटीन सही हो जाती है तो फिर कोई परेशानी नहीं होती है। मगर, जब तक बच्चा सही समय पर नहीं सो रहा तब तक बारी-बारी से बच्चे का ध्यान रखें।
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