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Guru Purnima Katha: गुरु पूर्णिमा की इस कथा का है खास महत्व

जीवन में गुरु का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि, बिना गुरु के ईश्वर भी नहीं मिलते। जिसकी महत्वता का ज्ञान आपको इस कथा के जरिए मिल जाएगा।
Editorial
Updated:- 2025-07-09, 21:34 IST

हम सभी के जीवन में गुरु का स्थान सबसे अहम माना जाता है। उनकी दी हुई शिक्षा से ही हम आगे बेहतर कार्य और अपनी प्रतिभाओं को लोगों के सामने प्रदर्शित कर पाते हैं। हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि, बिना गुरु के आप भगवान को भी पा नहीं सकते। सनातन धर्म में तो गुरु की महिमा का बखान अलग-अलग तरीकों से किया गया है।

इसलिए आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन हर कोई अपने गुरु की पूजा करता है। लेकिन इस पर्व को महर्षि वेदव्यास के जन्म के खास मौके पर मनाया जाता है। इसकी कथा का भी काफी खास महत्व है। जिसे आपको भी जरूर जानना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा की कथा (Guru Purnima Katha)

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गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाने के पीछे मुख्य कारण है महर्षि वेदव्यास का जन्म। महर्षि वेदव्यास भगवान विष्णु के अंश के रूप में धरती पर आए थे। उनके पिता का नाम ऋषि पराशर और माता सत्यवती थी। उन्हें बाल्यकाल से ही अध्यात्म में काफी रुचि थी। जिसको पूरा करने के लिए उन्होंने अपने माता-पिता से प्रभु दर्शन की इच्छा प्रकट की और वन में जाकर तपस्या करनी शुरू कर दी।

लेकिन उनकी माता ने इस इच्छा को मना कर दिया। महर्षि वेदव्यास (महर्षि वेदव्यास की रोचक कहानी) ने अपनी माता से इसके लिए हठ किया और अपनी बात को स्वीकार करा लिया। लेकिन उन्होंने आज्ञा देते हुए कहा की जब घर का ध्यान आए तो वापस हमारे पास लौट आना। 

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इसके बाद वेदव्यास तपस्या हेतु वन चले गए और वहां जाकर उन्होंने कठोर तपस्या की। इस तपस्या के पुण्य के तौर पर उन्हें संस्कृत भाषा में प्रवीणता हासिल हुई। जिसके बाद उन्होंने चारों वेदों का विस्तार किया महाभारत (महाभारत कथा), अठारह महापुराणों और ब्रह्मास्त्र की रचना की, उन्हें वरदान प्राप्त हुआ। ऐसा कहा जाता है कि, किसी न किसी रूप में हमारे बीच महर्षि वेदव्यास आज भी उपस्थित है। इसलिए हिंदू धर्म में वेदव्यास भगवान के रूप में पूजे जाते हैं। आज भी वेदों का ज्ञान लेने से पहले महर्षि वेदव्यास का नाम सबसे पहले लिया जाता है।

गुरु पूर्णिमा के खास मौके पर आप भी महर्षि वेदव्यास की पूजा करें और उनकी कुछ अहम बातों को जरूर जानें। जिसका प्रभाव आपके आने वाले भविष्य को बेहतर बना सकता है।

 

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Credit- Freepik

 

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FAQ
2025 में गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाएगी?
10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
गुरु पूजन और आशीर्वाद लेने का विशेष महत्व होता है।
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