हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि इसे करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन तिल का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि तिल का दान करने से स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है। षटतिला एकादशी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में षटतिला एकादशी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
षटतिला एकादशी सुबह से लेकर शाम तक के शुभ मुहूर्त यहां पढ़ें
षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 26 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक |
प्रात: संध्या मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 13 मिनट तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 01 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 05 बजकर 52 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 19 मिनट तक |
सायाह्न मुहूर्त | शाम 05 बजकर 55 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 14 मिनट तक |
अमृत काल | रात 11 बजकर 09 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 50 मिनट तक |
निशिता काल मुहूर्त | रात 12 बजकर 07 मिनट से लेकर रात 01 बजे तक |
शुभ- उत्तम मुहूर्त | सुबह 08 बजकर 33 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 53 मिनट तक |
चर-सामान्य मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक |
लाभ-उन्नति मुहूर्त | दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक |
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त | दोपहर 03 बजकर 14 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 34 मिनट तक |
लाभ-उन्नति मुहूर्त | शाम 05 बजकर 55 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 34 मिनट तक |
शुभ उत्तम मुहूर्त | रात 09 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 54 मिनट तक |
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त | रात 10 बजकर 54 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 33 मिनट तक |
चर-सामान्य मुहूर्त | रात बजकर 34 मिनट से लेकर रात 02 बजकर 13 मिनट तक |
लाभ-उन्नति मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 12 मिनट तक |
षटतिला एकादशी के दिन व्रत रखने का महत्व
षटतिला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करते हैं। यह व्रत कई पापों को नष्ट करने में सहायक माना जाता है। ब्रह्महत्या, चोरी, झूठ बोलना आदि जैसे पापों से मुक्ति पाने के लिए इस व्रत को किया जाता है।
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षटतिला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और उसकी आयु बढ़ती है। तिल को धन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन तिल का दान करने से धन में वृद्धि होती है। षटतिला एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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