शादी का रजिस्ट्रेशन क्यों है जरूरी? जानें इसके कानूनी फायदे और आसान प्रक्रिया

भारत में शादी को पवित्र माना जाता है, लेकिन शादी के बाद कानूनी तौर पर मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना भी जरूरी है। आइए जानते हैं मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना क्यों अनिवार्य है? 
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शादी दो लोगों के बीच एक पवित्र बंधन है, जहां वे जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा करते हैं। यह केवल इमोशनल और सोसाइटल रूप से जरूरी नहीं है, बल्कि इसका एक कानूनी पक्ष भी होता है, जिसको आप इग्नोर नहीं कर सकते हैं। मैरिज रजिस्ट्रेशन भारतीय कानून के तहत एक आवश्यक प्रोसेस हैं, जो न केवल दंपत्ति के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि उन्हें कानूनी लाभ भी प्रदान करता है।

भारत में मैरिज रजिस्ट्रेशन को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त करने और विभिन्न सरकारी योजनाओं और डॉक्यूमेंट्स के लिए जान जरूरी माना जाता है। इसके अलावा, मैरिज रजिस्ट्रेशन फैमिली स्टेट्स की पुष्टि करता है और संपत्ति, विरासत, अन्य कानूनी मामलों में सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आप शादी करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो स्थानीय रजिस्ट्रार ऑफिस में मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना एक महत्वपूर्ण कदम है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं कि मैरिज रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है, इसकी एलिजिबिलिटी क्या है और इसे कराने की पूरी प्रक्रिया क्या होती है?

मैरिज रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है?

Marriage registration law in India

  • मैरिज रजिस्ट्रेसन के बिना, कई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स को पाने में या कानूनी कामों को पूरा करने में दिक्कत हो सकती है।
  • विदेश यात्रा, नया पासपोर्ट बनवाने, या जीवनसाथी के नाम पर पासपोर्ट जारी करवाने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक होता है।
  • बैंक अकाउंट खुलवाने, संपत्ति के लेन-देन, बीमा पॉलिसी और पेंशन योजनाओं के लिए मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होता है।
  • सरकारी नौकरियों, एजुकेशन बेनिफिट्स, मेडिकल ट्रीटमेंट्स और अन्य सरकारी लाभों का फायदा उठाने के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है।
  • शादी के बाद, अगर कोई अपना सरनेम बदलना चाहता है या अपने जीवनसाथी को कानूनी रूप से जोड़ना चाहता है, तो मैरिज सर्टिफिकेट आवश्यक होता है।
  • तलाक, संपत्ति विवाद, बच्चे को गोद लेने और अन्य लीगल कामों में मैरिज सर्टिफिकेट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।

मैरिज रजिस्ट्रेशन पात्रता मानदंड

  • हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत, दूल्हे की न्यूनतम उम्र 21 साल और दुल्हन की न्यूनतम उम्र 18 साल होनी चाहिए।
  • शादी दोनों लोगों की मर्जी से होनी चाहिए। अगर शादी जबरदस्ती या धोखाधड़ी से हुई है, तो शादी मान्य नहीं होती है।
  • हिंदू विवाह अधिनियम के तहत, अगर पुरुष या महिला पहले से विवाहित हैं और उनकी पहली शादी कानूनी तौर पर खत्म नहीं हुई है, दूसरा विवाह अवैध माना जाएगा।
  • विवाह करने वाले दूल्हा और दुल्हान को मानसिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
  • आपको बता दें कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 केवल हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायियों पर लागू होता है। विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत, अगर किसी हिंदू ने दूसरे धर्म में शादी की है, तो मैरिज रजिस्ट्रेशन इसके अंतर्गत होगा। इसके अलावा, मुस्लिम विवाह इस्लामी कानूनों के तहत किए जाते हैं।

मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज

Marriage registration process

अगर आप अपनी शादी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आपके पास सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध हों।

  • पहचान प्रमाणपत्र- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट
  • पते का प्रमाणपत्र- बैंक पासबुक या स्टेटमेंट, टेलीफोन/बिजली/पानी का बिल
  • जन्म प्रमाणपत्र- 10वीं या 12वीं की मार्कशीट, पासपोर्ट
  • शादी की निमंत्रण पत्र, शादी की तस्वीरें
  • पति-पत्नी की पासपोर्ट साइज फोटो
  • मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए कम से कम 2 गवाह होने चाहिए। गवाहों के पास आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ होना चाहिए।
  • हलफनामा,जिसमें शादी दोनों की सहमति से हुई है ऐसा लिखा होना चाहिए।
  • तलाकशुदा के लिए Divorce प्रमाणपत्र
  • विधवा या विधुर के लिए मृतक लाइफपार्टनर का डेथ सर्टिफिकेट।

ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कैसे करें?

  • सबसे पहले राज्य की आधिकारिक विवाह पंजीकरण वेबसाइट पर जाएं।
  • अपना नाम, ईमेल और मोबाइल नंबर दर्ज करके रजिस्ट्रेशन करें।
  • फिर, दूल्हा, दुल्हन और गवाहों की सही जानकारी भरें।
  • इसके बाद, जरूरी डॉक्यूमेंट्स स्कैन करके वेबसाइट पर अपलोड करें।
  • वेरिफिकेशन के लिए Marriage Registrar Office में मिलने की तारीख चुनें।
  • ऑनलाइन मोड से रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा करें।
  • सभी भरी गई जानकारी की जांच करें और आवेदन बटन पर क्लिक करें।

मैरिज रजिस्ट्रेशन वेरिफिकेशन प्रोसेस

निर्धारित तारीख पर, दूल्हा-दूल्हन को अपने गवाहों के साथ मैरिज रजिस्ट्रार कार्यालय जाना होता है। अधिकारी सभी डॉक्यूमेंट्स की जांच करते हैं और दोनों पक्षों से कुछ सवाल पूछते हैं। अगर सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो मैरिज रजिस्ट्रेशन कर दिया जाता है।

ऑनलाइन मैरिज रजिस्ट्रशन अपडेट

आज कई राज्यों में मैरिज रजिस्ट्रेशन को आसान बनाने के लिए मोबाइल ऐप और विशेष पोर्टल शुरू किए गए हैं। कुछ राज्यों में सफल रजिस्ट्रेशन के बाद मैरिज सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की सुविधा भी दी जाती है। सही जानकारी के लिए अपने राज्य की आधिकारिक विवाह पंजीकरण वेबसाइट पर जाकर उपलब्ध सेवाओं की जाँच करें।

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Image Credit - freepik, meta ai

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