जब मौसम बहुत अधिक ठंडा होता है या फिर प्लांट के अनुरूप नहीं होता है तो ऐसे में गार्डनर को प्लांट के रूट सिस्टम को प्रोटेक्ट करना होता है। इसके लिए मल्चिंग सबसे बेस्ट उपाय माना गया है। वास्तव में यह एक बैरियर के रूप में काम करता है। साथ ही साथ, इससे मिट्टी के पोषक तत्व भी बेहतर होते हैं।
आमतौर पर गार्डन एरिया में ऑर्गेनिक और इनआर्गेनिक मल्च दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। जहां आर्गेनिक मल्च बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल जैसे घास, वुडन चिप्स, सूखे पत्ते और पुआल से बनाई जाती है। वहीं, इनआर्गेनिक मल्च रिवर रॉक, पत्थर या बजरी आदि से बनी होती है। इतना ही नहीं, लोग प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल भी अपन गार्डन एरिया में करते हैं। हालांकि, इसे इस्तेमाल करने के अपने कई फायदे व नुकसान हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको प्लास्टिक मल्च से होने वाले फायदे व नुकसान के बारे में बता रहे हैं-
प्लास्टिक मल्च वास्तव में इनआर्गेनिक या अकार्बनिक मल्च है। इस प्रकार की मल्चिंग में पौधों को प्रोटेक्ट करने के लिए पॉलीथीन फिल्म का उपयोग किया जाता है। कुछ समय पहले तक जहां प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग कमर्शियली होता था, वहीं अब होम गार्डनर भी इसका इस्तेमाल करते हैं। इसमें पॉलीथीन फिल्म आमतौर पर काले प्लास्टिक की एक शीट होती है।
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