टीनएज में Sexual Exploitation होता है बहुत खतरनाक, ऐसे रखें बच्चे का ख्याल

टीनएज में यौन शोषण कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है, लेकिन इसके लिए बच्चों को दोषी ठहराना गलत है।

Shruti Dixit
effects on teenagers

ये बात सिद्ध है कि यौन शोषण यानी सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेशन टीनएजर्स में बहुत ज्यादा होता है। ये वो उम्र होती है जहां ऐसी कई घटनाएं हो सकती हैं। अधिकतर मामलों में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टीनएजर्स की उम्र ऐसी होती है कि उन्हें कई मामलों में कन्फ्यूजन रहता है। टीनएजर्स को ब्लैकमेल करना या ऐसे मामलों के लिए उकसाना काफी आसान होता है। नाबालिगों के अंदर वो क्षमता नहीं होती कि इस तरह की घटना के बाद सामने आने वाली परेशानियों को वो झेल सकें। वो यौन शोषण को झेलने के लिए परिपक्व नहीं होते और इसलिए वो कई लोगों के लिए आसान विक्टिम हो जाते हैं। बिना इजाजत की जाने वाली ये गतिविधियां अपराध होती हैं, खास तौर पर अगर ऐसा कुछ टीनएजर्स के साथ हो रहा हो तो ये बहुत बड़ा अपराध माना जाता है और ये कानून के दायरे में आता है।

क्या होता है यौन शोषण?

यौन शोषण या सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेशन और कुछ नहीं बल्कि बिना इजाजत किया जाने वाले शोषण को कहा जाता है, ये किसी एक हरकत को या कई हरकतों को कहा जा सकता है। किसी अन्य इंसान की सेक्शुएलिटी को किसी भी तरह से शोषित करना चाहें वो किसी भी कारण से हो उसे यौन शोषण कहते हैं। किसी इंसान का गलत तरीके से फायदा उठाना या गैरकानूनी हरकत करना इसके दायरे में आता है।

exploitation in adolensence

यौन शोषण के कुछ उदाहरण ये हो सकते हैं-

- किसी को जबरन प्रॉस्टिट्यूशन के लिए फोर्स करना
- बिना कपड़ों के या ऐसी ही कोई क्रिया करते हुए बिना इजाजत किसी का वीडियो बनाना और ब्लैकमेल करना
- किसी को अभद्र तस्वीरें दिखाना या बिना इजाजत अपने जेनिटल्स दिखाना
- संबंध बनाने के बाद किसी को ब्लैकमेल करना
- बिना इजाजत किसी की यौन गतिविधियों को देखना
- नाबालिगों की तस्करी या उनके साथ किसी भी तरह का शोषण करना और भी बहुत कुछ इसके दायरे में आता है

नाबालिग अक्सर अपनी आर्थिक या सामाजिक स्तिथि के कारण इसका शिकार हो जाते हैं। वो जिन हालात में रहते हैं, उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का मौका नहीं मिलता, उनके माता-पिता डॉमिनेटिंग होते हैं, उन्हें सही दिशा-निर्देश नहीं दिए जाते या ऐसा ही बहुत कुछ हो सकता है।

 

इसके कारण टीनएजर्स को हो सकती हैं ये समस्याएं-

- टीनएजर्स हो सकते हैं डिप्रेशन का शिकार
- उन्हें दुनिया के सामने आने में या सामाजिक गतिविधियों में समस्या हो सकती है
- वो खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं
- उन्हें गुस्सा आता है, डर लगता है और घबराहट होती है
- मल्टिपल साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकते हैं
- इनसॉम्निया यानी नींद न आने की बीमारी हो सकती है
- डर और अपराधबोध से भरे रहते हैं

क्या हो सकता है इसका इलाज-

यौन शोषण जैसी गंभीर समस्या को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी इसका हल निकालना जरूरी है। इसके लिए साइकिएट्रिस्ट की मदद भी ली जा सकती है। इसी के साथ, सही काउंसलिंग भी जरूरी होती है ताकि टीनएजर्स मानसिक प्रताड़ना से, डर से और अपने डिप्रेशन से बाहर आ सकें।

माता-पिता को बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए, उन्हें सही दिशा में समझाना चाहिए ताकि बच्चे सुरक्षित महसूस कर सकें। ये बहुत जरूरी है, अगर आप बच्चों को सिर्फ दवाओं से या काउंसलिंग से ठीक करने की कोशिश करेंगे तो ये सही नहीं होगा। माता-पिता का खुलना भी बहुत जरूरी होता है। टीनएजर को ये आज़ादी मिलनी चाहिए कि वो खुद के बारे में खुलकर बोल सकें ताकि वो अपने साथ हो रही घटनाओं के बारे में बिना डरे बताएं। ये यकीनन जल्दी से इस समस्या को हल करने का तरीका हो सकता है। ऐसा करने से टीनएजर्स डर में नहीं रहेंगे और अपने आने वाले कल के बारे में पॉजिटिव तरीके से सोच पाएंगे।

 

सार (Conclusion)-

टीनएज में यौन शोषण बहुत आम बात है, लेकिन ये सिर्फ उनकी गलती नहीं होती है कि वो ऐसी घटना का सामना कर रहे हैं। उन्हें एक अच्छी जिंदगी की चाह होती है और बड़ों को उनकी मदद के लिए सामने आना चाहिए ताकि वो दुनिया का सामना हिम्मत से कर सकें। 

डॉक्टर सुप्रिया अरवारी (M.D, D.G.O) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।

Reference:
https://chicago.universitypressscholarship.com/view/10.7208/chicago/9780226301150.001.0001/upso-9780226301013

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