<strong>Mata Sita:</strong> हिन्दू धर्म में माता सीता को धर्म परायणा और पतिव्रता के रूप में पूजा जाता है। माता सीता को प्रभु श्री राम की आराध्य शक्ति माना जाता है। माता सीता के बारे में ऐसा बहुत सी बातें हैं जो आज भी कहीं न कहीं मात्र रहस्य बनकर रह गयी हैं। उन्हें में से एक है उनके अनेकों नाम का रहस्य और महत्व। आज हम आपको हमारे <strong>ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स</strong> द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर माता सीता के विभिन्न नामों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथी ही आपको इन नामों के महत्व, अर्थ और रहस्य के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। तो चलिए बिना देरी किये जानते हैं इस विषय पर।
माता सीता का एक नाम भूमि भी है। इस नाम का अर्थ है पृथ्वी। माता सीता (वनवास में भी क्यों नहीं हुए माता सीता के कपड़े मैले) को भूमि के साथ-साथ भूमिजा भो बोलते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि माता सीता का जन्म पृथ्वी की गोद से हुआ था। यानी कि माता सीता पृथ्वी से प्रकट हुई थीं।
पिता का नाम जनक होने के कारण माता सीता को जानकी भी कहा जाता है। जानकी का मूल अर्थ होता है जो अपने पिता के अत्यंत समीप हो और पिता की लाडली हो।
माता सीता के इस नाम का अर्थ है लक्ष्मी स्वरूपा। यानी कि माता सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। अयोध्या की प्रजा माता सीता को इस नाम से सबसे ज्यादा संबोधित करती थी।
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माता सीता के पिता जिस राज्य के राजा थे उसका नाम मिथिला था। इसी कारण से माता सीता का नाम मैथिली पड़ा और उनके माता सीता के मायके के सदस्य भी उन्हें इसी नाम से अधिक पुकारते थे।
मृणमयी शब्द का अर्थ है मिट्टी से बना हुआ। माता सीता न सिर्फ मिट्टी से जन्मी थी बल्कि उनकी देह भी मिट्टी की भांति पवित्र थी इसी कारण से उन्हें मृणमयी के नाम से भी जाना जाता है।
यूं तो सिया शब्द सीता से ही बना है लेकिन इसका मूल अर्थ है चंद्र रौशनी की भांति खूबसूरत और शीतल। माता सीता के सौंदर्य का वर्णन भी कुछ ऐसा ही है। उनका व्यक्तित्व एक दम शांत और उनकी सुंदरता चंद्र से भी कही अधिक थी। इसलिए वह सिया कहलाईं।
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वैदेही नाम माता सीता की दो रूपों को दर्शाता है- भगवान राम (भगवान राम की मृत्यु का रहस्य) की पत्नी और राजा जनक की पुत्री। वैदेही यानी कि जो पत्नी और पुत्री है और गुणों में सर्वोत्तम है।
माता सीता का एक नाम वानिका भी है। इस नाम का अर्थ है वन-वन भ्रमण करने वाली। माता सीता ने श्री राम के साथ 14 वर्षा का वनवास काटा था। इसी कारण से उनका नाम वानिका पड़ा।