साल भर के इंतजार के बाद गणेश चतुर्थी का त्योहार फिर से आने वाला है। इस वर्ष 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी है और इसके 10 दिन बाद अनंत चौदस तक पूरे देश में गणेश उत्सव मनाया जाएगा। मगर विश्व भर में फैले कोविड-19 संक्रमण से भारत की जंग अभी खत्म नहीं हुई है। हालांकि, कई सावधानियों का ध्यान रखते हुए देश में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, मगर कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए लोग हर वो जरूरी काम कर रहे हैं, जो उन्हें इस संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकता है।
ऐसे में गणेश उत्सव के शुरू होने का उत्साह तो सभी के मन में, मगर पहले के वर्षों जैसी चकाचौंध और धूम शायद इस वर्ष देखने को न मिले। बड़ी बात तो यह कि इस बार गणेश उत्सव में मुंबई में 86 सालों से सजने वाला 'लाल बाग का राजा' पंडाल भी नहीं सजेगा। इतना ही नहीं, यहां गणपति की प्रतिमा तक नहीं रखी जाएगी। आपको बता दें कि मुंबई के 'लाल बाग के राजा' के दर्शन करने हर साल लाखों लोग देश के कोने-कोने से मुंबई पहुंचते थे लेकिन इस साल ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलेगा।
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यह खबर मन को उदास जरूर करती है कि इस वर्ष 'लाल बाग के राजा' के दर्शन नहीं होंगे, मगर मुंबई के लाल बाग में इस वर्ष गणेश उत्सव की जगह 'आरोग्य उत्सव' मनाया जा रहा है। 'लाल बाग के राज' मंडल के प्रेसिडेंट बालासाहेब कांबली ने इस बारे में बताया, 'यह मुश्किल समय है, हम सभी को एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। गणपति भी यही चाहते हैं और इसी वजह से हम इस वर्ष 'गणपति उत्सव' की जगह 'आरोग्य उत्सव' मना रहे हैं। ताकि लोगों की मदद हो सके।'(इन मंत्रों के साथ करें गणेश जी की स्थापना)
क्या है आरोग्य उत्सव
बालासाहेब ने बताया, ' इस उत्सव में प्लाजमा डोनेशन और ब्लड डोनेशन कैम्प लगाया गया है। इस कैंप में आकर जो लोग अपना प्लाजमा डोनेट करेंगे उसे हम अस्पताल में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दे देंगे। इस कैम्प में प्लाजमा डोनेशन के लिए 250 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है और अब तक 100 लोग अपना प्लाजमा डोनेट कर चुके हैं। 21 अगस्त तक प्लाजमा डोनेशन का कैम्प चलता रहेगा और 22 अगस्त से जब गणपति उत्सव शुरू होगा तब हमारा ब्लड डोनेशन का कैम्प अगले 10 दिन के लिए शुरू हो जाएगा।' अर्थात देखा जाए तो बेशक इस बार 'लाल बाग के राजा' के दर्शन और प्रशाद के लिए भक्त तरसें, मगर इस बार उन्हें 'लाल बाग के राजा' एक अच्छा काम करने का मौका दे रहे हैं।
'लाल बाग के राजा' से जुड़े रोचक तथ्य
- लाल भाग गणेशोत्सव मंडल की स्थापना साल 1934 में हुई थी।
- लाल बाग में सबसे पहले गणेश उत्सव मनाना वहां की मिल में काम करने वाले मजदूरों और छोटे-मोटे दुकानदारों ने शुरू किया था।
- आपको बता दें कि वर्ष 1934 से लेकर अब तक हर साल लाल बाग के राजा की प्रतिमा कांबली परिवार के मूर्तिकार ही बनाते आ रहे हैं।
- लाल बाग के राजा पंडाल में रखे जाने वाली प्रतिमा की एक खासियत यह भी है कि इस प्रतिमा को जहां स्थापित किया जाता है, वहीं पर बनाया भी जाता है।
- यहां हर वर्ष 14 से 20 फिट उंची गणेश प्रतिमा का निमार्ण किया जाता है। (विघ्नहर्ता गणेश जी की 4 रोचक कथाएं)
गणेश उत्सव से जुड़ी और भी रोचक बातों को जानने के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।
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