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River Curse: जानें भारत की नदियों से जुड़े भयंकर श्राप

भारत में जितनी भी नदी हैं सबका धार्मिक महत्व माना जाता है। इसी कड़ी में आज हम आपको भारत की पवित्र नदियों से जुड़े भयंकर श्रापों के बारे में बताने जा रहे हैं।  
Editorial
Updated:- 2023-06-01, 16:28 IST

Pavitra Nadiyo Se Jude Shrap: हिन्दूधर्म में नदियों को पवित्र और पूजनीय माना जाता है। नदियों को सनातना परंपरा में मां का दर्जा हासिल है।

मान्यता है कि इन पवित्र नदियों में स्नान से व्यक्ति के सभी दुख-दर्द, जीवन के सारे कष्ट और अनगिनत पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

मगर इन्हीं नदियों से जुड़े ऐसे भयंकर श्राप हैं जो आज भी शास्त्रों में वर्णित हैं। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इन श्रापों के बारे में।

गंगा नदी का श्राप

अपुरानिक कथा के अनुसार, गंगा नदी को माता पार्वती (माता पार्वती के मंत्र) से यह श्राप मिला हुआ है कि वह कभी भी कलयुग में शुद्ध नहीं रह पाएंगी। मनुष्यों के पापों से उन्हें मुक्ति दिलाएंगी लेकिन उनके पापों से खुद कष्ट भोगेंगी।

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सरस्वती नदी का श्राप

महाभारत काल में सरस्वती नदी को दुर्वासा ऋषि से यह श्राप मिला था कि वह कलयुग आने तक लुप्त हो जाएंगी कल्कि अवतार के बाद ही उनका धरती पर आगमन होगा और तब सरस्वती नदी में स्नान करने भर से व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होगी।

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फल्गु नदी का श्राप

फाल्गुन नदी को झूठ बोलने पर माता सीता (माता सीता के नाम) ने यह श्राप दिया था कि इस नदी को कभी भी पूजनीय नहीं माना जाएगा। फल्गु नदी का जल शुभ कार्यों के बदले पिंडदान और श्राद्ध कर्म में प्रयोग होगा।

चंबल नदी का श्राप

ऐसी मान्यता है कि एक समय में राजा रतिदेव हुआ करते थे जिन्होंने हजारों जानवरों को इस नदी के किनारे मारा था जिसके परिणाम स्वरूप जानवरों का रक्त इस नदी में जा मिला और तब से यह नदी श्रापित मानी जाने लगी। इस नदी में स्नान करने से जीवन में दुखों की बरसात होती है।

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कोसी नदी का श्राप

कोसी नदी को लेकर श्राप की कहानी यह है कि इस नदी में स्नान करने वाला कभी भी जीवित नहीं बचता है। ऐसी मान्यता है कि इस नदी को एक ऋषि का श्राप मिला हुआ जिनकी तपस्या कोसी द्वारा भंग हुई थी।

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कर्मनाशा नदी का श्राप

पौराणिक और प्रचलित कथा के अनुसार, एक बार इस नदी में एक साधू स्नान कर रहे थे कि तभी वहां कुछ युवक पहुंचे और नदी में मौज-मस्ती करने लगे। यह अभद्रता देख ऋषि ने कृध में आकर युवकों के साथ-साथ नदी को अशुद्ध और पापी होने का श्राप दे दिया था।

तो ये हैं भारत की पवित्र और पूजनीय नदियों से जुड़े भयंकर श्राप की कहानी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik

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