माता दुर्गा बुरी शक्तियों को नष्ट करने के लिए जानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां दुर्गा ने कई सारे असुरों का वध किया था और अपने भक्तों को उन असुरों के अत्याचारों से मुक्त किया था।
आपको बता दें कि महिषासुर नाम के असुर का वध भी मां दुर्गा ने ही किया था। महिषासुर का वध करने के लिए मां दुर्गा ने अपनी अलौकिक शक्तियों का प्रयोग किया था लेकिन आखिर क्यों मां दुर्गा को महिषासुर का वध करना पड़ा था।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्यों मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।
कौन था महिषासुर?
महिषासुर एक अति बलवान असुर था। उसके पिता का नाम रम्भासुर था। रम्भासुर को असुरों का राजा माना जाता था। महिषासुर की उत्पत्ति एक पुरुष और भैंस के मिलन से हुई थी इसी वजह से महिषासुर अपनी इच्छा के अनुसार कभी भी भैंस का या फिर मनुष्य का रूप धारण कर सकता था।
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कैसे मिला था महिषासुर को वरदान?
महिषासुर अमर होना चाहता था। अमर होने के लिए उसने ब्रह्मा जी की तपस्या करना शुरू कर दी थी। बहुत सालों बाद जब उसकी तपस्या से ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए तो उसने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान मांगा।
ब्रह्माजी ने कहा था कि 'महिषासुर तुम मृत्यु को छोड़कर, जो कुछ भी चाहो, मैं तुम्हें प्रदान कर सकता हूं क्योंकि जन्मे हुए प्राणी का मरना तय होता है।' तब महिषासुर ने बहुत सोच विचार करके ब्रह्मा जी से कहा कि 'मैं बस यह चाहता हूं कि मेरी किसी स्त्री के हाथों से ही मृत्यु हो।' तब ब्रह्माजी ने उसकी इच्छा अनुसार यह वरदान दे दिया था।(Shardiya Navratri 2022: क्यों जंगल का राजा शेर है मां दुर्गा की सवारी ?)
महिषासुर को जब यह वरदान प्राप्त हुआ तो वह दैत्यों और असुरों का राजा बन गया। उसके बाद महिषासुर ने देवताओं की शांति को भंग करना शुरू कर दिया। इसके बाद महिषासुर का युद्ध भगवान शिव और भगवान विष्णु के साथ भी हुआ था लेकिन महिषासुर के सामने सभी पराजित हो गए।
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कैसे किया मां दुर्गा ने वध?
सभी देवताओं ने मिलकर देवी की आराधना करना शुरू कर दी थी। तभी एक दिव्य शक्ति उत्पन्न हुई जिससे मां दुर्गा प्रकट हुई। फिर देवताओं ने उन्हें वाहन शेर और कई सारे अस्त्र-शस्त्र भी दिए थे।
उसके बाद देवी दुर्गा ने महिषासुर पर आक्रमण किया और नौ दिनों तक देवी ने लगातार महिषासुर से युद्ध किया था जिसके बाद वह पराजित हो गया और दसवें दिन उसकी मृत्यु हो गई थी। ऐसा माना जाता है कि सभी देवताओं ने माता के देवी कात्यायनी रूप को एक-एक अस्त्र प्रदान किए थे जिससे महिषासुर का अंत हुआ था।
तो यह थी मां दुर्गा से जुड़ी हुई पौराणिक कथा।
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image credit- unsplash
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