सिनेमा जगत में LGBTQ कम्युनिटी पर बनीं फिल्मों ने समाज के नजरिए को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। इन फिल्मों ने LGBTQ लोगों को एक सामान्य इंसान के तौर पर पेश किया गया है, न कि किसी अपराधी या सिरफिरे के तौर पर, इन फिल्मों ने समाज में LGBTQ लोगों के साथ होने वाले संघर्षों और खुशियों को भी दिखाया गया है, जिससे समाज में रह रहे लोग LGBTQ कम्युनिटी के बारे में बेहतर समझ बनाने में मदद मिलती है। क्योंकि हमारे समाज में LGBTQ कम्युनिटी से होने पर अच्छा नहीं माना जाता है।
इस साल इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया है धमाल
पाइन कोन
पाइन कोन एक 2023 की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन ओनिर ने किया है और इसे अश्विनी मलिक ने लिखा है। इसमें विदुर सेठी, साहब वर्मा, अमित गुर्जर, हनुँ बावरा, और सुरभि तिवारी मुख्य भूमिकाएँ हैं। फिल्म एक युवा समलैंगिक व्यक्ति की कहानी बताती है जो अपने परिवार और समाज से स्वीकृति पाने की कोशिश करता है।
पाइन कोन भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण फिल्म है क्योंकि इस हिंदी फिल्म ने एक प्रमुख पात्र के तौर पर समलैंगिक व्यक्ति को दिखाया गया है। फिल्म ने LGBTQ कम्युनिटी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। यह फिल्म भारत में कमाई करने वाली LGBTQ फिल्म में से एक होता है। फिल्म ने LGBTQ अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाने में भी मदद की है।
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हड्डी फिल्म
हड्डी 2023 की भारतीय हिंदी भाषा की क्राइम और ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन अक्षत अजय शर्मा ने किया है और इसे अदम्य भल्ला अक्षत अजय शर्मा ने लिखा है। इसमें नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी,अनुराग कश्यप, मो. जीशान अय्यूब ने मुख्य भूमिका निभाई है। ZEE5 ओरिजिनल फिल्म में, एक ट्रांसजेंडर, हड्डी दिल्ली आई है और एक प्रभावशाली व्यक्ति के नेतृत्व वाले ट्रांसजेंडर और क्रॉस-ड्रेसर के एक गिरोह में शामिल होती है। लेकिन क्या यह कदम आकांक्षी है या बदले की भावना से प्रेरित है? इस विषय पर ये फिल्म आधारित है।
ताली
ताली 2023 की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा वेब सिरीज है, जिसका निर्देशन अर्जुन सिंह बरन और कार्तिक निशानदार ने किया है और इसमें सुष्मिता सेन, ऐश्वर्या नारकर और अंकुर भाटिया ने मुख्य भूमिका निभाई है। ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता, गौरी सावंत के जीवन पर आधारित एक वेब सिरीज है, उनके साहसी परिवर्तन, मातृत्व की यात्रा और उस लड़ाई पर प्रकाश डालती है जिसके कारण भारत में हर दस्तावेज में तीसरे लिंग को शामिल किया गया।
Unwoman फिल्म
Unwoman एक 2023 की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन पल्लवी रॉय ने किया है और इसे सुधीर शर्मा, भगवान तिवारी, कनक गर्ग, और सार्थक नरूला ने लिखा है। इसमें भगवान तिवारी, करण मान और कनक गर्ग ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताती है जो एक महिला के रूप में पैदा हुआ था, लेकिन बाद में उसने महसूस किया कि वह एक पुरुष है।
फिल्म की कहानी राजस्थान के एक छोटे से गांव में शुरू होती है, जहां भंवर नाम का एक लड़का रहता है। भंवर के माता-पिता को लगता है कि वह एक लड़की है, लेकिन भंवर खुद को एक लड़का मानता है। भंवर अपने शरीर और लिंग के बारे में असहज महसूस करता है और वह अपने अस्तित्व के बारे में सवाल करने लगता है।
भंवर बड़े होकर एक युवा पुरुष बन जाता है। वह अपने परिवार और दोस्तों से डरता है कि वे उसके लिंग के बारे में जान जाएंगे। वह समाज के तिरस्कार और भेदभाव से भी डरता है।
एक दिन, भंवर एक शहर में जाता है और एक ट्रांसजेंडर समुदाय से मिलता है। वह पहली बार लोगों से मिलता है जो उसके जैसे महसूस करते हैं। भंवर ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़ जाता है और अपनी असल पहचान को स्वीकार करने लगता है।
फिल्म एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दे को उठाती है। यह दर्शाता है कि ट्रांसजेंडर लोग समाज में भेदभाव और तिरस्कार का सामना करते हैं। फिल्म यह भी दर्शाती है कि ट्रांसजेंडर लोगों को भी अपने अस्तित्व के बारे में सवाल करने का अधिकार है।
Unwoman एक मजबूत और प्रभावशाली फिल्म है। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देती है और ट्रांसजेंडर लोगों के अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाती है।
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एक जगह अपनी (Ek Jagah Apni) फिल्म
एक जगह अपनी फिल्म एक 2022 की भारतीय हिंदी भाषा की ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन और लेखन मनीषा सोनी और मुस्कान ने किया है। इसमें मनीषा सोनी और मुस्कान मुख्य भूमिकाएँ हैं। फिल्म दो ट्रांस महिलाओं की कहानी बताती है जो एक नए घर की तलाश में हैं।
फिल्म की कहानी भोपाल में शुरू होती है, जहां लैला और रोशनी नाम की दो ट्रांस महिलाएं रहती हैं। लैला एक नर्स है और रोशनी एक वकील है। दोनों महिलाएं एक दूसरे के साथ रहती हैं और एक-दूसरे का साथ देते हैं।
एक दिन, लैला और रोशनी को उनके घर से निकाल दिया जाता है। उन्हें पता चलता है कि उनके पड़ोसियों को पता चल गया है कि वे ट्रांस महिलाएं हैं। लैला और रोशनी एक नए घर की तलाश में निकल पड़ती हैं, लेकिन उन्हें घर मिलना मुश्किल हो रहा है।
लैला और रोशनी को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें समाज के भेदभाव और तिरस्कार का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपने परिवार और दोस्तों से भी अलग-थलग महसूस होता है।
आखिरकार, लैला और रोशनी एक छोटे से गांव में एक घर ढूंढती हैं। वे वहां पर खुशी से रहना शुरू कर देते हैं। लैला और रोशनी की कहानी हमें बताती है कि प्यार और समर्थन के साथ, कोई भी मुश्किल को पार कर सकता है।
इन फिल्मों के अलावा, कई अन्य फिल्में भी हैं जिन्होंने LGBTQ कम्युनिटी पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। इन फिल्मों ने LGBTQ लोगों को समाज में एक जगह बनाने में मदद की है।
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Image credit: IMDb
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