पिंपल पर जब रिजेक्ट हुईं साक्षी तंवर तो मां की इस बात से मिली ज़िन्दगी भर की सीख

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2019-01-02, 15:35 IST

साक्षी तंवर कहती हैं कि मेरी मां ने कभी हमें स्टार बनने वाली फीलिंग फील नहीं करने दी। मैं आज भी घर पर किचन में काम करती हूं, कभी-कभी सब्जियां लेने भी जाती हूँ। 

sakshi tanwar talking about her mothers lessons main
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टीवी इंडस्ट्री में अपनी एक्टिंग का झंडा गाड़ने के बाद वेब शोज और फ़िल्मों में भी अपने अपीयरेंस से सभीं को इम्प्रेस करने वाली साक्षी तंवर आज भले ही अपने करियर की ऊंचाइयों पर हैं लेकिन ज़मीन से जुड़े रहना वो अच्छी तरह जानती हैं। साक्षी ने हमसे ख़ास बातचीत के दौरान बताया कि वो अपनी मां के बेहद करीब हैं और उनकी दी हुई हर सीख को वो हमेशा याद रखती हैं।

sakshi tanwar talking about her mothers lessons inside

साक्षी कहती हैं कि मेरी मां ने कभी हमें स्टार बनने वाली फीलिंग फील नहीं करने दी। मैं आज भी घर पर किचन में काम करती हूं, कभी कभी सब्जियां लेने भी जाती हूं। साक्षी ने बताया कि कैसे उनकी मां छोटी छोटी छोटी बातों में बड़ी-बड़ी सीख देती हैं, आइए जानते हैं-

जब पिंपल की वजह से मिला साक्षी को रिजेक्शन

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साक्षी ने कहा कि मुझे याद है कि एक बार एक एड शूट करना था, मैं नयी-नयी आयी थी और मुझे एक बड़े ब्रैंड का एड मिला था और मुझे पिंपल हो गया। जब मैं शूट पर गयी तो उन्होंने मेरे साथ शूट करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा की पिंपल कैमरे पर बहुत ख़राब दिखेगा और फ़िल्टर-विल्टर यूज़ कर नहीं रहे हैं और उन्होंने मुझे घर वापिस भेज दिया। मेरे लिए ये बहुत बड़ा रिजेक्शन था, बड़ी निराशा थी, बड़ी असफलता की बात थी मेरे लिए। मैं घर लौटते हुए रास्ते भर में ऑटो में रो रही थी।

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पिंपल की वजह से मिला रिजेक्शन फिर मां ने दी ये बड़ी सीख

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साक्षी ने आगे कहा कि रिजेक्शन मिलने के बाद मैं जब घर आई तो मेरे आंसू रुक नहीं रहे थे। मुझे बुरा लग रह था क्योंकि मैं तैयार होकर मैं बैठ गयी थी और शूट शुरू नहीं हो रहा था। लोग आ रहे थे दरवाज़ा खोलकर मुझे देखते और फिर चले जाते थे। मैं सोच रही थी कि क्या बात है शूट शुरू नहीं हो रहा। उस टाइम मॉम और डैड भी पहली बार दिल्ली से मुंबई आए हुए थे मेरे पास रहने। मुझे रोता देख मां मुझसे पूछा कि क्या हुआ, क्यों रो रही हो तो मैंने उन्हें बताया कि पिंपल की वजह से क्या-क्या हुआ।

मुझे याद है कि मैंने उनकी गोद में सर रखा हुआ था, मैं रो रही थी और मेरी मां ने कहा कि बेटा जब तक तेरी आंखें तेरे पिंपल से बड़ी हैं ना चिंता करने की ज़रूरत नहीं है और आंखों में लोग देख लेंगे तो फिर और कुछ देखने की ज़रूरत है नहीं। तो मुझे लगता है, ये बात मेरे साथ हमेशा के लिए रही। कई बार वो छोटी-छोटी सी बातों में बहुत बड़ी-बड़ी सीख दे देती हैं और ये उन्हीं में से एक है।

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