मार्च का महीना आने से पहले ही लोगों के मन में इस माह पड़ने वाले तीज-त्योहारों को लेकर उत्साह जाग जाता है। इस माह होली को त्यौहार तो आता ही है साथ ही और भी कई बड़े त्यौहार आते हैं। इस वर्ष भी लगभग पूरे महीने ही बड़े छोटे तीज त्यौहार आ रहे हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मार्च का महीना इस बार क्यों खास होने वाला है तो एक बार यह पंचांग जरूर देखें।
मार्च 2023 के तीज-त्यौहार
- 3 मार्च- आमलकी एकादशी, शुक्रवार
- 7 मार्च- होलिका दहन, मंगलवार
- 8 मार्च- होली, बुधवार
- 9 मार्च- भ्रातृ द्वितीया, गुरुवार
- 12 मार्च-रंग पंचमी, रविवार
- 15 मार्च- शीतला अष्टमी, बुधवार
- 17 मार्च- पंगुनी उथिराम, शुक्रवार
- 18 मार्च- पापमोचिनी एकादशी, शनिवार
- 22 मार्च- चैत्र नवरात्रि, बुधवार
- 30 मार्च- रामनवमी, गुरुवार
3 मार्च- आमलकी एकादशी, शुक्रवार
यह एक एकादशी होली से ठीक पहले पड़ती है, इसलिए इसे रंगभरी एकादशी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है। ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्मा जी को भगवान विष्णु ने जन्म दिया था और उसी के साथ आंवले के पेड़ का भी जन्म हुआ था, इसलिए इस पेड़ की पूजा इस दिन की जाती है।
शुभ मुहूर्त- 2 मार्च को सुबह 9 बजकर 9 मिनट में एकादशी शुरू होगी और 3 मार्च को सुबह 11 बजकर 41 मिनट में एकादशी समाप्त हो जाएगी।
7 मार्च- होलिका दहन, मंगलवार
होलिका दहन को हिंदू धर्म में सबसे बड़ा हवन कहा गया है। इसका धार्मिक और सामाजिक दोनों ही महत्व है। होलिका दहन के दिन क्या हुआ था इसके पीछे की धार्मिक कहानी तो आप सभी को पता है, मगर यह त्यौहार भी बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर बनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त- 7 मार्च को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर शुरू होकर रात 8 बजकर 51 मिनट पर होलिका दहन का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएगा।
9 मार्च- भ्रातृ द्वितीया, गुरुवार
होली के दूसरे दिन भाई दूज मनया जाता है। भाई-बहन का यह पवित्र त्यौहार भाई के माथे पर तिलक लगाकर किया जाता है। इस त्यौहार पर जहां भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है वहीं बहन भाई को आर्शीवाद रूपी उपहार देती है।
शुभ मुहूर्त- भाई के माथे पर टीका आप दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 3 बजकर 15 मिनट तक लगा सकती हैं।
12 मार्च-रंग पंचमी, रविवार
कई लोग रंग पंचमी के दिन होलिका दहन की विधि को पूरा करते हैं। घर में हवन होता है और फिर रंग का पर्व शुरू होता है। हालांकि होली के दिन से ही रंग खेलने की शुरुआत हो जाती है और फिर यह रंग पंचमी वाले दिन तक चलती है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इस दिन धूमधाम से मनाया जाता है।
शुभ मुहूर्त- 12 मार्च 2023 को 12 बजकर 35 मिनट पर यह पर्व शुरू होगा और 13 मार्च 2023 को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर यह पर्व खत्म हो जाएगा।
15 मार्च- शीतला अष्टमी, बुधवार
उत्तर भारत में इस पर्व बसोड़ा कहा जाता है और इसलिए बासी खाने से शीतला माता को प्रसाद अर्पित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शीतला माता की पूजा करने से किसी भी प्रकार का संक्रमण शरीर में नहीं होता है। खासतौर पर हिंदू धर्म में चिकन पॉक्स, स्मॉल पॉक्स और मिजिल्स सहित कई बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए शीतला माता की पूजा की जाती है। शीतला माता आपके शरीर में ठंड लाती हैं और किसी भी प्रकार के संक्रमण दूर करता है।
शुभ मुहूर्त- यह पर्व 14 मार्च को रात 8 बजकर 22 मिनट में शुरू होकर 15 मार्च शाम 6 बजकर 45 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
22 मार्च- चैत्र नवरात्रि, बुधवार
इस बार नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च तक है। चैत्र नवरात्रि हिंदू कैलेंडर का पहला सबसे बड़ा पर्व है। ऐसा कहा जाता है कि इन्हीं दिनों में ब्रह्मा जी ने दुनिया का निर्माण शुरू किया था। भगवान विष्णु का अवतार श्री राम जी का जन्म भी चैत्र नवरात्रि के दौरान ही हुआ था।
शुभ मुहूर्त- 22 मार्च बुधवार के दिन सुबह 6 बजकर 23 मिनट से लेकर आप 7 बजकर 32 मिनट तक घटस्थापना कर सकती हैं।
30 मार्च- राम नवमी, गुरुवार
रामनवमी के दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था और इस दिन को हिंदुओं में एक बड़े पर्व की तरह मनाया जाता है। कई लोग इस दिन गृह प्रवेश, भूमि पूजन, नए काम की शुरुआत आदि भी करते हैं और घरों में राम दरबार की पूजा की जाती है।
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