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    Swastika: जानें किन बातों का संकेत होती हैं स्वास्तिक की 4 भुजाएं

    किसी भी पूजा-पाठ में स्वास्तिक को कलश या कुछ विशेष स्थानों पर बनाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि स्वास्तिक की चार भुजाएं किस बात का संकेत होती हैं।      
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    • Gaveshna Sharma
    • Editorial
    Updated at - 2023-03-03,13:29 IST
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    signs of swastika in hinduism

    Swastik Ki 4 Bhuja Ke Sanket: हिन्दू धर्म में स्वास्तिक को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इसी कारण से किसी भी पूजा-पाठ, हवन-यज्ञ, अनुष्ठान आदि से पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है। शास्त्रों में स्वास्तिक को लेकर यह बात वर्णित है कि ऋषि-मुनियों ने अपने तपोबल से स्वास्तिक जैसे शुभ चिह्नों का निर्माण किया था जिससे शुभ कार्यों में या मंगल कार्यों में किसी भी परकार अड़चन न आ सके। 

    इसके अतिरिक्त, स्वास्तिक को भगवान विष्णु के आसन के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही, माता लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है। स्वास्तिक को अगर चंदन से बनाया जाए तो ग्रह दोष दूर होते हैं, सिन्दूर से बनाया जाए तो अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और कुमकुम से बनाया जाए तो मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यही कारण है कि पूजा स पहले कलश, नारियल, मुख्य द्वार आदि पर स्वास्तिक बनाने का विधान है। 

    वहीं, अगर अपने कभी ध्यान दिया हो तो स्वास्तिक 4 भुजाओं से मिलकर बनता है। अब सवाल यह उठता है कि स्वास्तिक की ये चार भुजाएं किसका प्रतीक होती हैं और इन भुजोँ से क्या संकेत मिलते हैं। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें स्वास्तिक की इन चार भुजाओं का रहस्य समझाया और महत्व बताया। साथ ही, उन्होंने हमें स्वास्तिक की भुजाओं से मिलने वाले संकेतों के बारे में भी जानकारी दी। 

    स्वास्तिक मात्र एक साधारण चिह्न नहीं है बल्कि इसका धार्मिक एक साथ-साथ गणितज्ञ आधार भी है। स्वास्तिक (स्वास्तिक बनाने के लाभ) की चार भुजाएं हिन्दू धर्म और वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखेने वाली 4 दिशाओं को दर्शाती हैं।

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    साथ ही, इन भुजाओं के मध्य का जोड़ सूर्य को दर्शाता है। ऐसे में जो लोग मात्र दो रेखाएं काटकर स्वास्तिक बनाते हैं उन्हें सही तरह से स्वास्तिक बनाना आना चाहिए नही  तो यह अशुभ होता है।

    swastika in hindu dharma

    वहीं, विज्ञान के आधार पर स्वास्तिक को गणित का चिह्न माना गया है। गणित विज्ञान के अनुसार, इस चिह्न को बनाने से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा का प्रवाह होता है।

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    ऐसे में इसे बनाते समय विशेष सावधानियां और सही तरीके का ध्यान रखना अति आवश्यक है। साथ ही, इस बनाते समय दिशा (वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व) का ध्यान रखने के लिए भी बोला जाता है।

    swastika in hinduism

    बता दें कि स्वास्तिक की 4 भुजाएं घर में धन के स्रोत को चारों दिशाओं से खोलती हैं। सौभाग्य में वृद्धि के संकेत को भी दर्शाती हैं। स्वास्तिक की 4 लकीरों के ऊपर टेढ़ी अन्य चार लकीरें तरक्की को दर्शाती हैं।     

    तो ये थे स्वास्तिक की भुजोँ से मिलने वाले संकेत। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

    Image Credit: Shutterstock, Amazon, Pinterest

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