जिंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है। आपको कोई कानूनी परेशानी आ सकती है और आपको कोर्ट जाना पड़ सकता है। कल्पना कीजिए अगर आपके पास केस लड़ने के लिए पैसे न हों और आपको वकील किराए पर लेना हो, तो आप क्या करेंगे? अक्सर लोग कानूनी लड़ाई इसलिए भी नहीं लड़ते क्योंकि उन्हें लगता है कि इसमें बहुत पैसा लग जाएगा।
लेकिन, आपको घबराने की जरूरत नहीं है! आप अकेले नहीं हैं जो वकील का खर्च उठाने में दिक्कत महसूस करते हैं, बल्कि आपके जैसे हजारों लोग हैं। ऐसे में भारत सरकार ने ऐसे लोगों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता (Free Legal Aid) का इंतजाम किया है। यह सुविधा हमारे संविधान के अनुच्छेद 39ए के तहत आती है और यह पक्का करती है कि हर भारतीय नागरिक को उसकी माली हालत की परवाह किए बिना न्याय मिले।
मुफ्त कानूनी सहायता दिलाने के लिए भारत में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और राज्य व जिला स्तर पर कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाए गए हैं। यह जरूरतमंद लोगों को वकील, सलाह और कानूनी मदद बिल्कुल मुफ्त में देते हैं।
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मुफ्त कानूनी सहायता क्या होती है?
मुफ्त कानूनी सहायता का मतलब है कि जरूरतमंद लोगों को बिना किसी फीस के वकील और कानूनी मदद देना। इसमें आपको कोर्ट में केस लड़ने के लिए मुफ्त में वकील मिल सकता है, कानूनी सलाह दी जा सकती है और अदालत से जुड़े कागज तैयार करने में भी मदद मिल सकती है। इसका मकसद है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रह जाए सिर्फ इसलिए क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।
किन लोगों को मिल सकती है मुफ्त कानूनी सहायता?
अगर आपके पास वकील को पैसे देने के लिए नहीं हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के अनुसार, नीचे दिए गए लोग मुफ्त वकील और कानूनी सलाह पाने के हकदार हैं।
- महिलाएं और बच्चे: हर भारतीय महिला और बच्चे को फ्री लीगल मदद का हक है, उनकी आमदनी चाहे कुछ भी हो।
- SC/ST समुदाय के लोग: अगर आप अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से हैं, तो आप इसके लिए योग्य हैं।
- मानव तस्करी या जबरन मजदूरी के शिकार लोग: जिन लोगों से जबरदस्ती मजदूरी करवाई गई हो या जो तस्करी का शिकार हुए हों, उन्हें भी मुफ्त कानूनी मदद मिल सकती है।
- शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति: दिव्यांग या मानसिक रूप से अस्वस्थ लोग मुफ़्त क़ानूनी सहायता सुविधा का फ़ायदा ले सकते हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोग: अगर आप किसी बाढ़, भूकंप, सूखा, जातीय हिंसा या औद्योगिक दुर्घटना जैसी आपदा से प्रभावित हुए हैं, तो आप भी मदद के योग्य हैं।
- औद्योगिक कामगार (लेबर वर्ग): फैक्ट्री या इंडस्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को भी मुफ्त में कानूनी सहायता दी जा सकती है।
- हिरासत में या जेल में बंद व्यक्ति: जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है या जो किसी जेल, बाल सुधार गृह या मानसिक अस्पताल में हैं, तो वे भी मुफ्त कानूनी मदद मांग सकते हैं।
- कम इनकम वाले लोग: सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, अगर किसी की सालाना इनकम 5 लाख या उससे कम है। वहीं, दूसरी अदालतों के अनुसार, अगर किसी की सालाना आय 3 लाख या उससे कम है, तो आप मुफ्त कानूनी मदद के लिए योग्य हैं।
मुफ्त वकील पाने के लिए कैसे करें आवेदन?
अगर आपके पास वकील को फीस देने के लिए पैसे नहीं हैं और आप मुफ्त कानूनी सहायता लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको आवेदन करना होगा और जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होंगे।
- सबसे पहले आपको अपने जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) या उच्च न्यायालय/सुप्रीम कोर्ट विधिक सेवा समिति में जाना होगा। वहां के कर्मचारी आपकी मदद करेंगे।
- वहां आपको एक एप्लीकेशन फर्म मिलेगा, जिसे आपको भरना होगा। इसमें आपको अपना नाम, पता, समस्या, और इनकम से जुड़ी जानकारी देनी होगी।
- एप्लीकेशन फॉर्म के साथ आपको पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, और केस से जुड़े कागजात लगाकर जमा करना होगा।
- अगर आप जांच में योग्य पाए गए, तो आपको मुफ्त में वकील मिल जाएगा।
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