दिवाली और धनतेरस त्योहार रौशनी के साथ साथ खरीदारी के लिए भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप धनतेरस पर गहने की खरीदारी करने वाले तो आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बाजार में मिलावटी धातू वाले गहनों का खरीद फरोख्त भी होता है। धनतेरस पर सोने और चांदी के गहने खरीदना हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोने और चांदी के गहने खरीदने से घर में लक्ष्मी जी का आगमन होता है। लेकिन, धनतेरस पर सोने और चांदी के गहने खरीदते समय सावधानी भी बरतनी चाहिए।
बाजार में नकली गहने भी बेचे जाते हैं। इन गहनों में चांदी, तांबा या अन्य धातुओं को मिलाकर बनाया जाता है। नकली सोने की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन कुछ आसान तरीकों से आप असली-नकली सोने की पहचान कर सकते हैं। हमारे एक्सपर्ट अंकित गाला(एमडी, अंतरा ज्वेलरी) ने यह बताया है कि आपको गोल्ड ज्वेलरी खरीदते समय क्या ध्यान रखना होगा।
इन तरीकों से मदद मिलेगी असली-नकली गहनों की पहचान:
BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो से असली-नकली गोल्ड कैसे पहचानें
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) भारत में सोने के गहनों के लिए हॉलमार्किंग की जिम्मेदारी संभालता है। हॉलमार्किंग एक सरकारी प्रमाणन प्रणाली है जो सोने के गहनों की शुद्धता की गारंटी देती है। भारत में, 14K, 18K, 22K, और 24K सोने के गहनों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य है।
BIS हॉलमार्क में सोने की शुद्धता को एक अंक के साथ दर्शाया जाता है। उदाहरण के लिए, 14K सोने के गहनों पर 585 का हॉलमार्क होता है, जो 14 कैरेट सोने यानी 58.5% शुद्ध सोने को दर्शाता है। BIS हॉलमार्क का नकली बनाना मुश्किल होता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। इसलिए, सोने के गहनों को खरीदते समय BIS हॉलमार्क को ध्यान से देखना चाहिए।
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हॉलमार्किंग (Hallmarking):
सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग एक जरूरी प्रक्रिया होती है। हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता की पहचान की जा सकती है। लेकिन हॉलमार्किंग भी नकली हो सकती है। इसलिए हॉलमार्किंग को ध्यान से जांच करें। हॉलमार्किंग में सोने की शुद्धता, निर्माता का नाम और परीक्षण केंद्र का नाम अंकित होता है।
सभी सोने की वस्तुओं के लिए छह अंकों का हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) जरूरी है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मुताबिक HUID या हॉलमार्किंग से गहनों की पहचान की जाती है। इसमें अक्षर और अंक दोनो ही शामिल होते हैं। यह संख्या टेस्टिंग सेंटर पर गहनों के पीस पर लगाई जाती है।
आघात परीक्षण (Shock test):
- एक चांदी की कटोरी में थोड़ा सा नींबू का रस डालें।
- फिर सोने के गहने को नींबू के रस में डुबो दें।
- अगर गहने पर कोई काला धब्बा दिखाई दे, तो समझ लें कि गहने नकली हैं।
- असली सोने पर नींबू के रस से कोई असर नहीं होता है।
खुरचने का परीक्षण (Scratch test):
- एक सफेद कपड़े पर गहने को रगड़ें।
- अगर कपड़े पर कोई काला धब्बा दिखाई दे, तो समझ लें कि गहने नकली हैं।
- असली सोना खुरचने से कोई असर नहीं होता है।
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अम्ल परीक्षण (Acid test):
- गहने को एक टार्च के नीचे रखें।
- अगर गहने पर कोई गहरा दाग दिखाई दे, तो समझ लें कि गहने नकली हैं।
- क्योंकि असली सोने पर कोई गहरा दाग नहीं होता है।

अल्कोहल परीक्षण (Alcohol test):
- एक कॉटन बॉल पर थोड़ा सा अल्कोहल लगाएं।
- फिर सोने के गहने को कॉटन बॉल से रगड़ें।
- अगर गहने पर कोई काला धब्बा दिखाई दे, तो समझ लें कि गहने नकली हैं।
- असली सोने पर अल्कोहल से कोई असर नहीं होता है।
बीआईएस केयर ऐप का ऐसे इस्तेमाल करें:
- Google Play Store/Apple ऐप स्टोर पर जाएं।
- BIS केयर ऐप इंस्टॉल करें।
- अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर कर लें, इसके बाद आप वेरीफाई HUID से गहनों की जांच कर सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर आप नकली सोने के गहनों से बच सकते हैं और असली सोने के गहने खरीद सकते हैं।
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