Basoda Sheetala Ashtami 2023 Kab Hai: कब है शीतला अष्टमी या बसोड़ा? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी का अत्यंत महत्व है। इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। ऐसे में आइये जानते हैं शीतला अष्टमी की तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से।  

Gaveshna Sharma
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Basoda Ya Sheetala Ashtami 2023: हिन्दू धर्म में शीतला अष्टमी का अत्यंत महत्व माना गया है। इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। शीतला माता की पूजा के लिए चैत्र मास के कृष्णपक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि समर्पित है। शीतला अष्टमी को बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं शीतला अष्टमी या बसोड़ा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

शीतला अष्टमी या बसोड़ा 2023 कब है (Sheetala Ashtami Ya Basoda 2023 Kab Hai)

शीतला सप्तमी 14 मार्च 2023, दिन मंगलवार (मंगलवार के उपाय) को पड़ रही है और अगले दिन यानी कि 15 मार्च 2023, दिन बुधवार को शीतला अष्टमी की तिथि पड़ेगी। कुछ स्थानों पर शीतला अष्टमी के दिन बसोड़ा पर्व मनाए जाने की परंपरा है। लिहाजा बसोड़ा मनाने की तारीख भी 15 मार्च ही है।

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शीतला सप्तमी 2023 शुभ मुहूर्त (Sheetala Saptami Ya Basoda 2023 Shubh Muhurat)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की शीतला सप्तमी 13 मार्च 2023, दिन सोमवार को रात 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 14 मार्च 2023, दिन मंगलवार को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, शीतला सप्तमी की पूजा 14 मार्च को की जाएगी।

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शीतला सप्तमी 2023 पूजा मुहूर्त (Sheetala Saptami Ya Basoda 2023 Puja Muhurat)

वहीं, शीतला सप्तमी के पूजा मुहूर्त की बात की जाए तो यह सुबह 6 बजकर 31 मिनट से शाम 6 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है लेकिन सप्तमी तिथि पर शीतला माता की पूजा सूर्य का प्रकाश तीव्र होने से पहले करने का विधान है। ऐसे में सप्तमी के दिन आप सुबह से लेकर 9 बजे तक के बीच पूजा कर लें।

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शीतला अष्टमी या बसोड़ा 2023 शुभ मुहूर्त (Sheetala Saptami Ya Basoda 2023 Shubh Muhurat)

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 14 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 22 मिनट से होगा और इसका समापन 15 मार्च 2023 को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर होगा। माता शीतला की पूजा सप्तमी और अष्टमी दोनों दिन की जाती है।

हालांकि माता शीतला का भोग एक दिन पहले ही बनकर रख जाता है। यानि कि सप्तमी की रात माता शीतला का भोग (भगवान को क्यों लगाया जाता है भोग) बनाया जाता है और उसी बासी भोजन को अष्टमी के दिन लगाया है जिसे बसोड़ा (Basoda Ashtami 2023) कहते हैं।

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शीतला अष्टमी या बसोड़ा 2023 पूजा मुहूर्त (Sheetala Saptami Ya Basoda 2023 Puja Muhurat)

अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा के मुहूर्त की बात करें तो वह सुबह 6 बजकर 30 मिनट से शाम 6 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है। यानी कि 12 घंटे की इस अवधि में आप माता शीतला की पूजा कभी भी कर सकते हैं।

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शीतला अष्टमी या बसोड़ा 2023 महत्व (Sheetala Saptami Ya Basoda 2023 Significance)

शास्त्रों, ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, शीतला माता गधे की सवारी करती हैं। उनके हाथों में कलश, झाड़ू, सूप या सूपड़ा स्थापित हैं। माता शीतल के गले में नीम के पत्तों की माला विराजमान है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा से घर का हर एक सदस्य निरोगी रहता है और खासतौर पर बच्चों को कभी कोई रोग नहीं सताता है।

माता शीतला की पूजा से बुखार, खसरा, चेचक, आंखों के रोग आदि परेशानियां दूर हो जाती हैं। अष्टमी के दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और यह इस बात का सूचक होता है कि ग्रीष्म काल या नि कि गर्मी में अब ताजे भोजन को ही करना है।

तो ये थी शीतला अष्टमी या बसोड़ा से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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