शादीशुदा महिलाओं को आपने बिछिया पहने हुए जरूर देखा होगा। बिछिया को विवाहित होने का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ही केवल शादीशुदा महिलाएं बिछिया पहनती हैं। बता दें कि बिछिया न सिर्फ पैरों की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि हिंदू धर्म में इसका खास महत्व भी है। इसके अलावा बिछिया पहनने के पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हुए हैं।
बिछिया का महत्व जानने के लिए इस लेख को लिखने के दौरान हमने एक्सपर्ट एस्ट्रोलॉजर आचार्य संतोष तिवारी जी से बात की है, पंडित जी ने हमें शादीशुदा महिलाओं के बिछिया पहनने पीछे छिपी मान्यताओं और तर्कों के विषय में बताया है। तो आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि आखिर हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाएं क्यों पहनती हैं बिछिया।
बिछिया पहनने का चलन भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही है। बता दें कि रामायण काल में बिछिया के प्रमाण मिले हैं। जब अंहकारी रावण ने मां सीता का अपहरण किया था तब सीता मां ने अपनी पहचान के लिए बिछिया को फेंक दिया था। इसलिए शादीशुदा महिलाओं के लिए बिछिया पहनना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि यह महिला को अपने पति से जोड़े रखता है। इसके अलावा नवदुर्गा पूजा में भी मां को बिछिया ही पहनाएं जाते हैं।
आचार्य संतोष जी ने हमें बताया कि क्योंकि बिछिया दुल्हन के सोलह श्रृंगार का हिस्सा होता है। इसलिए दुल्हन के लिए बिछिया का बेहद महत्व है। शादी के बाद हर शादीशुदा महिलाएं अपने दोनों पैरों की उंगलियों में बिछियां पहनती हैं। बिछिया को शादीशुदा महिलाओं के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। इसके अलावा बिछिया को लक्ष्मी का वाहक माना जाता है। इसलिए इनका खोना अशुभ माना जाता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि बिछिया केवल चांदी की ही क्यों होती है। शायद नहीं तो बता दें कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है। इस बात से तो हम सभी वाकिफ हैं कि चांदी को अच्छा संवाहक माना जाता है। जिसका मतलब है कि यह हमारे शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकता है। इसलिए बिछिया केवल चांदी की ही बनाई जाती है और जब महिलाएं इसे पहनती हैं तो इससे उनके शरीर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
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क्या आप जानती हैं कि बिछिया पहनने से न सिर्फ पैर सुंदर लगते हैं बल्कि इससे कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। जी हां आयुर्वेद और अन्य वैज्ञानिक अध्यननों से पता चला है कि बिछिया पहनने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पैर के दूसरे अंगूठे की नस महिला के गर्भाशय से जुड़ी होती है। इसलिए पैर के अंगूठे में बिछिया पहनने से गर्भाशय और हृदय संबंधी रोग होने की संभावना कम हो जाती है।
इसके अलावा बिछिया से हमारे उंगलियों पर प्रेशर पड़ता है जिससे पीरियड साइकिल नियंत्रित होती है। सिर्फ यही नहीं बिछिया पहनने से एक्यूप्रेशर लाभ भी मिलते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बिछिया हमारे पैरों की कुछ नसों को दबाव डालता है, जिससे महिला के प्रजनन तंत्र को लाभ मिलता है
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