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Aap Beeti:'अरे भइया! रुको सामने डिवाइडर ...' बस 10 सेकंड में हो गया हादसा, रात में महिलाओं के लिए CAB कितनी सुरक्षित? सफर से पहले पढ़ें यह रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी और जानें फाइट-बैक का सही तरीका

एक महिला की कैब दुर्घटना की सच्ची आप-बीती जिसने रात में महिलाओं की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े किए। जानें नाइट ट्रैवल में जरूरी सावधानियां और फाइट-बैक टिप्स।
Editorial
Updated:- 2025-11-27, 16:45 IST

"अरे भइया! सामने देखो… क्या कर रहे हो? सो गए हो क्या?" इतना कहते ही उसने कैब से आगे रखे दो रेड स्टॉपर्स को तेजी से टक्कर मार दी और फिर गाड़ी डिवाइडर पर चढ़ाते हुए सीधे फ्लाईओवर की तरफ मोड़ दी।

मेरे सिर, हाथ और पैर पर चोट आ गई। मैं समझ ही नहीं पाई कि अचानक क्या हो गया। बहुत चिल्लाने के बाद ड्राइवर ने जैसे-तैसे कैब रोकी। गाड़ी रुकते ही वह मेरे हाथ-पैर जोड़कर बोला, "मैडम, दो दिन से बिना रुके गाड़ी चला रहा हूं। बच्चे की फीस भरनी थी, इसलिए सोया ही नहीं… अभी जरा-सी झपकी आ गई। प्लीज मुझे माफ कर दीजिए।"

यह कहकर वह बाहर उतर गया और गाड़ी के एक्सिडेंट से हुए नुकसान को देखने लगा। मैं अंदर ही बैठी कांप रही थी, समझ नहीं पा रही थी कि यह सब सच में हुआ है या कोई बुरा सपना।

कुछ मिनट बाद ड्राइवर वापस आया और इस बार गाड़ी का पिछला दरवाजा खोल दिया। मेरा डर और बढ़ गया। उसने कहा, "मैडम, प्लीज यह राइड कैंसिल कर दीजिए और दूसरी कैब ले लीजिए। मेरी गाड़ी का टायर फट गया है… मैं आपको आगे नहीं छोड़ पाऊंगा।"

उस समय रात के 12 बज रहे थे। सड़क पर बस ट्रक और लोडर ही दिखाई दे रहे थे। सबसे ज्‍यादा हैरानी की बात यह थी कि एक्सिडेंट के बाद एक भी व्यक्ति हमारे पास यह पूछने नहीं रुका कि हम ठीक हैं या नहीं।

मैंने पुलिस को कॉल किया। लगभग 40 मिनट बाद पीसीआर वैन पहुंची… और फिर शुरू हुआ टॉर्चर का दूसरा दौर।

यह आपबीती सुनाने वाली महिला दिल्ली की रहने वाली है और पेशे से पत्रकार है। रात में बाहर निकलना उसके काम का हिस्सा है, इसलिए वह कई बार आधी रात को भी बेझिझक सफर कर चुकी है। लेकिन इस बार उसे अंदाजा भी नहीं था कि अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले उसके साथ ऐसा डरावना हादसा हो जाएगा।

कैब सर्विसेज़ को लेकर महिलाओं की ऐसी कई कहानियां सामने आती रही हैं। हर किसी का अनुभव अलग है, और कई बार इन्हीं अनुभवों की वजह से महिलाएं रात में कैब लेने से पहले सौ बार सोचती हैं।

इस घटना ने भी कई सवालों को जन्म दिया है। आइए, इन उलझे हुए सवालों के जवाब एक-एक कर समझने की कोशिश करते हैं-

रात में महिलाओं के लिए कैब सर्विसेज कितनी सुरक्षित?

हाल ही में महिलाओं की नाइट शिफ्ट को लेकर कई खबरें सामने आईं, जिनमें यह बात जोर देकर कही गई कि रात में काम करने वाली महिलाओं को कैब सुविधा दी जानी चाहिए। लेकिन असली सवाल यह है, क्या सच में रात के समय महिलाओं के लिए कैब सर्विसेज सुरक्षित हैं?

ऊपर बताई गई घटना जैसे हादसे इस सवाल को और भी बड़ा बना देते हैं। क्योंकि जब एक महिला रात में किसी कैब में बैठती है, तो वह ड्राइवर पर पूरा भरोसा करके ही बैठती है। लेकिन यह कैसे पता चले कि:

delhi cab case

  • ड्राइवर सच में गाड़ी चलाने की स्थिति में है या नहीं?
  • कहीं उसने शराब या कोई नशा तो नहीं किया?
  • उसकी सेहत कैसी है? कहीं वह थका हुआ, तनाव में या बीमार तो नहीं है?
  • कहीं उसके खिलाफ पहले से कोई आपराधिक मामला तो नहीं है?

सिर्फ ऐप की स्टार रेटिंग देखकर इन बातों का पता नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि रेटिंग तो सिर्फ पिछली राइड पर निर्भर करती है। इसलिए, चाहे दिन हो या रात, कैब में बैठते समय कुछ जरूरी सावधानियां जरूर अपनानी चाहिए।

 

 

 कैब में सफर करते समय इन बातों का खास ध्यान रखें

1. कैब का नंबर और ड्राइवर का नाम शेयर करें

कैब में बैठते ही गाड़ी का नंबर और ड्राइवर का नाम अपने किसी भरोसेमंद व्यक्ति को भेज दें। खासकर रात के समय यह कदम आपकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।

2. गाड़ी की हालत देखकर बैठें

कैब में बैठने से पहले एक नजर गाड़ी की कंडिशन पर डालें।

अगर गाड़ी बहुत खराब हालत में है, टायर घिसे हुए लग रहे हैं या अंदर गंदगी है, तो यह साफ संकेत है कि मेंटेनेंस का ध्यान नहीं रखा गया है। ऐसी गाड़ी में हादसे का जोखिम बढ़ जाता है और सुरक्षा उपकरण, जैसे - ब्रेक या एयर बैग भी ठीक से काम नहीं करते हैं।

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3. गाड़ी में बैठकर मोबाइल में न डूबें

ड्राइवर को यह महसूस होने दें कि आप सतर्क हैं। लगातार मोबाइल देखने से आप अपने आसपास से अनजान हो जाती हैं, जो जोखिम बढ़ाता है।

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4. ड्राइवर की हालत का अंदाजा लगाएं

कोशिश करें कि ड्राइवर से बातचीत करके समझें कि वह ठीक है या नहीं।

कुछ हल्के-फुल्के लेकिन ध्यान देने वाले सवाल पूछें, जैसे:

  • गाड़ी में अजीब सी गंध आ रही है, आपने कुछ रखा है क्या?
  • आप सो तो नहीं रहे? ठीक हैं ना?
  • हो सकता है कि ड्राइवर को यह अच्छा न लगे, लेकिन इससे उसे समझ आ जाएगा कि आप सतर्क और जागरूक हैं।

5. सीट बेल्ट जरूर पहनें

चाहे आगे बैठें या पीछे, सीट बेल्ट जरूर लगाएं। यह हादसे के समय आपकी सबसे बड़ी सुरक्षा होती है।

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6. राइड खत्‍म होने पर सच्ची रेटिंग दें

ड्राइवर के कहने पर जरूरत से ज्यादा रेटिंग न दें। जितनी वो डिजर्व करता है उतनी ही रेटिंग दें। क्योंकि आपकी दी गई रेटिंग पर ही अगला ग्राहक भरोसा करेगा और अपनी राइड बुक करेगा।

आपातकालीन स्थिति में यह कदम उठाएं

न चाहते हुए भी कई बार हादसे हो ही जाते हैं। यदि ऐसा कभी भी हो कि आप कैब में किसी आपातकालीन स्थिति में फंस जाएं, तो आपको निम्निलिखित बातों का ध्‍यान रखना होगा -

  • सबसे पहले आपको 112 नंबर डायल करना चाहिए। यह पुलिस नियंत्रण कक्ष का नंबर है। इस पर कॉल करते ही पीसीआर वैन आपके पास आ जाएगी। हालांकि,इसमें टाइम भी लग सकता है। मगर यह अपनी सुरक्षा के लिए उठाया गया आपका सबसे पहला कदम होना चाहिए।
  • इस बात का ध्‍यान रखें कि आपको पुलिस को अपनी सही लोकेशन बतानी है ताकि वह आपके पास जल्‍द से जल्‍द पहुंच पाए। इसके लिए अपनी लोकेशन चेक करें।
  • पुलिस को इस बात की जानकारी देनी है कि आपको लेडी पुलिस चाहिए। लेडी पुलिस के आने से आपको अपनी बात को समझाने में आसानी होगी।
  • पीसीआर वैन के आने पर आपको सबसे पहले अपनी शिकायत लिखित में दर्ज करने के लिए कहना चाहिए। यदि वह ऐसा न करें तो आपको दोबारा हेल्‍प लाइन नंबर पर कॉल करनी चाहिए। इसके लिए आप 1091 नंबर को डायल करें। यह महिला हेल्‍पलाइन नंबर है। हालांकि, यहां से भी आपकी लोकेशन से सबसे नजदीक थाने और पीसीआर वैन को ही कॉल जाएगा।
  • अगर आपको पीसीआर वैन से उचित मदद नहीं मिल रही है, तो आप दोबारा भी 112 नंबर डायल कर सकती हैं।
  • इसके साथ ही जिस कंपनी से आपने कैब सर्विस ली थी, उसके भी इमर्जेंसी नंबर पर डायल करें और आप-बीती बताएं। उससे दूसरी कैब भेजने के लिए बोलें।
  • इस बार जब नया कैब ड्राइवर आए तो तुरंत ही पुलिस से उसका वेरिफिकेशन कराएं और तब ही कैब के अंदर बैठें।

Image Credit- Gemini AI 

कैब सर्विसेज का 'काला सच'

वर्किंग आवर्स को लेकर हम कई बार चर्चा कर चुके हैं। अक्सर यह बताया जाता है कि किसी भी इंसान को 9 घंटे काम करने के बाद आराम की जरूरत होती है। लेकिन अधिक पैसे कमाने की चाह अक्सर लोगों को इतना मजबूर कर देती है कि वे अपने शरीर की सीमाओं को नजरअंदाज कर देते हैं।

बहुत कम लोगों को पता है कि कैब और बाइक राइडर्स के लिए कंपनियां किसी तरह की 'राइड लिमिट' तय नहीं करतीं। हमारी बातचीत में एक राइडर ने खुद बताया:

"बहुत से राइडर्स दिन में नौकरी करते हैं और रात में कैब या बाइक चलाते हैं। मैं भी दिन में जॉब करता हूं और बीच-बीच में सिर्फ 4-5 घंटे ही सो पाता हूं। फिर रात में गाड़ी चलाने निकल जाता हूं।"

अब सोचिए! जो व्यक्ति दिनभर काम करके, कम सोकर रात में गाड़ी चलाए, उसके साथ सफर करना कितना जोखिम भरा हो सकता है। थका हुआ ड्राइवर किसी भी वक्त गलती कर सकता है, और आपका जीवन खतरे में पड़ सकता है।

ऊपर बताई गई घटना बिल्कुल काल्पनिक नहीं है। कल्पना करें, अगर फ्लाईओवर पर चढ़ते समय ड्राइवर को झपकी आ जाती, तो क्या अंजाम होता? एक बड़ा हादसा निश्चित था।

साथ ही, यदि कैब में बैठी महिला मोबाइल में व्यस्त होती या सो रही होती, तो शायद उसे आने वाले खतरे का बिल्कुल अंदाजा नहीं होता और चोट कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती थी।

इसलिए जरूरी है कि कैब में बैठते ही आप सतर्क रहें।

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यदि आपके साथ भी कभी कोई ऐसा अनुभव हुआ है, जिसे महिलाओं को सचेत रहने के लिए जानना चाहिए, तो हमें लिखें:

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'आप-बीती' सच्ची घटनाओं पर आधारित इस सीरीज में हम आपको ऐसे ही जागरूक करने वाली कहानियां आगे भी बताते रहेंगे। अगर हमारी यह कोशिश आपको पसंद आए, तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें। ऐसे ही और उपयोगी लेख पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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