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10 साल तक के बच्चों को Sex Education की कितनी जानकारी देनी चाहिए? जानें एक्सपर्ट की राय

आजकल बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना एक बड़ा मुद्दा है। पेरेंट्स के मन में कई बार ये सवाल उठते हैं कि क्या इसके बारे में जानकारी बच्चों को कम उम्र से ही देनी चाहिए। आइए जानें इस शिक्षा की सही उम्र के बारे में एक्सपर्ट से।
Editorial
Updated:- 2025-11-08, 11:41 IST

बच्चों के जन्म से लेकर उनकी परवरिश तक में माता-पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज के बदलते परिवेश में बच्चों के लिए किसी भी तरह की शिक्षा का बहुत ज्यादा महत्व होता है। यही नहीं बच्चों को सही शिक्षा देना भी जरूरी है। इन्हीं में से एक विषय है Sex Education । अक्सर माता-पिता इस विषय पर चर्चा करने से हिचकिचाते हैं, कई बार पेरेंट्स को लगता है कि बच्चा अपनी सही उम्र के साथ खुद ब खुद ही इन चीजों के बारे में जानकारी ले लेगा। इन चीजों का नतीजा यह होता है कि बच्चे न तो पेरेंट्स से इस तरह की कोई चर्चा कर पाते हैं और न ही पेरेंट्स उन्हें कभी भी खुलकर कुछ बता पाते हैं।
हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आईं जिसमें सही जानकारी न होने और नासमझी की वजह से बच्चों से कुछ ऐसे कदम उठाए जिनके बारे में सोच पाना भी मुश्किल है। कम उम्र के बच्चों द्वारा ऐसे व्यवहार उनकी मासूमियत पर सवाल खड़े करते हैं। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि अब वक्त आ गया है जब हमें यह समझना होगा कि बच्चों को उम्र के अनुसार सेक्स एजुकेशन देना कितना जरूरी है और पेरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस तरह की शिक्षा और बच्चों की सही उम्र को लेकर मन में कई सवाल आते हैं। ऐसे में आइए Fortis Hospital की Clinical Psychologist Mimansa Singh Tanwar से जानते हैं कि 10 साल तक के बच्चों को सेक्स एजुकेशन के बारे में कितनी जानकारी होनी चाहिए।

10 साल से कम उम्र में सेक्स एजुकेशन देना सही है?

Fortis Hospital की Clinical Psychologist मीमांसा सिंह तंवर कहती हैं कि 10 साल से कम की उम्र के बच्चों को सीधे तौर पर सेक्स एजुकेशन देना ठीक नहीं माना जाता है, क्योंकि इस उम्र में बच्चों को इस शब्द के बारे में ठीक से समझा पाना भी मुश्किल होता है। 10 साल की उम्र से पहले बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से विकास की शुरुआती अवस्था में होते हैं। आप इस उम्र तक बच्चे को सेफ और अनसेफ टच के बारे में यानी गुड और बैड टच के बारे में बताना चाहिए। इस उम्र तक बच्चों को यह सिखाया जाना चाहिए कि शरीर के कौन-से प्राइवेट पार्ट्स हैं जिन्हें आपको किसी भी गलत टच से बचाने की जरूरत है। बच्चों को इस बात की जानकारी जरूर दें कि वो किसी भी तरह के गलत टच के बारे में पेरेंट्स को जरूर बताएं।

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इस उम्र में बच्चों को क्या न सिखाएं

मीमांसा सिंह कहती हैं कि 8 से 10 साल की उम्र में बच्चों को सेक्स से जुड़े शब्दों का विस्तार से विवरण देने की जरूरत नहीं होती हैं। इस उम्र में उन्हें केवल शरीर की सुरक्षा, प्राइवेसी और भावनाओं को समझने की दिशा में ही मार्गदर्शन देना चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता टीवी या इंटरनेट पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यही बच्चे की सोच पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रखें और उनके सवालों का खुलकर, मगर उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए ही जवाब दें। उदहारण के लिए अगर बच्चे टीवी में कोई ऐसी गतिविधि देखकर सवाल करते हैं जिसका जवाब देना पेरेंट्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो, तो  नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों की जिज्ञासा और उम्र के अनुसार सही तरीके से ही जवाब देना चाहिए।

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क्या बच्चे को Sex Education देने की सही उम्र 10 साल से कम है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि 10 साल से कम उम्र में बच्चों को सेक्स एजुकेशन पूरी तरह से न देकर सिर्फ आस-पास के वातावरण में होने वाली घटनाओं से अवगत कराएं। अगर इस तरह की शिक्षा के लिए सही उम्र की बात करें तो 13 साल की उम्र से बच्चों को sex education देना शुरू किया जा सकता है। यह वह उम्र होती है जब बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से परिपक्वता की ओर बढ़ता है और शरीर में होने वाले बदलावों को समझने की क्षमता विकसित करता है। 10 साल से कम उम्र में आप बच्चों को यह सिखा सकती हैं कि शरीर में होने वाले बदलाव प्राकृतिक हैं और उनसे किसी भी तरह की शर्म महसूस करने की जरूरत नहीं है।

सेक्स एजुकेशन कोई गलत विषय नहीं है बल्कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, लेकिन इसका तरीका और उम्र बेहद मायने रखते हैं। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को सेक्स एजुकेशन का मतलब फिजिकल रिलेशन से नहीं, बल्कि शरीर की सुरक्षा से जोड़कर समझाया जाना चाहिए। वहीं टीनएज में पहुंचने पर बच्चों को रिश्तों, सहमति और जिम्मेदारी के साथ जुड़ी बातें सिखानी चाहिए।

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