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Batuk puja significance during navratri

Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि में कन्या पूजन के साथ बटुक पूजा क्यों है जरूरी, जानें इसका महत्व          

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों नवरात्रि में कन्या पूजन के साथ बटुक पूजा भी जरूरी है साथ ही इसका महत्व क्या होता है।    
Editorial
Updated:- 2022-09-14, 17:44 IST

नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। अष्टमी और नवमी वाले दिन कन्या पूजन के साथ लोग हवन करते हैं। नवरात्रि में कन्या पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कन्या पूजन के साथ एक लड़के का भी पूजन किया जाता है। जिसे बटुक पूजा भी कहते हैं। जिसका पूजन करना बहुत जरूरी होता है। लेकिन बटुक पूजा क्यों होती है और इसके पीछे का क्या महत्व है वह हम आपको इस लेख में बताएंगे।

कौन है भगवान बटुक भैरव?

kanya pujan and batuk dev puja

आपको बता दें कि भगवान बटुक भैरव की पूजा से आपको सुख-समृद्धि भी मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार आपद नाम का एक राक्षस था। आपद के कारण कई सारे अत्याचार शुरू हो गए थे। जिसकी वजह से तीनों लोकों के देवी-देवता बहुत अधिक परेशान थे और इस समस्या का हल ढूंढने लगे।

उन सभी ने भगवान शिव से इस समस्या का हल निकालने को कहा था। जब शिव जी ने देवी-देवताओं की प्रार्थना सुनी तो उन्होंने देवी- देवताओं से कहा कि वह अपनी-अपनी शक्तियों से एक बालक की उत्पत्ति करें क्योंकि किसी बालक से ही आपद का वध हो सकता है। तब उन सभी देवी- देवताओं ने मिलकर एक बालक की उत्पत्ति करी थी।

जिसका नाम बटुक भैरव रखा गया और फिर भगवान बटुक भैरव ने ही आपद का वध किया। पुराणों के अनुसार बटुक भैरव भगवान के घुंघराले बालों वाले, कमल के जैसे सुन्दर हाथों वाले और अति सुंदर देह के बताए गए हैं। आपको बता दें कि बटुक भैरव भगवान शूल शस्त्र धारण करते है।(Shardiya Navratri 2022: क्यों जंगल का राजा शेर है मां दुर्गा की सवारी ?)

आपको बता दें कि हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अगर कलयुग में भी कोई आपदा आएगी तो भगवान बटुक भैरव उस आपदा से लोगों को बचाने के लिए अपना नया रूप धारण करके धरती पर उस आपदा से लोगों को बचाएंगे। इस वजह से भी भगवान बटुक भैरव जी की पूजा करी जाती है।

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नवरात्रि में बटुक पूजा क्यों होती है?

जब कन्या पूजन होता है तब कन्याओं को पूजन और भोजन कराया जाता है। कन्याओं के साथ-साथ एक लड़के को भी भोजन करवाया जाता है। इसे ही भगवान बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है।

आपको बता दें कि इस पूजन में उस लड़के को लंगूर भी कहा जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि बटुक भैरव देवता अपने भक्तों पर अपनी कृपा से कई परेशानियों को दूर कर देते हैं।

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बटुक भैरव देवता की पूजा करने से मान- सम्मान और यश की प्राप्ति होती है। भगवान बटुक भैरव की पूजा करने से ग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। इस वजह से इस पूजा को करने का बहुत अधिक महत्व होता है।

इस वजह से भगवान बटुक भैरव की पूजा का नवरात्रि में विशेष महत्व होता है।

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image credit- herzindagi/jagran

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