मिर्जापुर की राजकुमारी चंद्रकांता को बचपन में हो गया था प्यार, जानिए अमर प्रेम कहानी

आपने यकीनन मुगल या राजपूत महारानियों के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप मिर्जापुर की इस राजकुमारी के बारे में जानते हैं।

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आजाद हिन्दुस्तान के पीछे कई ऐसी महिलाओं का हाथ रहा है, जिन्होंने हिंदुस्तान को आजादी दिलाने के लिए अपना पूर्ण योगदान दिया। आज भी इतिहास के पन्नों में कई ऐसी महिलाओं के नाम दर्ज हैं, जिन्हें पढ़ जाना चाहिए। हालांकि, भारत की आजादी से पहले कई ऐसे वंशज रहे हैं जिनकी अपनी अलग कहानी और संघर्ष रहा है।

इन वंशज में कई महिलाएं ऐसी भी रही हैं जिन्होंने न सिर्फ शासन किया बल्कि कई प्रेरणादायक काम भी किए हैं। इनमें से एक हैं राजकुमारी चंद्रकांता। मगर बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्हें मिर्जापुर की राजकुमारी चंद्रकांता और उसके रहन-सहन के बारे में मालूम होगा।

कौन थीं राजकुमारी चंद्रकांता?

चंद्रकांता सोनभद्र के महाराजा जय सिंह की बहुत बहादुर बेटी थीं। रानी के माता का नाम रत्नगर्भा था, जो मिर्जापुर के राजकुमार की खास पत्नी थीं। कहा जाता है कि चंद्रकांता का जन्म 1938 में हुआ था। हालांकि, सोनभद्र को अब मिर्जापुर के नाम से जाना जाता है, जहां राजकुमारी की प्रेम कहानी काफी लोकप्रिय है।

रानी चंद्रकांता की प्रेम कहानी

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बता दें कि रानी चंद्रकांता को बचपन में ही वाराणसी जनपद नौगढ़ राज्य के अधिपति सुरेंद्र सिंह के बेटे से प्यार हो गया था। जिनके पुत्र का नाम राजकुमार वीरेंद्र सिंह था। कहा जाता है कि राजकुमारी को पहली नजर में ही राजकुमार से प्यार हो गया था, जिसे पूरा करने के लिए चंद्रकांता पूरी दुनिया से लड़ बैठीं। हालांकि, इन दोनों की प्रेम कहानी किसी कारणवश पूरी नहीं हो सकी, लेकिन आज भी इन दोनों की प्रेम कहानी की मिसाल दी जाती है। (रानी लक्ष्‍मी बाई की कहानी)

नौगढ़ और विजयगढ़ की दुश्मनी थी रुकावट

लेखक देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास में उल्लेख मिलता है कि चंद्रकांता की प्रेम कहानी के बीच तमाम तरह के अवरोध थे जैसे जाति। यह भी कहा जाता है कि उनकी कहानी में सबसे बड़ी रुकावट दो परिवारों की दुश्मनी थी। बता दें कि नौगढ़ और विजयगढ़ के बीच दुश्मनी का रिश्ता था। (मारवाड़ की रानी के बारे में)

इतिहास के अनुसार विजयगढ़ के महाराज नौगढ़ के राजा को अपने भाई की हत्या का जिम्मेदार मानते थे। इसके अलावा, एक और वजह महामंत्री क्रूर सिंह को भी माना जाता है क्योंकि महामंत्री क्रूर सिंह चंद्रकांता से काफी प्रेम करता था।

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चंदौली जिला है प्रेम कथा का गवाह

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इतिहास में कई जगह उल्लेख मिलता है कि चंदौली जिले की नौगढ़ की वादियां राजकुमारी चंद्रकांता की प्रेम कहानी का गवाह है। इसलिए यहां के ज्यादातर लोगों को चंद्रकांता की प्रेम कहानी के कई किस्से पता हैं। हालांकि, कहा जाता है कि चंद्रकांता की अमर हो गई थी, लेकिन कई जगह उल्लेख मिलता है कि इनकी प्रेम कहानी का अंत शादी से हुआ था।

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Image Credit- (@Freepik)

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