
आज के समय में हम सभी महिलाएं अपनी स्किन की केयर के लिए हार्श केमिकल्स से कोसों दूर रहना चाहती हैं और शायद यही वजह है कि आजकल मार्केट में नेचुरल स्किन केयर प्रोडक्ट्स की बाढ़ आ गई है। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी ब्यूटी स्टोर पर खड़ी हों और आपके हाथों में दो स्किनकेयर बोतलें हों, जिसमें एक पर लिखा है “पैराबेन-फ्री” और दूसरे पर लिखा है “100 प्रतिशत नेचुरल”। अब इन्हें देखकर आपको समझ ही नहीं आ रहा होगा कि वास्तव में इन दोनों में क्या फर्क है और आपको इनमें से किसे चुनना चाहिए?
ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा हम सभी के साथ कभी ना कभी हुआ ही है। चूंकि लेबल पर इस तरह की चीजें लिखी होती हैं, जो काफी स्किन-फ्रेंडली लगती है। लेकिन उन्हें देखकर समझ ही नहीं आता है कि किसे लेना सबसे अच्छा रहेगा। तो चलिए आज इस लेख में आरवीएमयूए एकेडमी की फाउंडर, सेलिब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट और स्किन केयर एक्सपर्ट रिया वशिष्ट आपको बता रही हैं कि नेचुरल और पैराबेन फ्री स्किन केयर में क्या फर्क है और आपको इनमें से किसे चुनना चाहिए-
अधिकतर महिलाएं पैराबेन-फ्री और नेचुरल स्किन केयर प्रोडक्ट को लेकर इसलिए भी असमंजस में रहती हैं, क्योंकि उन्हें इन दोनों के बीच का फर्क पता ही नहीं होता है। दरअसल, पैराबेन-फ्री स्किन केयर ऐसे प्रोडक्ट्स होते हैं, जिनमें पैराबेन्स नहीं होते। पैराबेन्स एक तरह के केमिकल प्रिज़रवेटिव होते हैं जो प्रोडक्ट्स को खराब होने से बचाते हैं। वहीं, नेचुरल प्रोडक्ट्स को पौधों से बने या नेचुरल सोर्स वाले इंग्रीडिएंट्स की मदद से तैयार किया जाता है। इनमें अमूमन हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

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पैराबेन्स काफी असरदार प्रिज़रवेटिव होते हैं। ये बैक्टीरिया, फफूंदी और यीस्ट से प्रोडक्ट को बचाते हैं। अमूमन पैराबेन फ्री प्रोडक्ट्स में उसके अल्टरनेटिव जैसे फेनोक्सीएथेनॉल, सोडियम बेंजोएट या पोटेशियम सोर्बेट आदि का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, नेचुरल प्रोडक्ट्स में प्रिजर्वेटिव्स नहीं होते हैं। इसमें विटामिन ई, एसेंशियल ऑयल्स या ग्रेपफ्रूट सीड एक्सट्रैक्ट जैसे ऑप्शन होते हैं, लेकिन उनकी शेल्फ लाइफ थोड़ी कम हो सकती है। 2015 के एक कॉस्मेटिक साइंस रिव्यू में बताया गया है कि नेचुरल प्रिजर्वेटिव्स की शेल्फ लाइफ अक्सर कम होती है और माइक्रोबायल प्रोटेक्शन भी कम मिलती है। इसलिए, अगर आपको प्रोडक्ट जल्दी खराब होने की टेंशन है, तो ऐसे पैराबेन-फ्री प्रोडक्ट्स लें जिनमें अच्छे नैचुरल प्रिज़रवेटिव्स हों।

पैराबेन फ्री प्रोडक्ट्स में पैराबेन नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी इनमें केमिकल जैसे सिलिकोन, आर्टिफिशियल खुशबू और डाई हो सकते हैं। वहीं, नेचुरल प्रोडक्ट में नेचुरल ऑयल, हर्ब्स, व एसेंशियल ऑयल्स आदि का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर आप अपनी स्किन की सेफ्टी को लेकर अतिरिक्त चिंतित हैं तो ऐसे में नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। नेचुरल चीजें ज़्यादा सेफ मानी जाती हैं, लेकिन उनमें केमिकल नहीं होता है। वहीं, पैराबेन-फ्री प्रोडक्ट्स में भी कई बार हार्श केमिकल्स छुपे होते हैं।

जब स्किन सेंसेटिविटी की बात हो तो आपको सोच समझकर प्रोडक्ट का चयन करना चाहिए। दरअसल, पैराबेन-फ्री प्रोडक्ट्स में भी स्किन को नुकसान पहुंचाने या जलन का अहसास करवाने वाले इंग्रीडिएंट हो सकते हैं जैसे अल्कोहल या आर्टिफिशियल फ्रेगरेंस। वहीं, नेचुरल प्रोडक्ट्स भी आपकी स्किन में रिएक्शन की वजह बन सकते हैं, जैसे एसेंशियल ऑयल्स या नींबू स्किन पर रिएक्ट कर सकते हैं। 2020 के कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस जर्नल की स्टडी में पाया गया कि लैवेंडर और टी ट्री ऑयल जैसी नेचुरल चीज़ें भी एलर्जी कर सकती हैं। इसलिए, किसी भी प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले एक बार पैच टेस्ट जरूर करें।
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