
भारत में शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है। जहां सिर्फ दो लोग आपस में नहीं जुड़ते हैं, बल्कि दो परिवार भी जुड़ते हैं। लेकिन, आजकल सोनम रघुवंशी मामले के साथ-साथ सोशल मीडिया पर ऐसी कई खबरें वायरल हो रही हैं, जो शादी जैसे पवित्र बंधन पर सवाल खड़ा कर रही हैं। इन्हीं खबरों के बीच उत्तर प्रदेश में मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियमों को सख्त कर दिया गया है।
जी हां, मैरिज रजिस्ट्रेशन के नियमों को कड़ा करने के पीछे ट्रांसपेरेंसी और फ्रॉड के मामलों को कम करना है। नए नियम यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद लागू किए गए हैं।

आईजी स्टांप ने सर्कुलर जारी किया है, जिसमें नए नियम बताए गए हैं। नए नियमों के मुताबिक, कोर्ट में शादी रजिस्टर कराने के लिए अब पैरेंट्स, भाई-बहन, दादा-दादी की मौजूदगी जरूरी होगी। यह नया नियम भागकर, बिना परिवार की इजाजत, इंटर-रिलीजन और कास्ट शादी के बढ़ते मामलों को देखकर लिया गया है। आइए, यहां जानते हैं कि अगर आप उत्तर प्रदेश में रहती हैं और आपको अपनी शादी कोर्ट में रजिस्टर करानी हैं तो किन-किन नियमों का पालन करना होगा।
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यूपी में बिना परिवार की परमिशन के कोर्ट में शादी नहीं की जा सकती है। नए नियमों के मुताबिक, कोर्ट में मैरिज रजिस्ट्रेशन के समय माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दानी या एडल्ट बच्चे का होना जरूरी है। पुराने नियमों में परिवार के सदस्य का होना जरूरी नहीं था। गवाह के तौर पर दोस्त या किसी जान-पहचान वाले को लोग ले जाते थे। लेकिन, नए नियमों में माता-पिता या परिवार की परमिशन जरूरी कर दी गई है।
कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए अब पंडित, पुरोहित या शादी कराने वाले व्यक्ति का शपथ पत्र देना जरूरी होगा। इस शपथ पत्र में पंडित का नाम, पिता का नाम, परमानेंट एड्रेस और रेजिडेंस एड्रेस के साथ आधार कार्ड की कॉफी भी लगेगी।
पंडित या पुरोहित के शपथ पत्र के साथ उनकी मौजूदगी भी कोर्ट में जरूरी कर दी गई है। अगर शादी कराने वाला पंडित या पुरोहित कोर्ट में रजिस्ट्रेशन के समय नहीं आता है, तो शादी रजिस्टर नहीं होगी।

पहले सिर्फ फोटो या कार्ड से ही मैरिज रजिस्टर हो जाती थी। लेकिन, अब मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए कोर्ट में शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी जमा करनी होगी। रिकॉर्डिंग का पेन ड्राइव एक एफिडेविट के सात देना होगा जिसमें शादी की डिटेल्स शामिल होंगी।
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शादी का रजिस्ट्रेशन सिर्फ उसी जिले में होगा, जहां लड़का-लड़की या उनके पैरेंट्स का निवास हो। हालांकि, विशेष मामलों में थोड़ी छूट भी मिली है। लेकिन, यह तब ही होगा जब मैरिज रजिस्ट्रेशन के समय परिवार मौजूद रहे और अधिकारी शादी की प्रमाणिकता से संतुष्ट रहे। ऐसे में मैरिज रजिस्ट्रार को सर्टिफिकेट में ऐसा लिखना होगा कि रजिस्ट्रेशन के सभी नियमों का पालन किया गया है। नए नियमों से फर्जी शादी, फर्जी सर्टिफिकेट्स और धोखाधड़ी के मामलों को कम करने का प्रयास किया जाएगा।
नए नियमों का पालन नहीं करने पर कोर्ट में मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और सर्टिफिकेट भी नहीं मिलेगा। इसलिए अगर आप यूपी में कोर्ट मैरिज रजिस्ट्रेशन के बारे में सोच रही हैं, तो नए नियमों के अनुसार सभी डॉक्यूमेंट्स और गवाहों की जानकारी पहले लें।
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